अब तक आपने पढ़ा : यशिका अपनी शौर्य से मुलाक़ात की बात देविका को बताती , करतार सिंह सुजीत त्रिपाठी से मिलने आता है ।
अब आगे :
उत्सव के ऑफिस में
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यश काफ़ी खुश था क्योंकि उसने जैसा सोचा वैसा हो रहा था उसका ब्रांड मार्केट में लोगो को पसंद आ रहा था और काम भी बढ़ गया था । इसी खुश में यश ने सबको बुलाया और सेलिब्रेट करने की बात बोली यश ने टीम डिनर के लिए सबको इनवाइट किया । यश ने पूछा ” तो आप सब कहाँ चलना चाहेंगे डिनर के लिए “?
सबने एक दूसरे की तरफ देखा
“क्या एक दूसरे की तरफ देख रहे है आप सब ? बोलो आप लोग कहाँ जाना चाहते है “
श्वेता ने गुंजन के कान में कुछ कहा तो गुंजन ने उसकी तरफ देख कर ना में सिर हिला दिया
श्वेता ने घूर कर देखा , गुंजन ने बेचारा सा मुंह बनाया
“क्या हुआ श्वेता आप बोलें “?
“सर वो हम सब “… उसने कहा और गुंजन की तरफ देखने लगी
“सर ये सब ,मतलब हम सब ” द रॉयल्स” जाना चाहते है अगर आप ले जा सकते हैं तो ? गुंजन एक ही सांस में बोल गयी और फिर फिर नीचे देखने लगी
“अरे बिलकुल जा सकते हैं हम , तो आप लोग रेडी रहें हम शाम को चलेंगे “
यस सर बोल कर सब लोग यश के केबिन से बाहर चले गए । उनके जाने के बाद यश ने अभिमन्यु को फोन किया
अभिमन्यु ने फोन उठाया और बोला
“हाँ यश बोलो “
” भाई मै अपनी टीम को डिनर के लिए “द रॉयल्स” ले जाना चाहता हूँ आप उनको बोल देंगे कि टेबल रिजर्व कर दें और आप भी चले साथ में शौर्य भाई को भी बोल दें “
“यश तुम्हारी टीम के साथ हम क्या करेंगे “?
” अरे तो आप लोग दूसरी टेबल पर बैठ जाना उसमें क्या है और वैसे भी आप लोगों के पास काम के अलावा और कोई बात तो होती नहीं है करने के लिए “
अभिमन्यु हँसा और बोला ” अच्छा बड़ा पता है तुम्हें की हमें और कोई बात नहीं होती करने के लिए , लगता है तुम्हारी मोटी बुद्धि काम करने लगी है “
“भाई अब बस करें ना “
“अच्छा ठीक है मै शौर्य से पूछ कर बताता हूँ और द रॉयल्स में मै बोल देता हूँ “
” थैंक्स भाई “कह कर यश ने फोन रख दिया
गुंजन ने यशिका को फोन किया लेकिन वो किसी काम में बिज़ी थी तो उसने फोन उठाया नहीं , गुंजन ने यशिका को मेसेज किया फिर देविका को फोन किया और उसे बताया कि आज वो डिनर पर जा रही है तो उसे लौटते वक्त उसे देर हो जाएगी ।
अभिमन्यु ने द रॉयल्स में टेबल बुक की और शौर्य को बताने के लिए उसके केबिन में आया
“शौर्य यश का फोन आया था आज वो अपनी टीम के साथ द रॉयल्स जा रहा डिनर के लिए तुम चलोगे “?
“टीम डिनर , तो हम क्या करेंगे वहाँ “?
“मैने भी यही बोल उसे तो वो बोला कि आप लोग काम के अलावा कोई बात करते ही कहाँ हैं “?
“और काम भी करते हैं हम भाई “कह कर शौर्य हँस दिया
“हाँ,जैसे आजकल तुम यशिका को अपना बनाने में लगे हुए हो “
“मेरी छोड़ो तुम बताओ देविका के साथ बड़ी बातें हो रहीं थीं , देखा मैंने कैसे तुम उसे इंप्रेस करने में लगे थे और उसकी हाँ में हाँ मिला रहे थे “
“कौन मैं .?.. मै तो बस देविका की बात सबको बता रहा था , क्या तुम भी “
“और उस दिन जब हम गए थे शाह ग्रुप तब तुम कैसे देविका को देख रहे थे सब देखा मैंने कैसे लंच करते वक्त तुम उसको सर्व कर रहे थे जबकि हम उनके गेस्ट थे “
“अरे वो तो बस यूँ ही “अभिमन्यु ने आपकी आँखों रोल करते हुए कहा
“यूँ ही … अच्छा हाँ, हो सकता है मैं गलत हूँ , वैसे मै सोच रहा था कि द रॉयल्स जा ही रहे हैं तो यशिका को भी इनवाइट कर लेता हूँ , यश की कंपनी में उसकी सिस्टर है ना “
“ओके “अभिमन्यु ने कहा
शौर्य ने यशिका को फोन किया
“हैलो “
“हैलो कैसी हो आप “?
” बिल्कुल ठीक हूँ अमित सर कैसे है ? वो आज मैं पूछ नहीं पाई आपसे “
“कभी मेरे बारे में नहीं पूछेंगीं ये की मै ठीक हूँ या नहीं ” शौर्य ने मन में सोचा और बोला ” हाँ ठीक है , यशिका आज शाम को फ्री हो आप “?
“हाँ फ्री हूँ क्या बात है “?
” वो आपकी सिस्टर जा रही है टीम डिनर पर तो मैने सोचा आपको पूछ लूँ अगर आप फ्री हो तो आप भी आ
जाएं “
“नहीं वो देविका अकेली रह जाएगी “
“अरे तो उन्हें भी ले आओ आप “
यशिका ने कुछ सोचा और फिर बोली ” मै देविका को पूछ कर बताती हूँ आपको “
ठीक है शौर्य ने कहा और फोन रख दिया
“अभी कुछ बात करनी है तुमसे ” शौर्य ने कहा
“मैने तुम्हें कुछ बताया नहीं”
“किस बारे में”?
“अमित शाह के बारे में”
“क्या नहीं बताया ” ?
“उनको कैंसर है और उस दिन मैं तुमसे जब बात कर रहा था तो उनका मेसेज आया था ,फिर मीटिंग वाले दिन भी कह शौर्य ने सारी बात अभिमन्यु को बता दी और ये भी यशिका और देविका को सब कैसे पता चला “
“अमित शाह के बारे में सुनकर बुरा लगा पर ठीक है उन्होंने यशिका को कंपनी दे दी और शेयर्स तुम्हें , एक तरह से ये कंपनी है तो तुम्हारी ही पर ठीक है वैसे और किसको पता है “?
“अमित शाह नहीं चाहते किसी को भी पता चले तुम तो जानते हो कि फिर क्या होगा , मैने बस बाउजी को बताया है बाक़ी अब तुम जानते हो “
कुछ देर और सब बात करके अभिमन्यु शौर्य के केबिन से चला गया
यशिका ने देविका को फोन किया
“हाँ बोलो “
“देविका मिस्टर रंधावा का फोन आया था “और उसने फिर सारी बात बता दी
“हाँ गुन्नू से बात हुयी थी मेरी “
“वैसे तो मै नहीं जाना चाहती लेकिन मै सोच रही थी कि गुन्नू है और ये पहली बार है कि इतनी रात को वो बाहर होगी तो चलते हैं साथ रहेगा , अगर तुम कहो “
“ठीक है तुम बोल दो फिर “
ओके यशिका ने फोन कट किया और शौर्य को मेसेज कर दिया
शौर्य ने उसे मेसेज किया कि वो उन्हें पिक कर लेगा
शौर्य ने अभिमन्यु को बताया कि यशिका आ रही है लेकिन देविका के आने की बात नहीं बतायी थी
शाम का वक्त
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शाम को यश के ऑफिस में सब डिनर पर जाने के लिए रेडी थे यश ने सबके लिए गाड़ी अरेंज कर दी थी , शौर्य भी अभिमन्यु के साथ यशिका को पिक करने के लिए ऑफिस से निकल गया था । शाह ग्रुप के ऑफिस के बाहर रोड के दूसरी तरफ वो यशिका का वेट कर रहा था तभी उसे यशिका और देविका दिखायी दी शौर्य ने यशिका को पहले ही बता दिया था कि वो कहाँ मिलेगा
यशिका देविका के साथ बातें करते हुए रोड़ क्रॉस कर रहीं थी
देविका यशिका से दो तीन कदम पीछे थी…..ऑफिस टाइमिंग खत्म हो चुका था तो रोड़ पर ज़्यादा भीड़ नहीं थी ….तभी एक गाड़ी बहुत तेज रफ्तार से आती हुई यशिका के पास से गुज़री … देविका ने देखा तो वो पूरी ताकत से चिल्लाई यशी और वहीं रुक गई ……शौर्य ने ये देखा तो जल्दी से गाड़ी से बाहर आया और अभिमन्यु भी दोनों तेज़ कदमों के साथ यशिका और देविका के पास पहुँचें…….. शौर्य ने यशिका को गले से लगा लिया ये सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि यशिका को कुछ समझ नही आया “आप ठीक हो “शौर्य ने पूछा
यशिका जैसे नींद से जागी हो उसने शौर्य को कस कर पकड़ लिया शौर्य ने उसके सिर पर हाथ फेरा और बोला ” सब ठीक है कुछ नहीं हुआ उसने यशिका को अपने से अलग किया और देविका से पूछा आप ठीक हो देविका ने हाँ में सिर हिलाया
शौर्य यशिका को लेकर गाड़ी तक आया उसने यशिका और देवकी को गाड़ी में बैठाया उन दोनों पानी दिया ।
अभिमन्यु ने अपना फोन निकाला और सिराज को फोन किया
“हाँ सर बोलें”
“सिराज आज यशिका गुप्ता ” कह कर उसने सारी बात बतायी और बोला सिराज पता करो किसकी गाड़ी थी , ये इत्तेफ़ाक़ था या प्लान था “
“जी सर मैं बताता हूँ “
अभिमन्यु ने फोन रखा और वापस गाड़ी के पास आ गया
उसने कहा ” शौर्य रॉयल्स ही चले क्योंकि इस वक्त कहीं और जाना मुझे ठीक नहीं लगता “
शौर्य ने अभिमन्यु को हाँ कहा
अभिमन्यु ड्राइविंग सीट पर बैठा और उसने देविका को अपने साथ बैठने के लिए बोला शौर्य यशिका के साथ बैठ गया । कुछ देर बाद वो द रॉयल्स पहुंच गए शौर्य ने वहाँ अपने लिया एक रूम बुक कर दिया था ।
अभिमन्यु ने यश को बताया कि वो लोग आ गए ।
“आप ठीक हो ? “शौर्य ने यशिका से पूछा
यशिका ने हाँ कहा
तब तक वेटर आ गया अभिमन्यु ने खाने का ऑर्डर दिया और उसे थोड़ा देर में लाने के लिए बोला
“आप फिक्र मत करो पता चल जाएगा “अभिमन्यु ने कहा
“लेकिन ऐसा कौन करेगा यशिका की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है ” देविका ने कहा
“इनकी हर उस शख्स से दुश्मनी है जो शाह ग्रुप में नहीं है इसलिए मैं बोल रहा था कंपनी के मर्जर के लिए ” शौर्य ने थोड़ा ऊँची आवाज़ में कहा
यशिका ने शौर्य की तरफ देखा और बोली ” तो क्या मर्जर करने से ये नहीं होगा “?
“शायद नहीं”
“शायद मतलब तब भी हो सकता है ” यशिका ने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा
सीदेखो यशिका हम किसी को कुछ नहीं बोल सकते लेकिन आपकी सेफ्टी के लिए …”
” सेफ्टी के लिए मै आपकी कंपनी ज्वाइन कर लूँ यही ना और उसके बाद भी सेफ्टी की कोई गारंटी नहीं है”
“बस करें यशिका आप अभिमन्यु ने तेज से बोला…” आपको तो लगता होगा कि ये शौर्य रंधावा बस यूँ ही आपके साथ फ्लर्ट कर रहा है बाक़ी बहुत आए गए होंगे इनकी लाइफ में कोई नई बात तो नहीं है ,तो ठीक है फिर आपको जो सोचना है सोचो , लेकिन एक बात मैं बताना चाहता हूँ शौर्य रंधावा इतना भी खाली नहीं है कि वो किसी की परवाह करे… सोचो आप उसे क्या ज़रूरत हैं आपकी परवाह करने की जबकि आप तो उस से कभी ठीक से बात भी नहीं करती “
शौर्य अभिमन्यु को देख रहा था वो आपकी जगह से उठा और बोला ” बस कर अभी “
“नहीं यार मैं देख रहा हूँ कि जितना तुम इनके लिए सोच रहे हो इनको सब फिजूल ही लग रहा है , हर बात का उल्टा ही मतलब निकलना है , इनको पता है कि इनके ऑफिस से घर और घर से ऑफिस तक जाने के लिए तुमने इनकी हिफाज़त के लिए गार्ड्स को बोल रखा है ….इनके ऑफिस के बाहर हर वक़्त लोग रहते है , ये कहीं भी जाएं इनके पीछे हमेशा गार्ड्स रहते है ….ये सब सिर्फ इसलिए कि ये सुरक्षित रहे क्योंकि इनकी तो अंदाजा ही नहीं है कि ये किस दुश्मनी के घेरे में है जहां कभी भी कुछ भी हो सकता है “
अभिमन्यु की ये बात सुनकर यशिका और देविका ने हैरानी से दोनों की तरफ देखा
शौर्य वहीं रखी हुयी चेयर पर बैठ गया
यशिका हैरानी से कभी अभिमन्यु की तरफ देखती तो कभी शौर्य की
अभिमन्यु ने सब कुछ कह दिया और रूम से बाहर निकल गया देविका भी अभिमन्यु के पीछे पीछे बाहर निकल गयी
अब रूम में सिर्फ शौर्य और यशिका थे और खामोशी … यशिका कुछ समझ नहीं पा रही थी वो उठी और शौर्य के पास जाने लगी शौर्य ने जब देखा तो वो उठ कर खड़ा हो गया यशिका थोड़ा और उसके क़रीब गयी तो शौर्य ने हाथ के इशारे से उसे रोककर कहा ” यशिका प्लीज़ वहीं रुक जाओ “
यशिका कुछ कहती उस से पहले शौर्य ने कहा ” मुझे पता है आप अभी की बात सुनकर आ रही हो ..लेकिन जैसा कि मैने पहले भी कहा आपसे की” आई विल वेट तो” ये सब मुझे हमदर्दी या कोई एहसान के तौर पर नहीं चाहिए….. हाँ मैं आपको पसंद करता हूँ और चाहता भी हूँ , और साथ में ये भी चाहता हूँ कि किसी भी दबाव या समझौता करके आप मेरे पास मत आओ ….आज आपको ये सब पता चल गया तो अब आपको मेरे पास आ रही हो…. मुझे ऐसे आपका साथ नहीं चाहिए …हाँ जिस दिन आपको लगे और आपका दिल गवाही दे आप वही महसूस करो जो मै आपके लिए करता हूँ उस दिन आप आना लेकिन अभी नहीं “।
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धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर ©®