अब तक आपने पढ़ा :
अमितशाह ने जो विल बनवाई थी उसके पेपर्स रेडी हो गए थे , उन्होंने दिनेश से मीटिंग बुलाने के लिए बोला
यशिका के मैरीन ड्राइव न पहुंचने पर शौर्य उसके घर आ जाता है
अब आगे :
यशिका ने शौर्य का मेसेज देखा और फोन को उल्टा करके रख दिया वो वापस से लेट गयी
देविका कमरे में आयी और बेड के पास रखी हुई चेयर पर बैठ गयी, उसने यशिका को देखते हुए पूछा
“यशी ये शौर्य रंधावा यहाँ क्या बात करने आए थे ?”
यशिका उठ कर बैठ गयी उसने सांस भरते हुए कहा
“कुछ नहीं अब जनाब को इश्क़ हो गया है मुझसे “
“क्या इश्क़ “?
“हाँ…कह तो यही रहें है …उस दिन जब आए थे ऑफिस में वो प्रोजेक्ट वाली बात करने तो बोले कि मै वेट करूंगा तुम्हारा मरीन ड्राइव पर ..लेकिन मैं आज गयी नहीं तो खुद ही आ
गए ।”
“तुम्हें क्या लगता है “?
“किस बारे में “?
“ये इश्क़ विश्क़ के बारे में “
” पता नहीं …. वो मुझे अपनी कंपनी में लाने के लिए ये सब के सकते है ? या फिर सच में ….मै कन्फ्यूज्ड हूँ “
“पर कुछ तो सच लगता होगा कभी तो “
यशिका ने सोचते हुए बोला ” रंधावा का बहुत नाम है ..और सबको पता है कि वो क्या चीज़ है फिर शौर्य रंधावा का ऐसे बिहेव मुझे समझ नहीं आ रहा और बात है लड़कियों की तो लाइन लगी हुई होगी जो शौर्य रंधावा को चाहती होंगी … फिर ये इस तरह की हरकत मुझे समझ नहीं आ रही ,मैं कोई कहीं की प्रिंसेस तो नहीं हूँ..”
“हो सकता है उसे प्रिंसेस में इंटरेस्ट ना हो उसे कोई सिंपल सी लड़की में इंटरेस्ट हो “
” क्या पता … लेकिन हरकते बिल्कुल वो नहीं होते है दिलफेंक जो लड़की के पीछे पड़ गया हो उसी की तरह है …उस वक्त लगता ही नहीं ही की वो शौर्य रंधावा है “
“ओहो ऐसा भी क्या कर दिया … तुमने बताया नहीं ?” देविका ने उसे छेड़ते हुए कहा
“चुप करो …कुछ नहीं किया आज वाली हरकत देखी न तुमने ” यशिका ने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा
“लेकिन क्या पता यशी वो सच में तुमसे मुहब्बत करता हो “?
“हाँ… मेरे सिर पर सींग उगे हैं ना इसलिए … पागल हो कुछ भी बोलती रहती हो अरे वो शौर्य रंधावा है जब तक कोई फायदा ना हो ना वो कुछ नहीं करेंगे “
“कौन कुछ नहीं करेंगे दी ” गुंजन कमरे में आयी और उसने चाय का कप यशिका को देते हुए पूछा
“कुछ नहीं तुम ये बताओ सारी शॉपिंग हो गयी तुम्हारी ?”
“हाँ दी सब ले आए हम “
“वैसे कल तुम्हें बहुत देर हो गई थी “?देविका ने पूछा
“हाँ दी एक डिजाइन था जिसके कपड़ा ढूंढ रही थी फिर मेरी हेल्प करने यश सर आ गए ऐसा कह कर उसने सारी बात दोनों को बता दी “
“कल बोर्ड मीटिंग है देविका अमित सर भी आ रहे है “
“अच्छा चलो अच्छी बात है सर आ रहे है उनसे मिलने का मौका मिलेगा “
“ह्म्म … मै तो बोल दूंगी उनसे की वापस आ जाए और मुझे मेरा ही काम करने दें ” यशिका ने कहा
कुछ देर यूं ही तीनों ने बातें की और डिनर करके सो गई ।
रंधावा मेंशन
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सब लिविंग रूम में बैठे हुए थे तभी कमला जी ने रघुवीर जी से कहा ” आप बात करेंगे शौर्य से “?
“किस बारे में “?
“अरे शादी के बारे में यशिका से “
“अभी नहीं पहले मै देख तो लूँ, वरना वो फिर कुछ न बोल देगा और बात खत्म हो जाएगी “
“हाँ,अम्मा बाउजी ठीक कह रहे है ” नीलिमा ने कहा
क्या सही गलत का फैसला हो रहा है कहते हुए सिद्धार्थ और नीता आ रहे थे
“अरे आप ” नीलिमा अपनी जगह से उठते हुए बोली
“हाँ वो हम यहीं पास में आए हुए थे तो सोचा मिलते हुए चलें ” सिद्धार्थ ने कहा
“बहुत अच्छा किया रघुवीर जी ने कहा ” श्याम जी ने उठकर उनका स्वागत किया
सब लोग बैठ गए
“शौर्य नहीं आया अभी”? सिद्धार्थ ने पूछा
“बस आता ही होगा “कमला जी ने कहा
“ऐसा करो तुम यश को और अभिमन्यु को भी बुला लो वैसे भी वो शौर्य के साथ हो होगा आज सब साथ में डिनर कर लेंगे “कमला जी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा
“हाँ ये सही है बातें भी हो जाएंगी और डिनर भी” श्याम जी ने कहा
सिद्धार्थ ने अभिमन्यु और यश को रंधावा मेंशन में आने के लिए बोल दिया नीलिमा ने नौकरों से कुछ देर बाद खाना लगाने के लिए बोला
“वैसे आप सब क्या बात कर रहे थे “? सिद्धार्थ ने पूछा
“शौर्य की शादी की” कमला जी ने कहा
“अरे वाह कोई लड़की देखी है क्या अम्मा आपने “? नीता ने पूछा
“हाँ देखी तो है और उसे आप सब भी जानते हैं ” कमला जी ने कहा
“अच्छा कौन है वो “? सिद्धार्थ ने पूछा
“यशिका ” रघुवीर जी ने कहा
” यशिका हाँ बहुत अच्छी बच्ची है और संस्कारी भी है उस दिन पूजा में देखा हमने और उसके काम के बारे में तो क्या ही बोले हम सबने देख ही लिया , टैलेंटेड है , शौर्य ने हाँ कर दी “? सिद्धार्थ ने पूछा
“नहीं सारा मामला यहीं तो अटका हुआ है , अभी हमने शौर्य को कुछ बताया ही नहीं है पिछली बार कितनी कोशिश की थी मैने लेकिन कुछ नहीं हुआ ” नीलिमा ने कहा
“हम सबको तो पसंद है यशिका , अभी शौर्य की पसंद और उस से भी ज़्यादा यशिका की पसंद जानना जरूरी है ” रघुवीर जी ने कहा
“वो सब तो ठीक है, उसके परिवार के बारे में पता किया कुछ आपने, उनसे भी तो बात करनी होगी ” कमला जी ने पूछा
“अभी तो नहीं ” रघुवीर जी ने कहा
“लो कुछ तो पता किया नहीं बस ऐसे ही ख़याली पुलाव बना रहे है आप ” कमला जी ने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा
“अरे कर लेंगे आप गुस्सा मत हो ” रघुवीर जी ने कमला जी को मनाते हुए
सब बैठे हुए रघुवीर जी की और कमला जी की बातों का मज़ा ले रहे थे तभी
“कौन गुस्से में हैं”? शौर्य ने अंदर आते हुए कहा उसके साथ अभिमन्यु भी था
“ये तुम्हारी अम्मा ” रघुवीर जी ने कहा
“ओहो बाउजी क्या आप भी गुस्सा दिल दिया आपने अम्मा को ” कहते हुए शौर्य कमला जी के पीछे जाकर उनके गले में अपने हाथ डाल दिए ।
“वैसे आज डिनर यहाँ कोई खास बात ” अभिमन्यु ने पूछा
” अरे कुछ खास नहीं है तुम बैठो बस अभी खाना लगवाते है ” नीलिमा ने कहा बाक़ी सब उसकी बात समझ कर चुप हो गए
कुछ देर में यश भी आ गया सबने साथ डिनर किया , कुछ देर बात करके सिद्धार्थ नीता ,अभिमन्यु और यश के साथ अपने घर चले गए।
शाह ग्रुप के ऑफिस में
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मीटिंग का दिन
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आज शाह ग्रुप के ऑफिस में बोर्ड मीटिंग थी सब बोर्ड मेंबर्स आए हुए थे और मीटिंग रूम में बैठे थे अमित शाह और यशिका भी आ चुके थे ।
वैसे तो अमित शाह ने सबसे बात कर ही ली थी ये सिर्फ फॉर्मेलिटी थी सबको एक साथ बुलाना और बताना ।
अमित शाह अपनी चेयर पर से उठे और उन्होंने बोलना शुरू किया ” जैसा कि आप सब जानते है कि मै अभी कंपनी में आ नहीं रहा हूँ और अभी आने का कुछ है भी नहीं तो आज से मै इस कंपनी को मिस यशिका गुप्ता को सौंप रहा हूँ या आप कह सकते है मै यशिका को अपना सक्सेसर बना रहा हूँ”
अमित शाह की इस बात पर यशिका ने हैरानी से उनकी तरफ देखा
बाकी सबने तालियों से अमित शाह की बात का समर्थन किया
“लेकिन सर मै कैसे “? यशिका उठ कर खड़ी हो गयी
“मिस यशिका आप इस कंपनी को अच्छे से संभाल लेंगी और फिक्र मत करो ये सब बोर्ड मेंबर्स का डिसीज़न है कि तुमसे अच्छा इस कंपनी को कोई नहीं चला सकता ” अमित शाह ने कहा
“सर लेकिन मेरा फील्ड अलग है और कंपनी देखना अलग बात है “
“आप फिक्र मत करो हम सब आपके साथ है ” बोर्डमेंबर्स में से शुक्ला जी ने कहा
अमित शाह ने यशिका के सामने एक फाइल रख दी
” ये पावर ऑफ अटॉर्नी के पेपर्स और इसी के साथ ये कंपनी अब से तुम्हारी है इसके पेपर्स भी है ” अमित शाह ने यशिका को पेन देते हुए कहा
अचानक ऐसा कुछ हो जाएगा ये यशिका ने सोचा ही नहीं था वो हैरानी से सबकी तरफ देख रही थी उसने अमित शाह की तरफ देखा और बोली ” सर ये आप कैसे ..? मतलब मुझे दे सकते है आपकी कंपनी है तो आप “..
“यशिका कुछ सोच कर ही मैने ऐसा किया है , और किसी को भी एतराज़ नहीं है ये तो तुमने देख ही लिया “
“सर मै इन सबके लिए तैयार नहीं हूँ और कुछ ही समय हुआ है मुझे आपकी कंपनी काम करते हुए मुझसे ज़्यादा एक्सपीरियंस वाले लोग यहाँ है “
“हाँ हैं और वो सब यही चाहते हैं कि तुम संभालो इस कंपनी को बाक़ी सब है तुम्हे हेल्प करने के लिए “
“सर आप मुझे कुछ समय दें ..ये सब ऐसे मै …. “
“यशिका अभी तक संभाला ना तुमने कंपनी को तो आगे भी संभाल लोगी इस बात का भरोसा सबको है “
यशिका ने कुछ सोचते हुए पेन हाथ में लिया और साइन कर दिए ,सबने ताली बजायी और अमित ने उसे अपनी चेयर पर बैठने के लिए बोला ।
क्रमशः
अगले भाग के साथ जल्दी ही मिलूंगी
धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर ©®