तुमसा नहीं देखा भाग – 39 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

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भाग ३९

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अब तक आपने पढ़ा :

वादे के मुताबिक़ शौर्य की बर्थडे और शाह ग्रुप मर्जर की पार्टी के बाद शौर्य यशिका को प्रपोज करने के लिए ले जाता था अभिमन्यु और यश ,देविका और गुंजन को घर तक छोड़ने के लिए जाते हैं ।

अब आगे :

अभिमन्यु ड्राइवर कर रहा था तभी यश पूछता है ” भाई आपको तो पता होगा ना कि शौर्य भाई कहाँ प्रपोज़ करने वाले है “?

अभिमन्यु बस मुस्कुरा दिया

“भाई मुझे देखना है वो कैसे प्रोपोज करेंगे प्लीज़ आप चलिए ना वहाँ “

” अरे नहीं ऐसे हम जा नहीं सकते और वो उनके प्राइवेट पल है अच्छा नहीं लगता ” अभिमन्यु ने कहा

“क्यों नहीं जा सकते हम ? मुझे भी देखना था कि मिस्टर रंधावा दी को कैसे प्रोपोज करेंगे ” गुंजन ने कहा

” वैसे मन तो मेरा भी है देखने का “देविका ने कहा

“भाई मेजॉरिटी विंस ले चलिए ना प्लीज़ हम दूर से देखेंगे ” यश ने कहा

” बात दूर या पास से देखने की नहीं है तुम समझो ना फिर अगर शौर्य ने कुछ कहा तो तुमको तो पता है वो कितना गुस्से वाला है “

“अरे क्या गुस्सा करेंगे ऐसा करते है हम फॉलोवर्स और कुछ क्रैकर्स ले चलते है वैसे भी दी को फ्लॉवर्स बहुत पसंद है और क्रैकर्स भी और वो मन लेंगी मिस्टर रंधावा को चलिए ना प्लीज़” गुंजन ने कहा

“हाँ ये सही कह रही है यशी मना लेगी उनको मिस्टर सिंह चलिए ना ” देविका ने कहा

“हम आधे रास्ते पर आ गए है और समय लगेगा यहाँ से हमें जाने में “अभिमन्यु ने कहा

“कोई बात नहीं पहुँच तो जायेंगे ना कांग्रेटुलेट कर देंगे ” देविका ने थोड़ा एक्सीटर होते हुए कहा

अभिमन्यु ने सांस भरी और बोला ” शौर्य मै कुछ नहीं कर सकता इन लोगों की ज़िद पर मुझे तुम्हारा सरप्राइज़ दिखने जाना पड़ेगा ” कह कर आने वाले यू टर्न से अभिमन्यु ने गाड़ी घुमा दी ।

“अभी फ्लॉवर्स और क्रैकर्स कहाँ से मिलेंगे ” गुंजन ने कहा

” वेट मैं देखता हूँ कह कर यश ने अपने फोन से एक नंबर डायल किया और बात की …फिर वो बोला हो गई बात

” भाई अगले यू टर्न पर आप साइड में गाड़ी रोकना “

“अभिमन्यु ने ओके कहा “

आने वाले यू टर्न पर अभिमन्यु ने साइड में गाड़ी रोकी एक डिलेवरी बॉय ने आकर एक पार्सल यश को दे दिया अभिमन्यु ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ गया

उधर शौर्य यशिका के साथ गाड़ी में था शौर्य ने अपने एक हाथ से यशिका के हाथ को पकड़ा हुआ था और गाना बज रहा था

” तुमसे मिल के

ऐसा लगा तुमसे मिल के

अरमां हुए पूरे दिल के “

यशिका मुस्कुरा रही थी उसने शौर्य से पूछा ” हम कहाँ जा रहे है ?”

शौर्य ने उसकी तरफ देखा और बोला ” अभी पता चल जाएगा सरप्राइज़ को सरप्राइज़ ही रहने दें आप ,,, आपको डर लग रहा है “?

“डर लग रहा होता तो मैं आपके साथ क्यों आती ” यशिका ने कहा और अपना हाथ शौर्य के हाथों से निकाल लिया

शौर्य मुस्कुराया और उसने वापस से यशिका का हाथ पकड़ते हुए कहा ” अब ये हाथ नहीं छूटेगा आप कुछ भी कर लो “

यशिका ने मुंह बनाया और विंडो से बाहर देखने लगी

शौर्य ने उसकी तरफ देखा और गाड़ी के पीछे हाथ बढ़ा कर एक बॉक्स उसके सामने रख दिया यशिका ने देखा वो चाकलेट बॉक्स था

“आपके लिए ” शौर्य ने उसके थोड़ा नज़दीक जाकर कहा

यशिका ने शौर्य को थोड़ा पीछे किया और बोली ”  आप ड्राइव कर रहें है सामने देखिए “

शौर्य मुस्कुराया और सामने देखने लगा यशिका भी मुस्कुरा दी

कुछ देर बाद शौर्य ने गाड़ी रोकी यशिका ने देखा वो एक मैदान था जिसमें दूर से बस बड़े बड़े पेड़ थे शौर्य गाड़ी से उतरा और जाकर यशिका की तरफ का दरवाज़ा खोला , यशिका गाड़ी से उतरी शौर्य ने यशिका की तरफ अपना हाथ बढ़ाया तो यशिका ने उसका हाथ थाम लिया चारों तरफ अंधेरा था बस गाड़ी की लाइट से रोशनी थी शौर्य ने गाड़ी बंद कर दी दूर बस एक छोटी सी लाइट दिख रही थी आसमान में चाँद था लेकिन उसकी रोशनी कम थी इसलिए ज़्यादा कुछ दिख नहीं रहा

था ।

“ये आप कहाँ ले आए मुझे यहाँ तो बहुत अंधेरा हैं ” यशिका ने कहा

“मुझ पर भरोसा है ना आप चलो तो   “

यशिका शौर्य का हाथ थमे हुए आगे बढ़ी जा रही थी कुछ दूर चलने के बाद शौर्य ने कहा ” यहीं पर रुको “

यशिका रुक गयी और चारों तरफ देखने लगी पेड़ों के पत्तों की आवाज़ उसे सुनायी दी और एक हल्की सी रोशनी दिखायी बिल्कुल ऐसी जैसे तारे दिखते है एक दो तीन चार धीरे धीरे रोशनी बढ़ने लगी यशिका के चेहरे पर मुस्कुराहट आ  गयी उसने देखा उसके चारों तरफ जो पेड़ है उन पर जुगनू है और वो चमक रहे है शौर्य ने एक जुगनू को पकड़ा और उसके दुपट्टे को पकड़ कर उसमें रख दिया ।

“ये सब ये तो बहुत सुंदर है ” यशिका चारों तरफ देख रही थी वो एक झुरमुट था जिसकी हर डाल पर जुगनू था सारी जगह रोशनी से जगमगा रही थी

शौर्य ने उसे कहा “मैने बहुत सोचा लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया तभी मुझे इस जगह का ख़्याल आया और मैं आपको यहां ले आया “?

“बहुत सुंदर है ये जैसे तारे आ हुए हो जमीन पर ” कहते हुए यशिक ने अपने दुपट्टे में रखे हुए जुगनू को आज़ाद कर दिया

शौर्य ने उसे पीछे से अपनी बाहों में ले लिया यशिका ने उसके हाथ पर अपने हाथ रख दिए

शौर्य मुस्कुराया और उसके कान के पास जाकर धीरे से बोला ” मै आपको अपना बनाना चाहता हूँ हमेशा के लिए बोलो मेरी बनोगी ” ?

यशिका ने अपनी सिर को झुका दिया शौर्य ने उसे अपनी बाहों से आज़ाद किया और उसे अपनी तरफ घुमाया यशिका कि आँखें अभी भी झुकी हुयी थी शौर्य ने उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों से ऊपर किया और उसके होंठों पर अपने होठ रख दिए । कुछ देर बाद शौर्य ने उसे अपने से अलग किया और  यशिका को अपनी बाहों में भर लिया ।यशिका ने भी शौर्य को अपनी बाहों में भर लिया था ।

अब तक अभिमन्यु भी सबको ले लेकर आ गया  उसने अपनी गाड़ी शौर्य की गाड़ी से बहुत पीछे खड़ी की और बहुत धीरे से उसके दरवाज़े बंद किया …चारों उतर कर धीरे से उन दोनों से थोड़ा दूर शौर्य की गाड़ी के पीछे खड़े हो गए लेकिन वहाँ से कुछ ज़्यादा दिख नहीं रहा था बस जगनुओं की वजह से जलती बुझती सी लाइट दिख रही थी वो भी कम हो गई थी।

“कुछ तो दिख नहीं रहा” देविका ने कहा

“ध्यान से देखो तब दिखेगा ” अभिमन्यु ने कहा

“ये शौर्य भाई कहाँ ले कर के आ गए उनको ” यश ने कहा

“शौर्य को कुछ समझ नहीं आ रहा था तो उसने सोचा कि क्यों ना यहाँ आया जाए रात के समय थोड़ी देर के लिए ये जुगनू यहाँ पर आते है और फिर चले जाते है किसी को इस जगह के बारे में ज़्यादा पता नहीं है शौर्य ने सोचा कि ये जगह बेस्ट है कोई है ही नहीं बाक़ी सब जगह कोई ना कोई रहता ही है ” अभिमन्यु ने कहा

शौर्य और आशिक दोनों इन सबसे बेख़बर एक दूसरे की बाहों में थे धीरे धीरे जगनुओं की रोशनी कम होने लगी थी

शौर्य ने यशिका को अपनी बाहों से अलग किया उसने अपनी पॉकेट से एक बॉक्स निकल कर यशिका को दिया यशिका ने वो बॉक्स खोला तो उसमें एक पेंडेंट था यशिका ने उसे बाहर निकाला और देखा तो उसमें वाई और एस बहुत ही खूबसूरती से लिखा था  शौर्य ने उसे उसके हाथ से लिया और यशिका के पीछे जा कर उसे पहना दिया

“कैसा लग रहा है ”  यशिका ने  पेंडेंट को हाथ लगाते हुए पूछा “

शौर्य थोड़ा सा दूर गया उसने देखा फिर यशिका के पास गया और बोला ” बहुत सुंदर किसने दिया “?

यशिका मुस्कुराते हुए बोली ” हैं कोई ख़ास “

“अच्छा जी ,, तो कोई नाम होगा न उनका “शौर्य ने उसके सामने आते हुए कहा

“हाँ है ना ” कहते हुए यशिका ने शौर्य का हाथ अपने हाथ में ले लिया

“क्या नाम है हमें भी बताओ ” शौर्य ने पूछा

यशिका थोड़ा आगे बढ़ गयी थी शौर्य ने उसे अपनी तरफ खींचा उसने यशिका के बालों को उसके कान के पीछे किया

यशिका उसकी आंखों में देख रही थी तभी आसमान में लाइट के साथ रोशनी   हुयी  यशिका और शौर्य ने एक साथ ऊपर देखा आतिशबाज़ी की चमक से दोनों के होंठों पर मुस्कुराहट आ गयी

तभी अभिमन्यु के साथ देविका  ,यश और गुंजन कांग्रेचुलेशंस कहते हुए आगे बढ़ रहे थे , देविका और गुंजन ने यशिका को गले से लगा लिया

अभिमन्यु ने भी शौर्य को गले से लगा लिया था यश भी एक्साइटेड होते हुए अभिमन्यु से कहा ” अब आप ही ढूंढ ही लो कोई भाई वरना शौर्य भाई तो अब आपके साथ नहीं रहने वाले ।

आसमान में एक के बाद एक  आतिशबाज़ी हो रही थी देविका और गुंजन ने फ्लॉवर्स यशिका को दिए । यशिका बस मुस्कुरा कर शर्माए जा रही थी ।

क्रमशः

अगले भाग के साथ जल्दी ही मिलूंगी ….🤗

धन्यवाद

स्वरचित

काल्पनिक कहानी

अनु माथुर ©®

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