शाह ग्रुप का मर्जर आर आर ग्रुप में हो जाता है और रघुवीर जी शौर्य को आर.आर. ग्रुप का चेयरमैन बना देते है ।
अब आगे :
यशिका ने शौर्य को बर्थडे का मेसेज किया और उसके रिप्लाई का वेट करने लगी लेकिन शौर्य का कोई रिप्लाई नहीं आया ” लगता है बर्थडे बॉय सो गए हैं,”
यशिका ने मन में सोचा और फोन साइड में रखने ही वाली थी कि शौर्य का मेसेज आया ” थैंक्यू सो मच, मेरा गिफ्ट ?
यशिका ने थोड़ा सोचा फिर लिखा ” क्या गिफ्ट चाहिए आपको “?
” जो चाहिए मिलेगा ?” शौर्य ने लिखा
“मैं कोशिश करूंगी “
” पार्टी के बाद मैं आपका वेट करूंगा …आप चलेंगी मेरे साथ “?
“कहाँ चलना है “?
“अब ये तो मेरी मर्ज़ी है कि मैं आपको कहाँ ले कर जाऊं “
” कितने बजे ख़त्म होगी पार्टी”
“पता नहीं “
शौर्य का ये मेसेज जब यशिका ने देखा तो उसे कुछ समझ नहीं आया कि वो हाँ करे या नहीं
यशिका ने कुछ जवाब नहीं दिया
फिर उसने लिखा ” आप मेरी जगह होते तो क्या जवाब देते “?
शौर्य ने मैसेज देखा तो मुस्कुरा दिया और लिखा ” मैं अगर आपकी जगह होता तो भरोसा करता और हाँ बोल देता क्योंकि इतना रिश्ता तो बन चुका कि मैं बेफिक्र होकर जा कहीं सकूं”
यशिका ने मैसेज देखा और लिखा ” तो फिर मै भी भरोसा करती हूँ और बेफिक्र होकर चल सकतीं हूँ “
शौर्य ने मैसेज पढ़ा और लिखा “ओके …अभी आप सो जाओ कल मिलते है “
“गुड नाइट “
“गुड नाइट ” यशिका ने लिखा मोबाइल साइड में रखा और सो गई
रंधावा मेंशन
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रंधावा मेंशन में शौर्य की बर्थडे और शाह ग्रुप का मर्जर दोनों की पार्टी तैयारी हो रही थी बहुत सारे लोग आने वाले थे तो तैयारी भी वैसी ही हो रही थी।
शौर्य फ्रेश हो कर अपने कमरे से बाहर आया तो सब उसका इंतजार बाहर हॉल में कर रहे थे
शौर्य मुस्कुराते हुए सीढ़ियों से उतरा उसने सबसे पहले रघुवीर जी के पैर छुए रघुवीर जी ने उसे बर्थडे विश किया आशीर्वाद दिया प्यार से उसे गले से लगा लिया शौर्य ने एक एक करके सबके पैर छुए सबने उसे बर्थडे विश किया और आशीर्वाद दिया
कमला जी ने घर के मंदिर में पूजा की शौर्य को तिलक लगाया और हलवा खिला कर उसका मुंह मीठा किया ।
हैप्पी बर्थडे शौर्य दरवाज़े से अभिमन्यु ने आते हुए कहा उनके पीछे सिद्धार्थ, नीता और यश भी आ गए
थैंक यू शौर्य ने कहा अभिमन्यु ने उसे गले से लगाया और कस से दबा दिया
“अरे छोड़ो भी” शौर्य ने कहा
अभिमन्यु ने उसे छोड़ा शौर्य ने आगे बढ़ कर सिद्धार्थ और नीता के पैर छुए
“कांग्रेचुलेशंस शौर्य ” नीता ने कहा
“थैंक यू ” शौर्य ने बोला
“भाई कांग्रेचुलेशंस एंड हैपी बर्थडे ” यश ने कहा तो शौर्य ने उसे हंसते हुए अपनी बाहों में भर लिया ।
एक नौकर ने आकर सबकी हलवा दिया
“ये हमको बहुत अच्छा लगता है कि शौर्य की बर्थडे पर अम्मा के हाथ का हलवा खाने को मिलता है ” सिद्धार्थ ने कहा
“अरे तो तुम वैसे भी आ सकते हो हम बना देंगे ” कमला जी ने कहा
“नहीं अम्मा वो आप बना ही देंगी लेकिन इस हलवे में कुछ ख़ास होता है इसमें आपका प्यार और आशीर्वाद होता है लोग तो केक काटते है लेकिन शौर्य को आप हमेशा ये ही बना के खिलाती हैं “
” अरे वो सब तो विदेशी चीजें है केक और चॉकलेट हमारी तो परम्परा में हलवा ही सबसे अच्छी चीज़ है खुशियां मनाने के लिए , केके वाली पार्टी तो रात को होगी ” कमलाजी ने कहा
सब हँस दिए ।
“हाँ अम्मा केके वाली पार्टी तो बाहर वालों के लिए है अपने लिए तो ये ही बढ़िया है”
सब लोग बैठकर बातें कर रहे थे
अभिमन्यु ने शौर्य से धीरे से पूछा
“आज का क्या प्लान है “?
“बताता हूँ मेरे कमरे में चलो “शौर्य ने कहा “हम लोग अभी आते है कह कर शौर्य अभिमन्यु के साथ उठ गया”
“अरे पूरे दिन साथ में साथ में रहते हो तुम दोनों घर हो चाहे ऑफिस अभी तो बैठो सबके साथ ” नीलिमा ने कहा
“आता हूँ बस बाहर का देख कर ” शौर्य ने कहा
” अरे जाने दो करनी होगी अपनी कुछ बात ” श्याम जी ने कहा
“कुछ बात नहीं है पापा बस ऐसे ही ” शौर्य ने कहा
“हाँ कोई बात नहीं तुम जाओ देखो बाहर ” श्याम जी के कहा
“चलो तुम भी यश तुम यहाँ क्या करोगे “? अभिमन्यु ने कहा
यश भी उनके साथ जाने के लिए खड़ा हो गया तीनों बाहर आ गए गार्डन में साइड में रखी हुई चेयर पर तीनों बैठ गए
“हाँ तो अब बताओ क्या प्लान है “?
“किस चीज़ का प्लान, हम कुछ करने जा रहे हैं ” यश ने पूछा
“हाँ ये तुम्हारे भाई शौर्य आज यशिका को प्रपोज़ करने जा रहें हैं ” अभिमन्यु ने कहा
“क्या ..यशिका गुंजन की सिस्टर को “?
” हाँ…” शौर्य ने मुस्कुराते हुए कहा
“अरे गुड कांग्रेचुलेशंस भाई ” यश ने कहा
“तो क्या करना है , और कब करना है “
यश ने थोड़ा एक्साइटेड होते हुए पूछा
“पता नहीं ” शौर्य ने कहा
” हैं??? मतलब “
“मतलब ये कि मुझे नहीं पता क्या करूं कोई आइडिया दो तुम लोग “
“लो इनको पता ही नहीं है कि करना क्या है ” अभिमन्यु ने मुंह बनते हुए कहा
“अरे कुछ तो सोचा होगा आपने “? यश ने कहा
“नहीं मुझे नहीं पता मैने कुछ नहीं सोचा ” शौर्य ने कहा
“यू ट्यूब देख लेते कुछ आइडिया मिल जाता ” यश ने कहा
“अरे नहीं वो सब मुझे नहीं करना कुछ यूनीक सा करना है मतलब यशिका सिंपल सी है तो उसके लिए कुछ सिंपल लेकिन यूनीक होने चाहिए ऐसा मैने सोचा ” शौर्य ने कहा
” वो सिंपल और यूनीक क्या है ” अभिमन्यु ने कहा
“वही तो नहीं पता , बस मै पार्टी के बाद यशिका को कहीं ले जाना चाहता हूँ और कुछ अलग करना चाहता हूँ पर क्या ये नहीं पता ,वहीं पर प्रपोज़ भी कर दूंगा “
अभिमन्यु और यश ने बहुत सारी जगह सजेस्ट की लेकिन शौर्य को कुछ भी समझ नहीं आया बिना कुछ डिसाइड किया वो तीनों बस बहस के रहे थे बीच , होटल , मरीन ड्राइव , फोर्ट सब कुछ शौर्य ने रिजेक्ट के दिया था । बहुत देर भी कुछ नहीं समझ आने के बाद शौर्य ने कहा ” रहने दो देखा जाएगा शाम को “
“तुम गाड़ी में ही प्रोपोज़ कर देना “अभिमन्यु ने कहा और हंसने लगा
“रुक जाओ तुम तुम्हारी बारी आएगी तब बताऊंगा “, मै तो कुछ न कुछ कर ही लूंगा ” शौर्य ने कहा
“अच्छा ठीक है अभी तो टाइम है ना शाम तक कुछ ना कुछ सोच ही लेंगे “यश ने कहा
“अच्छा यश तुम ले आओगे क्या यशिका को “? शौर्य ने पूछा
“मै चला जाऊंगा “अभिमन्यु ने बीच में कहा
“नही तुम मेरे साथ रहना यश चला जाएगा मैने तीनों को इनवाइट किया है यशिका और देविका तो आयेंगे ही मैने गुंजन को भी इनवाइट किया है ” शौर्य ने कहा
“हाँ मै ले आऊंगा ” यश ने कहा
सिद्धार्थ , नीता , अभिमन्यु और यश कुछ देर बाद चले गए उन्हें शाम की पार्टी में फिर था ।
शाम का वक़्त
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शाम के छः बज रहे रंधावा मेंशन पार्टी के लिए बिल्कुल तैयार था डेकोरेशन कैटरर्स सब कुछ रेडी था अब बस मेहमानों के आने का इंतजार था ,
रघुवीर जी और बाकी सब रेडी थे धीरे धीरे मेहमानों का आना शुरू हुआ सभी शौर्य को बर्थडे विश कर रहे थे और उसे चेयरमैन बनने की बधाई दे रहे थे लेकिन शौर्य को जिसका इंतजार था वो अभी तक नहीं आयी थी । शौर्य की नजर दरवाज़े पर ही थी तभी यश के साथ यशिका, देविका और गुंजन आते हुए दिखायी दिए शौर्य के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गयी । वो मुस्कुराता हुआ और सबको एक्सक्यूज़ मी करता हुआ आगे बढ़ा यशिका भी उसकी तरफ आ रही थी ।
“हैप्पी बर्थडे मिस्टर रंधावा ” यशिका ने शौर्य को विश किया और एक फूलों का गुलदस्ता उसको दिया “
“थैंक्स ” शौर्य ने बोला
देविका और गुंजन ने भी शौर्य को विश किया
“चलें आप अम्मा पूछ रहीं थीं आपको ” शौर्य ने कहा
शौर्य उन तीनों को कमला जी के पास ले आया था वहाँ बाक़ी सब भी थे यशिका सबसे मिली तभी किसी ने कहा “मिस्टर रंधावा अब केके काटिए हम सब इंतजार कर रहे है “
रघुवीर जी ने शौर्य को आगे जाकर केके कट करने के लिए बोला शौर्य ने केके कट किया रघुवीर जी को और बाक़ी सबको खिलाया । डिनर लग चुका था रघुवीर जी ने सबको डिनर करने के लिए बोला ।
पार्टी ख़त्म होते होते रात के ग्यारह बज गए सब जा चुके थे बस यशिका , देविका और गुंजन ही थे
यशिका कमला जी के पास गयी और उनसे जाने के लिए बोला कमला जी ने कहा ” शौर्य इनको छोड़ कर आओ , और आप आती रहा करो “
यशिका ने मुस्करा कर हाँ कहा
शौर्य के साथ यशिका सबसे मिलकर गाड़ी की तरफ बढ़ गयी । अभिमन्यु और यश भी उनके साथ थे ।
अभिमन्यु ने देविका को मेसेज करके बता दिया था कि यशिका शौर्य के साथ जाने वाली है ये बात गुंजन को भी पता थी शौर्य ने गाड़ी का दरवाज़ा खोला यशिका उसमें बैठ गयी अभिमन्यु दूसरी गाड़ी में देविका और गुंजन के साथ उन्हें छोड़ने के लिए चल गया ।
क्रमशः
अगले भाग के साथ जल्दी ही मिलूंगी ….
धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर ©®