तुमसा नहीं देखा भाग – 31 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

शौर्य श्याम जी को सुजीत त्रिपाठ का और अमित शाह का सच बताता है

अभिमन्यु को यशिका वाले हादसे के बारे में पता चल जाता है ।

अब आगे :

एनवल मीटिंग में शौर्य और यशिका एक टेबल पर साथ बैठे थे तभी वहां ज्ञानचंद आ कर बैठ जाता है ।

“आप दोनों को साथ देखकर अच्छा लगा … वैसे साथ में काम कर रहे है तो  इतना मिलना जुलना अच्छा है … और शौर्य साहब बताए सब कैसा चल रहा है “? ज्ञानचंद ने पूछा

“सब ठीक है आप बताएं”? शौर्य ने कहा

“बस हम भी लगे हुए है … अब आप के जैसे तो नहीं लेकिन बस हो रहे है

काम ” ज्ञानचंद ने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा और एक वेटर को इशारा कर अपनी तरफ बुलाया …वेटर आया तो ज्ञानचंद ने एक सॉफ्टड्रिंक का ग्लास ले लिया और हाथ उठा कर चेयर्स किया ।

“मैंने सुना है अपने अपनी एक अच्छी टीम बना ली है ” शौर्य ने कहा

” हाँ बस हम लोग साथ में है , वैसे यशिका जी के साथ तो आप है इनका पूरा सपोर्ट करने के लिए “

शौर्य बस मुस्कुरा दिया

” साथ ही नहीं पूरी सेफ्टी के लिए है ” पीछे से आते हुए करतार सिंह ने कहा

करतार सिंह ने शौर्य को देख कर अपनी गर्दन नीचे कर उसे ग्रीट किया

शौर्य ने करतार सिंह की तरफ देखा

“होंगे क्यों नहीं अब हम इनके साथ काम कर रहें है तो ये जरूरी है कि रंधावा अपने हर पार्टनर का ध्यान रखे “अभिमन्यु आते हुए बोला

“अभिमन्यु सिंह बहुत दिनों बाद आपसे मुलाक़ात हुई ” ज्ञानचंद ने कहा

“आप आए ही नहीं आर.आर. ग्रुप में हम तो इंतजार ही करते रह गए , और आप तो दूसरे कामों में लग गए” अभिमन्यु ने कटाक्ष किया और वहीं बैठ गया

ज्ञानचंद और करतार सिंह समझ गए थे कि अभिमन्यु क्या बात कर रहा है ज्ञानचंद ने करतार सिंह की तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा ” लगता है आपके नेटवर्क कुछ ज़्यादा ही फास्ट है “

” रखने पड़ते है ज्ञानचंद जी “

आपको तो पता ही है अगर नेटवर्क नहीं होगा तो काम कैसे चलेगा

“अच्छा छोड़े ये सब बातें और यशिका जी आप बताएं , आपको कैसा लग रहा है अब शाह ग्रुप आपका हो गया है “

” जी बस ठीक ही चल रहा है ” यशिका ने छोटा सा जवाब दिया

“आपका तो ग्लास खाली हो गया “कहते हुए ज्ञानचंद ने वेटर को बुलाया और उस से लेकर एक सॉफ्ट ड्रिंक का गिलास यशिका को दिया

“यशिका ने शौर्य की तरफ देखा “

“अरे ज्ञानचंद जी रहने दीजिए आप मुझे दें दे ये ग्लास ” शौर्य ने कहा

ज्ञानचंद ने एक नज़र यशिका को देखा और फिर हल्की सी स्माइल के साथ ग्लास को शौर्य को दे दिया

“यशिका जी आपको पता है जब से शौर्य रंधावा ने बिज़नस संभला है तब से लेकर आजतक मैने पहली बार इनको ऐसे किसी के लिए इतना प्रोटेक्टिव होते देखा है , क्या बात है शौर्य साहब कोई ख़ास वजह इसकी “

ज्ञानचंद ने कहा

“अभी बताया तो अभिमन्यु ने आपको की हम सबका ध्यान रखते है “

“ध्यान रखने और किसी को प्रोटेक्ट करने में फर्क होता है शौर्य साहब , चलिए आप बैठे मैंचलता हूँ चलो करतार” कह कर ज्ञानचंद उठा और

वहाँ से चला गया

यशिका ने राहत की सांस ली

” देखा आपने यशिका जी कैसे लोग है यहाँ, ये तो बस एक हैं  ऐसे पता नहीं कितने ही लोग है इसलिए आपके प्रोटेक्शन की जरूरत है ” अभिमन्यु ने कहा

यशिका कुछ कुछ समझ रही थी

“ओह !! अभी छोड़ो तुम डराओ मत कुछ नहीं होगा रिलैक्स ” शौर्य ने कहा

शौर्य ने बहुत से लोगों से यशिका को मिलवाया , डिनर किया और उसे  श्रीनिवास अपार्टमेंट के सामने छोड़ के वापस अपने घर चला गया ।

शौर्य घर पहुँचा और अपने रूम में चला गया उसने चेंज किया और बेड पर लेट गया ।

अभिमन्यु भी अपने घर पहुंच गया था वो अपने रूम में जा ही रहा था कि उसका फोन बजा फोन पर देविका का नाम देखकर उसने फोन पिक किया और बोला

“हैलो हाँ बोलें देविका “

“सर वो मीटिंग ख़त्म हो गई क्या ?”

“हाँ… मै बस अभी घर आया हूँ क्या हुआ “

“सर वो यशी आई नहीं तो मैने उसको फोन किया लेकिन उसका फोन नहीं लग रहा इसलिए मैने आपको फोन किया “

“यशिका को तो शौर्य ने घर छोड़ा है आप रुको मैं कांफ्रेंस कॉल करता हूँ “

अभिमन्यु ने शौर्य को कॉल किया और देविका के साथ कॉल को मर्ज कर दिया

” शौर्य कॉल पर देविका है  यशिका को तुमने कहाँ छोड़ा वो घर नहीं पहुँची है “

“क्या ….? घर नहीं पहुँची मतलब “शौर्य उठ कर बैठ गया “

“शौर्य से यशी घर आयी नहीं आप ने कब छोड़ा उसे “

“करीब एक घंटा हो गया “

“लेकिन यशी आयी नहीं अभी तक “

” आप घबराओ मत मैं देखता हूँ , अभी

आओ तुम” कह कर शौर्य ने उठा और अपने रूम से बाहर आ गया अभिमन्यु उसी वक्त वापस से घर से बाहर आया और गाड़ी में बैठकर रंधावा मेंशन की तरफ निकल गया

शौर्य ने सचिन को फोन किया

“जी सर बोलें” सचिन ने कहा

“सचिन यशिका घर नहीं पहुँची हैं”

सचिन भी सोने की तैयारी में था उसने बेड पर से उठते हुए कहा

“मतलब सर “?

“तुम गार्ड्स को फोन करो और पूछो कि यशिका कहाँ है” और जितना जल्दी हो सके श्रीनिवास अपार्टमेंट आओ

“जी सर “कह कर सचिन ने गार्ड्स को फोन किया , गार्ड्स ने बताया कि यशिका बिल्डिंग से बाहर गई ही नहीं

कुछ देर में अभिमन्यु शौर्य को पिक करके श्रीनिवास अपार्टमेंट पहुँच गया सचिन भी पहुँच गया । गार्ड्स भी वहीं आ गए थे उन्होंने शौर्य को बताया कि यशिका बिल्डिंग से बाहर गयी ही नहीं ।

सौर ने यशिका का फोन लगाया लेकिन वो फोन नॉट रीचेबल बता रहा था देविका और गुंजन दोनों ही नीचे आ गयी थीं गुंजन को तो कुछ पता ही नहीं था वो कुछ समझ ही नहीं पा रही थी कि ये क्या हो रहा है बस उसकी आँखो में आंसू थे और वो देविका को पकड़े हुए खड़ी थी ।

शौर्य और अभिमन्यु ने वॉचमेन से पूछा तो उसने भी यही कहा कि यशिका बाहर नहीं गयी।

बात कुछ देर पहले की ही थी तो सचिन ने वॉचमेन से सी.सी.टीवी देखने के लिए बोला वॉचमेन ने सचिन को सी. सी.टीवी दिखाया उसमें यशिका गेट से आती हुई और लिफ्ट की तरफ जाती हुई दिख रही थी

“लिफ्ट की फुटेज ” सचिन ने पूछा

वो तो दिन दिन पहले खराब हो गया कल आयेगा

“सर यशिका मैम लिफ्ट में जाते हुए दिख रहीं है लेकिन लिफ्ट में कैमरा ना होने की वजह से हम देख नहीं पा रहे है “

शौर्य ने इधर – उधर देखा और बोला ” यहीं है यशिका लेकिन अब अगर हम इतनी रात में किसी के घर जाकर पूछेंगे तो बेकार में बात फैल जाएगी और हम पुलिस को भी नहीं बता सकते “, तभी शौर्य के फोन में मेसेज आया उसने देखा और उसे पढ़ने लगा  उसने अभिमन्यु को वो मेसेज पढ़ने के लिए कहा

अभिमन्यु ने मैसेज पढ़ कर देविका से कहा ” आप चलो अपने रूम में शौर्य ले कर आ जाएगा यशिका को …सचिन तुम भी जाओ और वॉचमेन को बोल दो कि अपनी जुबान बंद रखे किसी को कुछ बताया तो अच्छा नहीं होगा “

सचिन समझ गया था कि यशिका का पता चल गया है उसने वॉचमैन को बोला और अपने घर की तरफ निकल गया

अभिमन्यु देविका और गुंजन के साथ उसके रूम में आ गया

शौर्य लिफ्ट से होता हुआ रूम नंबर १२०३ के सामने जाकर खड़ा हो गया उसने डोर बेल बजायी दरवाज़ा किसी ने अंदर से खोला शौर्य अंदर गया उसने देख कमरे में अंधेरा था और एक रेड लाइट जल रही थी

“शौर्य रंधावा वेलकम ” करतार सिंह ने कहा

“यशिका कहाँ है “?

“अंदर है जाओ “

शौर्य अंदर गया यशिका चेयर पर बैठी हुई थी वो बिल्कुल ठीक थी बस थोड़ी घबरायी हुयी लग रही थी शौर्य यशिका के पास गया और बोला ” यशिका “

यशिका ने शौर्य की तरफ देखा और उठ कर खड़ी हो गयी।

“चलें “शौर्य ने कहा और अपना हाथ आगे बढ़ा दिया

यशिका ने शौर्य का हाथ पकड़ लिया और उसके साथ बाहर आ गयी

“देखा यशिका जी मैने कहा था ना कि शौर्य ज़रूर आयेगा ” करतार सिंह ने कहा

यशिका ने करतार सिंह की तरफ देखा और बोली ” ये आपने अच्छा नहीं किया , ऐसा करके क्या लिया अपने “?

“आप नहीं समझोगी यशिका गुप्ता जो मुझे देखना था मैने देख लिया , शौर्य रंधावा ये तो बस ट्रेलर था अब पूरी पिक्चर बनेगी “

“करतार सिंह लड़ना है तो सामने से लड़ो ये इस तरह तो ठीक नहीं लगता ना अब अगर तुम इस तरह करोगे तो सोच लो फिर तुम्हारे अपने भी है ” शौर्य ने कहा

“मैने तो कुछ किया ही नहीं बताइए ना यशिका जी ” कहते हुए वो आगे आने लगा

“वहीं रुक जाओ “शौर्य ने कहा

“ठीक है रुक जाते हैं वैसे शौर्य साहब आप तो कह रहे थे कि आपने इनकी सेफ्टी का इंतजाम किया है तो वो मुझे तो नहीं लगा ज़रा अपने आदमियों से कहें कि ध्यान रखे ऐसे कैसे काम करते है वो की उन्हें कुछ पता नहीं चला “

शौर्य बिना कुछ कहे वहाँ से यशिका का हाथ पकड़ कर चला गया ।

क्रमशः

अगले भाग के साथ जल्दी ही मिलूंगी।

धन्यवाद

स्वरचित

काल्पनिक कहानी

अनु माथुर ©®

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