अमित शाह यशिका से मिलने ऑफिस आते है और उसे कंपनी संभालने के लिए बोलते हैं, शौर्य अभिमन्यु से शाह ग्रुप के मर्जर की बात करता है ।
अब आगे:
रंधावा के ऑफिस में
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शौर्य बैठा हुआ कुछ सोच रहा था तभी अभिमन्यु ने कहा ” तुम क्या मर्जर की बात कर रहे थे “?
“शाह ग्रुप के रंधावा में “
“अमित शाह ऐसा क्यों करेंगे “?
“करेंगे नहीं उनके पास प्रपोजल भेजना होगा “
“लेकिन हम इन सब में समय क्यों बर्बाद करें ? वो तो अब वैसे भी हमारे साथ काम कर ही रहे है “
“अभी ही ना बाद में ? जैसा कि तुमने कहा उस दिन की वो किसी और के साथ भी तो हाथ मिला सकते है , तो मुझे लगता है कि तुम सही कह रहे हो, इसलिए ये सब करना पड़ेगा “
“लेकिन जरूरी तो नहीं कि अब आगे भी वो टेंडर ले पाए ?
” हम रिस्क नहीं ले सकते और तुम्हें तो पता है कि कंस्ट्रक्शनस की कंपनीज़ काम कैसे करती है , यशिका के लिए अकेले काम करना ठीक नहीं है “
“ओहो …क्या बात है मतलब ये सब यशिका के लिए हो रहा है “?
शौर्य बस मुस्कुरा दिया
“लेकिन वो थोड़ी जिद्दी है तुम्हे नहीं लगता “?
शौर्य ने कहा ” हाँ वो तो है “
“चलो देखते है फिर तुम प्रपोजल बनवाओ “
“ठीक है” कह कर अभिमन्यु अपने केबिन में चल गया
शौर्य के फोन पर एक मेसेज आया उसने देखा और तुरंत उठकर बाहर आ गया वो पार्किंग में गया और गाड़ी लेकर निकल गया ।
शाह ग्रुप के ऑफिस में
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देविका ने जो रिज्यूम भेजा था उसका आज इंटरव्यू था … देविका शाह ग्रुप में आई हुई थी …और भी कैंडिडेट्स वहां पर थे , अभी तक यशिका उस से मि नहीं थी ,।
कुछ देर में उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया देविका ने पूछे गए सभी सवालों का जवाब बेहतरीन तरीके से दिया
अंत में उस से जब पूछा गया कि जिसने जॉब क्यों छोड़ी तो उसने सब कुछ बता दिया ।
इंटरव्यू खत्म हुआ और ई मेल लेकर रिजल्ट बताया जाएगा ये सभी कैंडिडेट्स से बोल दिया गया ।
ये सब होने के बाद देविका यशिका से मिलने के लिए उसके केबिन में गयी उसने नॉक किया और देविका ने यशिका से अंदर आने के लिए पूछा
यशिका कुछ काम के रही थी देविका अंदर गयी,और उसे काम करता देख कर बोली ” तुम बिज़ी हो “?
“नहीं बस हो गया , कैसा रहा तुम्हारा इंटरव्यू “?
“बढ़िया , उन्होंने पूछा तो मैने जॉब छोड़ने वाली सही बात बता दी “
“ठीक किया तुमने , चलो लंच कर लेते है साथ में “
“हाँ भूख तो लगी है ” देविका ने कहा
यशिका ने लंच केबिन में ही मंगवा लिया था ।
“यशी अमित शाह अब नही आयेंगे क्या ?”
“पता नहीं अभी फिलहाल तो उन्होंने मुझे बोला है और मै भी सब समझने की कोशिश ही कर रही हूँ मैने कभी ये सब किया नहीं , दिनेश जी है तो कुछ प्रॉब्लम आती है तो वो बता देते है चल रहा है “
“काम बहुत है क्या ?”
“हाँ, वो तो है ही और मुझे सब समझना पड़ता है , मेरी फील्ड अलग है और ऑफिस देखना अलग बात है “
“फिलहाल तो तुम ही बॉस हो “देविका मुस्कुरायी
हाँ कह सकती हो लेकिन मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं करने वाली “
दोनों ने लंच खत्म किया और देविका वापस घर चली गयी।
दोपहर का वक्त रंधावा मेंशन
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सब लंच कर चुके थे ,रघुवीर जी किसी से फोन पर बात कर रहे थे उनके पास श्याम जी भी बैठे हुए थे फोन पर बात करके रघुवीर जी ने कहा ” अभिमन्यु का फोन था वो क्राउन वाला प्रोजेक्ट लगभग खत्म हो चुका है और ” ड्रीम फ्रेम कंस्ट्रक्शनस ” का काम भी अब तेजी से होगा “
“ये तो बहुत अच्छी खबर है ” श्याम जी ने कहा
“आप दोनों का ऑफिस जाना बंद हो गया लेकिन ये काम की बातें बंद नहीं हुयी ” कमला जी ने आते हुए कहा
“अरे हम तो बस बता रहे थे अभिमन्यु का फोन आया था इसलिए ” रघुवीर जी ने कहा , श्याम जी उनकी इस बात पर मुंह घूमा कर हँसने लगे “
“वैसे ऑफिस की बात हो गई हो तो घर में ध्यान दे लें आप “
” अरे बिलकुल बताएं किस बारे में बात कर रही थी आप”
“हम ये कह रहे थे कि अब शौर्य के लिए आप देखे कोई लड़की जो इस घर की बहू बन कर आए “
“वो तो आपकी बहू ने देख ली “सामने बैठी हुई नीलिमा की तरफ इशारा करते हुए रघुवीर जी ने कहा
“देख ली कहाँ, हमें तो किसी ने नहीं बताया “?
“अरे वो बात हुई ही नहीं इस बारे में तो इसलिए भूल गए “
“सबको पता है और हमको ही नहीं पता इतनी इंपॉर्टेंट बात बताना हमें किसी ने ज़रूरी नहीं समझा “
” ओहो माँ ऐसी कोई बात नहीं है” श्याम जी ने कहा
“अच्छा तो कौन है वो जिसे आप सब ने देखा है “?
“यशिका” .. नीलिमा ने खुश होते हुए बोला
कमला जी की आंखों में चमक आ गई , वो मुस्कुरा कर बोली हाँ यशिका है तो बहुत प्यारी , और जिस तरह आप लोग उसकी तारीफ करते है मतलब वो टैलेंटेड भी है और समझदार भी ।”
“माँ हम सब चाहते हैं कि वो ही यश की जीवनसाथी बने , लेकिन शौर्य के और यशिका के मन में क्या है ये नहीं पता पिछली बार भी शौर्य के लिए मैने कोशिश की थी लेकिन कुछ नहीं हुआ ” नीलिमा ने कहा
“इस बार ऐसा नहीं है शायद शौर्य पसंद करता है यशिका को ” रघुवीर जी ने कहा
“ये आप कैसे कह सकते है “?कमला जी ने पूछा
“वो गया था न यशिका को घर तक छोड़ने वरना वो कभी जाता ही नहीं माना कर देता ” रघुवीर जी ने कहा
“हाँ ये बात तो बाउजी आपने बिलकुल सही कही ” श्याम जी ने कहा
“हम सब कोशिश तो कर ही सकते है बाक़ी तो ऊपर वाले की मर्जी , चलिए कोई तो काम किया आपने ” कमला जी के हँसते हुए कहा
एक बिल्डिंग के ग्यारहवें फ्लोर पर
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“ऐसे तो नहीं चलेगा हम सब क्या करेंगे ये सारा बिज़नेस बंद करना पड़ेगा क्या हमको ” एक पैंतालीस साल का शख्स जो कि चेयर पर बैठा हुआ था जिसका नाम ज्ञानचंद था उसके साथ चार और वो एक घेरा बना ले बैठे थे ।
“सेठ सही बोल रहे है ये रंधावा और शाह मिलकर इस तरह तो सारा हमारा काम ले जाएंगे ” उनमें से एक जिसका नाम रोशन था उसने कहा
“कुछ तो करना होगा ये रंधावा ग्रुप को तोड़ने का कोई तरीका नहीं ही “?उनके सारे बोर्ड मेंबर्स में से अगर दो चार को अगर हम तोड़ सके ” ज्ञानचंद ने कहा
“इतना बड़ा ग्रुप है प्रॉफिट भी तो होता है कोई हमारे साथ क्यों आएगा ?” रोशन ने कहा
“तो हमला करवा देते है थोड़ा बहुत डर जायेंगे ” राजेश ने कहा
“पागलों वाली बातें मत करो पकड़े जाओगे ” ज्ञानचंद ने कहा
उनमें से जो अभी तक चुप था करतार सिंह वो बोला ” तो किडनैप करवा लो
“उस से होगा क्या ” ? कोई कॉन्ट्रैक्ट तुम्हे नहीं मिलने वाला राजेश ने कहा “
“एक काम कर सकते है इनके मैटेरियल सप्लायर को अपने साथ के लें , मैटेरियल में हेरा फेरी करा कर ।”
“लेकिन वो क्यों करेगा ऐसा “? रोशन बोला
“कुछ लालच देना होगा ” राजेश ने कहा
” देख लो आप सब क्या करना है मै हर बात के लिए तैयार हूँ” ज्ञानचंद ने कहा और वहाँ से चल गया ।
क्रमशः