तुमसा नहीं देखा भाग – 23 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

अमित शाह यशिका को अपना सक्सेसर बना देते है यशिका को हैरानी होती है लेकिन फिर वो पेपर्स पर साइन कर देती

है ।

अब आगे :

अमित शाह यशिका को अपनी चेयर पर बैठने के लिए बोलते है यशिका उनके कहेनुसार उनकी चेयर पर आ कर बैठ जाती है । यशिका कुछ समझ ही नहीं पा रही थी सारे बोर्ड मेंबर्स ने उसे कांग्रेटुलेट किया ,यशिका बस मुस्कुरा रही थी अचानक ये सब होने से वो थोड़ा परेशान थी ।

थोड़ी देर में सब चले गए अब अमित शाह , यशिका और दिनेश रूम में थे

“सर ये सब किसलिए , ये आपकी कंपनी है और कभी ना कभी आप वापस तो आएंगे ही ?”यशिका ने अमित शाह से कहा

अमित शाह मुस्कुराए और बोले ” समझ लो कि शायद ये सब तुम्हारे नसीब में था और ज़रिए मैं बन गया “

यशिका ने अमित शाह की तरफ देखा

” कभी – कभी कुछ ऐसा हो जाता है लाइफ में जिसकी हम कल्पना भी नहीं करते  , मुझे खुद नहीं पता था कि मै कभी ऐसा फैसला लूंगा और अपनी कंपनी को किसी को दे दूंगा , तुम ये मत सोचो बस अब ये कंपनी तुम्हारी है और इसे तुम्हे संभालना है , और अब लंच करें ” अमित शाह ने कहा

उन्होंने लंच वहीं मंगवा लिया था

यशिका ने सिर्फ हाँ बोला और उनके साथ लंच किया

कुछ देर में पियोन ने आकर बताया कि रघुवीर जी और श्याम जी आए हैं ।

अमित शाह ने उन्हें अंदर भेजने के लिए बोला

रघुवीर जी और श्याम जी दोनों ही अंदर आए तो अमित शाह  ने उठ कर उनका स्वागत किया और उन्हें बैठने के लिए

बोला ।

“हम ये क्या सुन रहे है आपने यशिका को अपना सक्सेसर बना दिया “? रघुवीर जी ने पूछा

“जी अब से यशिका ही इस कंपनी को दिखेंगी और सारे डिसीज़न भी वही लेंगी ” अमित शाह ने कहा

“लेकिन ऐसा क्या हो गया और आप कहाँ जा रहें हैं”? श्याम जी ने पूछा

“बस आप ये समझ लें कि कुछ ज़रूरी है जो इन सबसे ज़्यादा है बस इसीलिए “

“वैसे यशिका काबिल है और समझदार भी है” रघुवीर जी ने कहा

“इसलिए मैने उसे चुना, और शाह ग्रुप आपके साथ काम कर रहा है तो मै चाहता हूँ कि आप यशिका का साथ दें वैसे सारे बोर्ड मेंबर्स उसके साथ है लेकिन मै चाहता हूँ कि आप भी ध्यान रखें बस यही बात करने के लिए मैने आपको बुलाया हैं ” अमित शाह ने कहा

रघुवीर जी ने कुछ कहा नहीं और यशिका को सपोर्ट करने के लिए हाँ बोल दिया , कुछ देर बात करके वो शाह ग्रुप से बाहर आ गए

गाड़ी में बैठ कर रघुवीर जी कहा ” श्याम मुझे लगता है कोई बड़ी बात है अमित शाह कुछ तो छुपा रहे है “

” मुझे भी लगता है बाउजी कुछ तो है वरना ऐसे कोई भी करेगा “

दोनों बातें करते हुए घर की तरफ चल दिए।

अमित शाह ने अपना सारा काम खत्म करने के बाद अपने स्टाफ को बुलाकर बताया कि अब यशिका इस कंपनी की नई बॉस होंगी और वे ही सब कुछ संभालेंगी। अमित शाह ने अपना काम पूरा किया और यशिका से मिल कर वापस अपने घर चले गए ।

यशिका बैठी हुई सोच ही रही थी कि किसी ने उसके केबिन में नॉक किया

यशिका ने” कम इन ” कहा

“यशी कांग्रेचुलेशंस “कहते हुए देविका उसके गले से लगा गयी

“थैंक्स “यशिका ने थोड़े बुझे हुए कहा

“क्या हुआ तुम परेशान लग रही हो इतनी खुशी की बात है फिर भी “?

“क्या खुशी एक कम्पनी मेरे नाम हो गई ,मै एम्प्लॉय से उसकी मालकिन बन गई , ज़िम्मेदारी बढ़ गई और ये सर पता नहीं मुझे क्यों ये सब दे के चले गए मेरा तो सिर दुख रहा है , देविका कहीं मै सपना तो नहीं देख रही हूँ “?

“नहीं मेरी जान तुम सपना नहीं देख रही हो ये सब कुछ सच में हो रहा है ” कहते हुए देविका ने यशिका को गले से लगा लिया

ह्म्म …. मै कैसे करूंगी ये सब अभी तक तो मुझे पता था कि ये सब सिर्फ कुछ ही दिनों के लिए है, लेकिन ये तो अमित सर मुझे ही देकर चले गए “

“कोई बात नहीं हम सब हैं ना और सब तुम्हे सपोर्ट कर रहे है हो जाएगा सब डोंट वरी , अब चलें तुम काफी थक गई होगी

“हाँ कल प्रेस कॉन्फ्रेंस भी है ” चलो कहते हुए यशिका ने अपना बैग लिया और देविका के साथ ऑफिस से निकल गयी ।

श्रीनिवास अपार्टमेंट

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घर आकर यशिका ने अपनी मम्मी की फोन किया और उनकी सब बात बतायी हैरान तो वो भी हुई और जल्दी ही आने का बोल कर कुछ देर बात करके उन्होंने फोन रख दिया । गुंजन इस खबर को सुनकर हैरान थी और खुश भी ।

सबसे बात करके यशिका अपने रूम में आ गई तभी उसके फोन पर मेसेज आया

उसने देखा शौर्य का मेसेज था

“कांग्रेचुलेशंस “

यशिका ने मैसेज देखा और रिप्लाई किया

“थैंक्स “

“कैसे हो आप ?”

इसके जवाब में यशिका ने एक 😔इमोजी बना कर भेजा

शौर्य ने इमोजी देख कर यशिका को कॉल कर दिया

यशिका ने फोन देखा और इस बार उसने फोन पिक कर लिया और बोली

“हैलो “

“क्या हुआ आप परेशान हो “?

“अब इतना कुछ अचानक होगा तो कोई परेशान तो होगा ही “

“आप परेशान मत हो और आपके सपोर्ट में तो सब खड़े है “

“ये सब मुझे नहीं आता , इतनी बड़ी कंपनी मै कैसे संभालूंगी “

“मैने दिया था आपको ऑफर मर्जर का लेकिन आपने माना ही नहीं “

यशिका इस बात पर चुप हो गयी

“मैं आपसे आपके कोई भी अधिकार नहीं लेने वाला कंपनी आपकी ही रहेगी और आप जैसा चाहे वैसे करना बस हम शिफ्ट कर लेंगे उसे अपने ऑफिस के पास और आपके मर्जर करने से आप की कंपनी को सपोर्ट मिलेगा “

आप सुन रहीं है “?

“हाँ मै सुन रही हूँ “

“आप आराम से सोचो कोई जल्दी नहीं है तब तक मैं वैसे भी आपके साथ हूँ

आप थक गईं होंगी रेस्ट करो मै फिर फोन करूंगा गुड नाइट “

गुड नाइट कह कर यशिका ने फोन रख दिया ।

दिन बीतने लगे यशिका कंपनी संभालने में बिज़ी हो गई

देविका और दिनेश दोनों ही उसका साथ दे रहे थे। गुंजन भी अपने ऑफिस में बिज़ी थी उसका सबसे अच्छा दोस्ताना हो गया था यश की कंपनी भी अच्छी चल रही थी कुल मिलकर सब कुछ ठीक चल रहा है ।

शाह ग्रुप का ऑफिस

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शाम हो गई थी सब घर जाने की तैयारी में लगे थे देविका ने यशिका के केबिन में आते हुए पूछा

” यशी मेरी एक फ्रेंड जो पुरानी कंपनी थी उसकी मम्मी हॉस्पिटल में एडमिट है मै सोच रही हूँ घर जाते वक्त देख कर जाऊं उनको वरना यहाँ आने के बाद तो समय ही नहीं मिलता तो तुम चलोगी या मै हो कर आऊं “?

“चलती हूँ मै भी गुन्नू को फोन कर देती हूँ”

“ठीक है ” कह कर यशिका और देविका दोनों ऑफिस से बाहर आ गई

कुछ देर में वो हॉस्पिटल पहुँच गई देविका रिसेप्शन पर पूछने गई और फिर अपनी फ्रेंड की मम्मी से मिलने के लिए रूम में गई कुछ देर मिल कर वो दोनों हॉस्पिटल से बातें करती हुई बाहर आ रही थी कि तभी यशिका किसी से टकरा गई , यशिका ने सॉरी कहा और ऊपर देखा तो दिनेश था उसके हाथ में फाइल और कुछ मेडिसन थी ।

यशिका ने दिनेश को देख और पूछा “दिनेश जी आप यहाँ, आप ठीक है ?”

दिनेश यशिका को देख कर कुछ घबरा गया और बोला ” हाँ मैं ठीक हूँ ..वो मै किसी को देखने आया था ।”

” अच्छा , हम भी यहाँ देविका की फ्रेंड की मम्मी को देखने आए थे “।

“ठीक है मै चलता हूँ कहकर दिनेश जल्दी से आगे बढ़ गया “

यशिका और देविका दोनों हॉस्पिटल के गेट तक आए तभी यशिका को कुछ याद आए वो वापस से हॉस्पिटल के अंदर चली गई …. उसने इधर – उधर देखा

देविका भी उसके पीछे” यशी क्या हुआ “? कहते हुए आ रही थी “

“देविका वो दिनेश जी के हाथ में जो फाइल थी उस पर पेशेंट का अमित शाह लिखा था “

“पागल हो गई हो यशी सर यहाँ हैं ही नहीं “

“नहीं देविका उस पर लिखा था मैने देखा था , तुम रुको मैं पूछ कर आती हूँ ” कह कर यशिका रिसेप्शन की तरफ बढ़ गई देविका भी उसके पीछे रिसेप्शन पर आ गई।

रिसेप्शन पर जो लड़की बैठी थी उसे देख कर यशिका ने पूछा “सुनिए ज़रा आप बताएंगी की अमित शाह किस रूम में है “?

“जी अभी रुकिए मै बताती हूँ ” उस लड़की ने कहा

“मैम रूम नंबर 502 में है , लेकिन मैम मीटिंग टाइम खत्म हो चुका है , आप कल आ जाना उनसे मिलने “

यशिका ने देविका की तरफ देखा दोनों ही हैरान थी कि अमित शाह इस हॉस्पिटल में क्या कर रहे है ?

“कहीं सर ” यशिका ने इतना ही कहा और वहीं पास में रखी हुई बेंच पर बैठ गई । देविका भी उसके साथ वहीं बैठ गई।

क्रमशः

धन्यवाद

स्वरचित

काल्पनिक कहानी

अनु माथुर ©®

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