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भाग – ३३
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अब तक आपने पढ़ा :
शौर्य यशिका को श्रीनिवास अपार्टमेंट में से द क्राउन में ले कर आ जाता है और यशिका से मिलने ऑफिस आ जाता है।
अब आगे :
दिनेश कॉफी सर्व करके चला जाता है याधिक कॉफी पीते हुए शौर्य से पूछती है ” आप यहां ऑफिस के बाहर कैसे कोई काम था या किसी से मिलने आए थे “?
“हाँ काम था और किसी से मिलने भी आया था , यशिका आपसे ही मिलने आया था मै अपने बोला था ना कि आप कल अपना सामान लेने जाएंगी तो मैं आ गया “
“हाँ जाना तो है …लेकिन मीटिंग्स भी है “
“तो मीटिंग अटेंड करके चलते है हम “
“हम मतलब ?आप क्यों चलेंगे ? मै कर लूंगी पैकिंग देविका और गुंजन भी तो है ,”
“हाँ वो तो हैं ही आप अपना सामान पैक करना बाक़ी पैकर्स कर देंगे और पहुँचा भी देंगे मैने अमर से बात कर ली है आप जब बोले तब सामान पहुँच जाएगा “
यशिका ने ज़्यादा कुछ बोलना ठीक नहीं समझा उसने हाँ के दिया
“वैसे उसका रेंट कितना है ये बताया नहीं आपने और कितना डिपॉजिट देना है ” यशिका ने पूछा
“आपको पसंद आया न फ्लैट”?
“हाँ फ्लैट तो अच्छा है “
“तो बस रेंट की फिक्र मत करो आप , और अच्छी बात है कि आपके ऑफिस के पास है”
“हाँ ये तो अच्छा है ही गुंजन का ऑफिस भी यहाँ से पास ही है “
“अपना फोन दो आप “?
“फोन क्यों” ?
“एक ऐप डाउनलोड कर देता हूँ मै “
“कौन सा ऐप “
“आपकी लोकेशन का ऐप आप जहाँ जाओगी मुझे पता रहेगा “
यशिका ने शौर्य की इस बात पर हैरान होकर उसे देखा और बोली ” वो आपको क्यों पता होना चाहिए कि मै कहाँ जा रही हूँ “?
“यशिका ….देखो अब ना ये सब मत करो प्लीज़…. मुझे पता है आप मुझे पसंद करती हो वरना ऐसे आप मुझसे बात नहीं कर रहीं होती …क्या बात आपको रोक रही है मुझे ये नहीं पता लेकिन आपकी आँखें सब कुछ कह रहीं हैं “
“मिस्टर रंधावा ….. ऐसा कुछ नहीं है “
शौर्य यशिका की तरफ थोड़ा सा झुका तो यशिका ने अपनी गर्दन झुका ली नज़रें नीचे कर और अपनी दोनों मुट्ठी बंद कर ली
शौर्य ने उसकी झुकी हुई गर्दन को ऊपर किया उसके थोड़ा क़रीब गया और बोला …. ये झुकी हुई नज़रे , ये घबराहट ये सांसों का ऊपर नीचे होना , मेरा इतने क़रीब आना ये कुछ नहीं है “?
यशिका ने नज़रे उठा कर देखा शौर्य उसके बहुत क़रीब था यशिका बस उसे देखे जा रही थी शौर्य ने उसकी आँखों
में देखते हुए अपने होंठो से उसके होंठों को छू दिया और पीछे हो गया ।
यशिका जाने के लिए उठी तो शौर्य भी उठ गया और ने उसे अपनी तरफ खींचा और उसे वैसे ही अपनी बाहों के घेरे में ले लिया वो उसके क़रीब होकर बोला ” कह दो कि आप मुझे पसंद करती हो मुहब्बत है मुझसे “
यशिका का दिल बहुत ज़ोर से धड़क रहा था उसने सिर नीचे किया और शौर्य के हाथों पर अपना हाथ रख दिया , ये होते ही शौर्य मुस्कुरा दिया उसने यशिका को अपनी तरफ घुमाया और उसे गले से लगा लिया ।
यशिका ने भी शौर्य को अपनी बाहों में भर लिया दोनों एक दूसरे को बाहों में लिए इस पल को महसूस कर रहे थे
कुछ देर बाद शौर्य ने यशिका को अपने से दूर किया यशिका ने शौर्य की तरफ देखा तो शौर्य मुस्कुरा रहा था
तभी दरवाज़े पर किसी ने नॉक किया यशिका ने अपने को ठीक किया और बोली “कम इन “
मैम अगर आपकी बात हो गयी हो मिस्टर रंधावा से तो आपने जो मीटिंग पोसफोन की थी उसका टाइम हो रहा है
दस मिनट में आप मीटिंग राम में आ जाएं ” दिनेश ने कहा
“हाँ ठीक है मैं आती हूँ आप चलो और ये सब क्लीन करवा दो “
दिनेश के जाने के बाद शौर्य ने यशिका से कहा आप जय मीटिंग अटेंड करो मै यहीं हूँ फिर साथ चलेंगे यशिका शौर्य की बात सुनकर मीटिंग अटेंड करने चली गई ।
यशिका मीटिंग अटेंड कर के आयी, और शौर्य के साथ श्रीनिवास अपार्टमेंट से अपना सामान पैक करवा कर “द क्राउन,” में ले आयी
अगले दिन रंधावा के ऑफिस में
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अभिमन्यु शौर्य के साथ बैठा हुआ था और दोनों कोई रिपोर्ट देख रहे थे
“शौर्य “अभिमन्यु से कहा
“हाँ बोलो “
“शौर्य ये अभी सब जो यशिका के साथ हुआ तुम्हें नहीं लगता कि ये सब करतार सिंह ने जान बूझ कर किया है “
“हाँ लगता तो है ” शौर्य ने कहा
“उसने यशिका को कुछ भी नहीं कहा बस तुम्हें मेसेज किया वो भी तब जब तुम बिल्डिंग में आ गए “
“तुम सही कह रहे हो वो बस ये जानना चाहता था कि मेरा और यशिका का क्या रिश्ता है “
“हाँ और शौर्य तुम्हें भी थोड़ा अलर्ट रहना होगा वो कुछ भी कर सकता है “
“तुम फिक्र मत करो मैं ध्यान रखूंगा “
“तुमने घर में बताया “?
“हाँ बता दिया है वरना फिर पहले की तरफ बाउजी मुझे सुना देते कि क्यों नहीं बताया “
“देविका और गुंजन भी ठीक है अभिमन्यु ने कहा
“हाँ सब ठीक है क्यों तुमने बात नहीं करी “?
“हाँ की थी बस हाल पूछ लिया था , और तुम्हारी लव स्टोरी कहाँ तक पहुँची मैने पूछा ही नहीं तुमसे “
“बस पहुँच गयी जहां तक पहुँचनी थी “कह कर शौर्य मुस्कुरा दिया
“क्या बात है मतलब अब तुम्हारा बैंड बजाने की तैयारी कर ली जाए “
“नहीं अभी तो ऐसा कुछ नहीं सोचा अभी तो बिज़ी है थोड़े दिन बाद सोचेंगे “
“चलो कोई बात नहीं “
शौर्य और अभिमन्यु दोनों ही काम करते हुए बातें कर रहे थे
एक महीना हो गया था यशिका को द क्राउन में शिफ्ट हुए सब ठीक चल रहा था , शौर्य उस से मिलने कभी कभी ऑफिस में आ जाता था वरना उनकी बातें फोन पर होती थी
यशिका अपने काम को लेकर काफ़ी सीरियस थी और अब वो काफ़ी कुछ हैंडल भी करने लगी थी ।
यशिका देविका और गुंजन तीनों अब इस नए घर में अच्छे से सेटल हो गए थे
अमित शाह की तबियत कुछ ठीक नहीं थी शौर्य , अभिमन्यु और दिनेश उन्हें हॉस्पिटल ले कर आए थे शौर्य ने यशिका को और अपने घर में बता दिया था
यशिका तुरंत हॉस्पिटल जाने के लिए देविका के साथ निकल गई रघुवीर जी भी श्याम जी के साथ हॉस्पिटल आ गए थे ।
शौर्य ने सबको बाहर ही बैठने के लिए बोल दिया था डॉक्टर अमित शाह को देख रहे थे बस शौर्य और दिनेश अंदर थे ।
डॉक्टर जब अंदर से बाहर आए तो रघुवीर जी ने अमित शाह की तबियत के बारे में पूछा डॉक्टर ने उन्हें बताया कि हम जो कर सकते है हम कर रहे है और आप चाहे तो उनको घर ले जा सकते है
शौर्य कुछ देर में रूम से बाहर आया उसने रघुवीर जी से सब बात बतायी और ये भी कहा कि अमित सर घर जाना चाहते है
रघुवीर जी ने शौर्य की बात को समझते हुए अमित शाह के घर जाने का इंतेज़ाम करने के लिए बोला।
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अगले भाग के साथ जल्दी ही मिलूंगी
धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर ©®