अब तक अपने पढ़ा…
शौर्य परेशान सा घर आता है रघुवीर जी और श्याम जी उस से प्रोजेक्ट के बारे में पूछते है तो वो कोई जवाब नहीं दे पाया दूसरी तरफ यशिका और देविका प्रोजेक्ट मिलने की खुशी मना रहे है ।
अब आगे…
शौर्य बेड से उठा वॉश रूम में गया और फ्रेश हो कर बाहर आया उसने फोन देखा तो बहुत लोगों के मिस्ड कॉल थे उसने बिना किसी को देखे फोन अपने पॉकेट में डाला और नीचे उतर कर आया … रघुवीर जी और बाकी सब उसका डिनर पर इंतजार कर रहे थे
कमला ने उसे पुकारा ” शौर्य आओ डिनर रेडी है “
शौर्य आया और कुर्सी पर बैठ गया कमला ने उसे खाना परोसा
“बस अम्मा इतना नहीं दे आप “
“तुम्हारे पसंद का खाना बना है ” शौर्य ने कुछ नहीं कहा और खाने लगा श्याम ने रघुवीर जी को इशारा किया
रघुवीर जी ने उसके सामने खीर को रखते हुए कहा ” शौर्य हम ….. वो थोड़ा रुके और फिर बोले हम शाह ग्रुप के साथ कोलेबोरेशन की बात “
उन्होंने इतना ही कहा था शौर्य ने उनकी तरफ देखा
” देखो शौर्य शाह ग्रुप इतना बड़ा प्रोजेक्ट अकेले नहीं कर पाएंगे किसी को तो उनको साथ लेना ही होगा इससे पहले कि कोई और उनको एप्रोच करे हम ही कर देते है इतना कंपटीशन है और हमारे तो कुछ ज्यादा ही है लोग तो जश्न मना रहे होने इस बात का की प्रोजेक्ट हमारे हाथ से निकल गया ” रघुवीर जी ने उसे समझते हुए कहा
शौर्य ने अपना खाना ख़त्म किया और एक घूंट पानी पिया सांस भरते हुए वो बोला ” बाउजी अभी मै कुछ नहीं सोच पा रहा हूँ “
“लेकिन समय नहीं है हमारे पास हमने जल्दी नहीं की तो कोई और उनसे हाथ मिला लेगा ” श्याम ने कहा
तभी अभिमन्यु अन्दर आया उसने देखा सब टेबल पर बैठे है वो मुस्कुराते हुए आया और बोला ” बाउजी मुझे पता है आप शौर्य से बात करना चाहते हैं लेकिन अभी मैं इसको के जा रहा
हूँ “
रघुवीर जी ने और श्याम जी ने एक दूसरे को देखा कमला जी ने कहा ले जय थोड़ा मूड फ्रेश हो जाएगा इसका
अभिमन्यु ने शौर्य के कंधे को हल्के से दबाया और शौर्य उठ कर खड़ा हो गया …दोनों बाहर आ गए और गाड़ी में बैठ कर चल दिए
अभिमन्यु ने गाड़ी एक आइसक्रीम शॉप के आगे रोकी और शौर्य की पसंदीदा कुल्फी लाकर उसके हाथ में देते हुए बोला ” ये ले तेरी फेवरेट “
शौर्य ने फीकी सी हँसी के साथ कुल्फी हाथ में लेली ….
अभिमन्यु आकर गाड़ी में बैठा तभी उसका फोन बजा उसे देखा तो फोन को स्पीकर पर डालकर उसे गाड़ी से कनेक्ट किया और बोला ” हैलो
हैलो भाई मै ये क्या सुन रहा हूँ “?
“किस बारे में ” अभिमन्यु ने कहा
“वो प्रोजेक्ट के बारे में ..वो आपको नहीं मिला “
“ह्म्म …ले शौर्य से बात कर “
“हैलो यश “
” शौर्य भाई कैसे हो गया ये सब ?”
“हर कोई ये ही पूछ रहा है कि ये सब कैसे हो गया …मेरे पास इसी बात का जवाब नहीं है “
“कोई बात नहीं मुझे पता है आप लोग कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेंगे “
“वैसे मै आ रहा हूँ परसों मेरा एम.बी. ए. ही गया और अब अपनी कंपनी ज्वाइन करूंगा “
” गुड आजा फिर मिलते है “
“ह्म्म ठीक है बाय “
बाय कह कर यश ने फोन कट कर दिया …यश अभिमन्युक छोटा भाई एम. बी.ए.करने वो अहमदाबाद गया हुआ था
“तो क्या सोचा तुमने “?अभिमन्यु ने पूछा
“तुम भी वही कहोगे जो बाउजी ने कहा कोलैबोरेट कर लो “
“कोई और सॉल्यूशन हो तो तुम बताओ ? बोर्ड मेंबर्स को क्या जवाब देना है वो बुला लेंगे मीटिंग और मुझे तो लगता है कल ही कोई ना बोल दे “
शौर्य ने अपने दोनों हाथ पीछे किए और अपनी आँखें बंद कर के सीट पर सिर टिका दिया ।
अभिमन्यु उसे समझा रहा था थोड़ी देर यूं ही उसने ड्राइव किया और फिर शौर्य को घर छोड़ कर अपने घर चला गया ।
अगले दिन श्रीनिवास अपार्टमेंट
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यशिका सो कर उठी तो उसने देखा देविका चाय बना कर ला रही थी देविका ने उसे देख तो मुस्कुराते हुए बोली
“गुड मॉर्निंग मेरी जान कहते हुए उसने को उसे दे दिया “
“गुड मॉर्निंग…तुम गयी नहीं “?
“नहीं …गुन्नू आ रही है तो मैने सोचा रुक जाती हूँ वैसे भी आज तो फ्राइडे है तो इतना कुछ जरूरी नहीं है “
“ह्म्म तुम्हें कहीं जाना है “?
” रंधावा के यहां से किसी सिराज का फोन आया था अभी “
“क्या ?? रंधावा अरे ग़ज़ब फिर क्या हुआ “
“उसने बोला अभिमन्यु सिंह मिलना चाहते है “
“मार दिया पापड़ वाले ने तो तुमने क्या कहा “?
” मिल लेते है ” अपनी आंखों को मटकते हुए यशिका ने कहा
” आए हाय द अभिमन्यु सिंह जिसको मिलने के लिए कई महीनों का अपॉइंटमेंट लगता है उसने मिलने बुलाया है तुझे ….हाय कोई उठाओ मुझे मै नशे में हूँ देविका ने मुसकुराते हुए कहा ” थोड़ा रुल कर वो बड़े प्यार से बोली “यशी ….”
“ना बिलकुल नहीं मै नहीं लेकर जाऊंगी तुम्हें “
“अरे यार इतना अच्छा मौका मिला है “
“मुझे बुलाया है तुम्हें नहीं “
“हाँ बड़ी आदमी हो गई है अब ये हम जैसों की क्या कदर करेंगी ” कहते हुए देविका ने अपना मुंह बना दिया
यशिका अपनी आइब्रोज को ऊंचा करते हुए हुए बोली ” “ब्लैकमेल ….लेकिन मै नहीं ले जाने वाली “
“ह्म्म ठीक है “
” शाम को शॉपिंग चलेंगे तैयार रहना और मै जा रही हूँ अभिमन्यु सिंह से मिलने “
“हाँ ” बुरा सा मुंह बनाते हुए देविका बोली
शाह ग्रुप के ऑफिस में
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लगातार बजते हुए फोन से सारा ऑफिस गूंज रहा था वहीं केबिन में अमित शाह मुस्कुराते हुए किसी से बात कर रहे थे । शाह ग्रुप इन्हीं का था और यही कुछ दस साल हुए थे इनको इस फील्ड में आए हुए । कुछ कंस्ट्रक्शन के साथ रंधावा तो नहीं लेकिन फिर भी थोड़ा बहुत नाम तो था इनका …
” इस बारे में अभी मैने सोचा नहीं जैसे ही की है डिसाइड करूंगा आपको बता देता हूँ कहते हुए अमित टेबल पर रखे हुए पेपर वेट को अपने हाथ से घुमा रहा था
तभी किसी ने डोर पर नॉक किया
“कम इन “
“सर शर्मा कंस्ट्रक्शन के रवि सर का बहुत बार फोन आ गया आप एक बार बात कर लीजिए “कहते हुए दिनेश जो अमित का सेक्रेट्री था ने फोन अमित को दिया
अमित ने दो मिनट फोन पर बात की और फोन रख दिया
“सर सब के फोन आ रहे है हर कोई बुके भेज रहा है और कांग्रेटुलेट के रहा है लेकिन”
“आयेगा शौर्य रंधावा का भी फोन आएगा और मुझे उसी का इंतजार है ” दिनेश की बात पूरी होने पहले ही अमित ने कहा
” यशिका कहाँ है “? अमित ने पूछा
“आज वो छुट्टी पर है सर”
“ओके कल लंच के लिए पूछो उसको और तुमने पेमेंट कर दी थी ना “?
“जी सर “
“ज्वाइनिंग लेटर बनवाओ उसका वो अब हमारी कंपनी में ही रहेगी “
“ठीक है सर “
पार्कव्यू रेस्टुरेंट
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यशिका रेस्टुरेंट में आयी और इधर उधर देखने लगी
तभी एक वेटर ने उसको पूछा ” मैम मे आई हेल्प यू “?
“अभिमन्यु सिंह “
“आप आएं मेरे साथ” कह कर वेटर उसे अपने साथ ऊपर बने हुए एक प्राइवेट रूम में ले गया वेटर ने नॉक किया और अंदर से कम इन की आवाज आयी
वेटर ने दरवाज़ा खोला और यशिका के साथ अंदर आ गया ” सर आपके गेस्ट “कह कर वेटर चला गया
अभिमन्यु ने देखा एक चौबीस पच्चीस साल की लड़की हाईट कुछ पांच फुट …. कंधे तक बाल काटे हुए…. गले में हेडफोन और एक हाथ में बैग लिए हुए आ रही थी …उसे देख कर अभिमन्यु हैरान सा था ..…उसने ये सपने में भी नहीं सोचा था कि जिसने इतना बड़ा प्रोजेक्ट रंधावा से ले लिया वो इतनी कम उम्र की है और वो भी लड़की है ।
सिराज ने अभिमन्यु के कहने पर अपॉइंटमेंट फिक्स कर दी थी लेकिन अभिमन्यु ने उस से कुछ पूछा नहीं था उसे लगा था कोई एक्सपीरियंस्ड होगा
यशिका चलते हुए अभिमन्यु की तरफ आयी अभिमन्यु उसे देख कर खड़ा हो गया उसने अपना हाथ बढ़ाया और यशिका से बोला ” अभिमन्यु प्लीज़ टू मीट यू ” यशिका ने उस से हाथ मिलाया और सिर को थोड़ा सा झुका कर बोली ” यशिका गुप्ता और आपको कौन नहीं जानता सर “
“हैव अ सीट “
यशिका बैठ गयी अभिमन्यु ने कहा ” आप क्या लेंगी “?
“कॉफी लेकिन ब्लैक नहीं “
ओके…..वेटर अभिमन्यु ने आवाज दी और वेटर को बुला कर ऑर्डर दिया
“आपने तो कंस्ट्रक्शन की दुनियां में तहलका मचा दिया या ये कहूं कि तूफ़ान ला दिया “
यशिका मुस्कुरा दी
“आपको अंदाज़ा तो होगा कि मैने आपको मिलने के लिए क्यों बुलाया है “
“जी थोड़ा बहुत “
तभी वेटर कॉफी और एक प्लेट में हर फ्लेवर के केक लेकर आया और रख कर चला गया
“वो मुझे पता नहीं था आपको कौन सा फ्लेवर पसंद है इसलिए मैने सभी मांगा लिए “
यशिका ने मुस्कुरा कर अपनी गर्दन हिलायी और कॉफी लेकर पीने लगी
यशिका ने अभी तक अभिमन्यु से कुछ कहा नहीं था
अभिमन्यु ने कॉफी का कप हाथ में लिया और बोला ” आप काफी ब्रिलियंट है और मै चाहता हूँ कि आप हमारे साथ काम करे “
यशिका ने अभिमन्यु की तरफ देखा तो वो फिर बोला ” कोई जल्दी नहीं है आप सोच लो और वैसे टैलेंट की कदर हम करते है “
यशिका ने अपनी कॉफी ख़त्म की और बोली ” थैंक यू सर कॉफी बहुत अच्छी थी ” वो अपनी जगह से उठी और जाने लगी
अभिमन्यु कुछ बोलता उस से पहले यशिका उसकी तरफ घूमी और बोली ” सर जॉब ऑफर के लिए थैंक्स … मैने तीन महीने पहले अपना रिज्यूम दिया था आपकी कंपनी में लेकिन मुझे रिजेक्ट कर दिया .….शाह ग्रुप ने मुझ पर भरोसा किया जॉब दिया और टीम लीडर बना दिया … ये मेरा पहला प्रोजेक्ट था अमित सर ने मुझ पर भरोसा किया तो उनका भरोसा मै तोड़ नहीं सकती…. आपसे मिल कर अच्छा लगा सर हैव अ नाइस डे “
अभिमन्यु यशिका को जाते हुए देख रहा था…. उसने अपना फोन निकाला और कंपनी के एच आर डिपार्टमेंट को फोन लगाया ” हैलो
“अभिमन्यु हेयर “
“जी सर “
“आज से तीन महीने पहले यशिका गुप्ता नाम से किसी अप्लाई किया था ?” अभिमन्यु ने पूछा
“सर मै देख कर बताती हूँ ….. दो मिनट बार उसने कहा जी सर किया था हमें दो साल के एक्सपीरियंस वाले लोग चाहिए थे लेकिन उनके पास सिर्फ छ महीने का एक्सपीरियंस था इसलिए उनको शॉर्टलिस्ट करना पड़ा “
ओह!!!
“क्या हुआ सर”
“कुछ नहीं ” कह कर उसने फोन कट कर दिया ।
क्रमशः