तुम सा नहीं देखा भाग – 13 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

यशिका शौर्य से मिलने द रॉयल्स में आती और उसे समझाने की कोशिश करती है , लेकिन शौर्य उसकी कोई बात नहीं समझता … अमित शाह को कैंसर है और वो टाटा मेमोरियल में एडमिट है ।

अब आगे :

दिनेश रूम में आ कर डॉक्टर से बात करता है ,और पूछता है कि कब तक अमित को घर ले जा सकते है डॉक्टर कुछ टेस्ट लिख के उन्हें शाम तक जाने की परमिशन दे देते है ।

डॉक्टर के जाने के बाद अमित शाह दिनेश से पूछते है ” मीटिंग्स कैसी रही

सर मीटिंग सब मैम ने अच्छे से हैंडल कर ली , हमारे सब बोर्ड मेंबर्स ने उनकी बात का समर्थन किया सब हो रहा है लेकिन वो बार – बार आपके बारे में पूछती हैं “

“ह्म्म…. दिनेश प्रकाश को बुलाया तुमने “?

“जी …वो आते ही होंगे “

तभी दरवाज़े पर दस्तक हुयी और एक शख्स अंदर आया “हैलो सर  उसने कहा”

“प्रकाश आओ “

“कैसे हैं आप ?”

“फ़िलहाल तो सांसे चल रहीं है “

प्रकाश मुस्कुरा दिया

अमित शाह ने फिर कहा ” आपको विल बनानी है दिनेश आपको बाक़ी सब बातें बता देंगे और अगर कुछ हो तो आप फोन कर लेना

“ठीक है वैसे आप ठीक हो जाएंगे

..फिक्र मत करिए ” प्रकाश ने कहा

“उम्मीद तो नहीं है लेकिन देखते कितना जी सकेंगे “

“तो मै चलता हूँ”

“दिनेश इनको पेपर्स दे दो…  आप इन्हें देख लेना “

जी ज़रूर कहकर प्रकाश चला गया

“सर इतनी जल्दी क्या है आपको ये सब करने की “

“दिनेश अब जब मैं निश्चिन्त हूँ तो ये काम भी हो जाए तो अच्छा है… जब विल बन जाए तो मुझे बता देना “

“जी सर .. सर वो रंधावा मेंशन में पूजा है उसका इनविटेशन है “

“अरे हां उन्होंने बोला था है कब है ?”

“परसों है “

“यशिका को बोलना कि वो जाए “

“सर वो …”.

“क्या हुआ “?

“सर मैम गयी थी द रॉयल्स शौर्य रंधावा से मिलने और फिर उन्होंने अपनी गाड़ी से मैम को घर तक छोड़ा”

“अच्छी बात है तुम नज़र रखो “

जी सर

“और कोई बात “?

“नहीं सर बाक़ी तो सब ठीक है “

कुछ देर दिनेश अमित शाह के साथ रहा और फिर चला गया ।

उत्सव के ऑफिस में

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यश ने क्लाइंट्स को बुला लिया था और उसकी सारी टीम भी वहीं थी

जिस मैटेरियल पर क्लाइंट ने ड्रेस बनाने को बोला था वो और जो ड्रेस दूसरे मैटेरियल पर बनाई थी दोनों को मैनिक्विन को पहना कर उनके सामने लाया गया ।

सबको पता था कि दूसरा ही मैटेरियल अच्छा है और यश अपने क्लाइंट को कन्वेंस करने की बहुत कोशिश कर रहा था लेकिन वो मान ही नहीं रहे थे

तभी गुंजन ने सामने रखी हुई बॉटल का पानी क्लाइंट वाले मैटेरियल पर डाल दिया , सब खड़े हो गया

यश ने जोर से बोला ” आपने ये क्या किया “?

गुंजन चुप खड़ी थी  कुछ ही मिनट उस मैनिक्विन ने जो ड्रेस पहनी थी उस कपड़े में से कलर निकलने लगा

गुंजन ने कहा “सर इनको समझ ही नहीं आ रहा है …जो आप इतनी देर से समझाने की कोशिश कर रहे है… तो मैने इन्हें प्रूफ दे दिया और एक मिनट सर ऐसा कह कर गुंजन उस मैटेरियल का एक और टुकड़ा ले के आई… उसने कहा ये कल रात मैने वाॅश किया था कलर तो निकला ही इसका साथ में ग्लेज भी गया और ये सिकुड़ भी गया है ।”

उसने फिर कहा ” एस. एस. ग्रुप और यश सर का नाम खराब होगा और हमारी मेहनत सब खराब हो जाएगी ।”

और आप अपने बारे में भी सोचिए जब आप ये लेकर मार्केट में जाएंगे तो आपका ही लॉस होगा ,और फिर आप हमसे कहेंगे , लॉस उठाने से अच्छा है कि आप थोड़ा इन्वेस्टमेंट करे और इस से आपको भी प्रॉफिट होगा गुंजन सब एक सांस में बोल गयी सब उसकी तरफ देख रहे थे. अब भी आप चाहते ही की हम इस पर काम करें  ,? गुंजन ने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा

सब उसकी तरफ देख रहे थे ,ऑफिस में एक अजीब सी ख़ामोशी छा गई। सभी की निगाहें उस क्लाइंट पर टिकी थीं। फिर उसने धीरे से सिर हिलाया और कहा, ‘ठीक है, आप जिस मैटेरियल की बात कर रहे हैं उसी में बनाओ।’ 

गुंजन ने राहत की सांस ली और सबके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी

“आप आएं सर यश ऑफिस में बात करते है। यश ने कहा और जाते वक्त पीछे पलट कर गुंजन की तरफ देखा जो बाकी सबसे हँसते हुए बात कर रही थी उसकी नज़र एक पल को यश से मिली यश ने मुस्कुरा कर उसे आँखो में ही थैंक्स कहा , गुंजन भी मुस्कुरा दी ।

रंधावा के ऑफिस में

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अभिमन्यु शौर्य के साथ बैठकर कंप्यूटर पर देख रहा था और डिस्कस कर रहा था ,कुछ देर बाद दोनों जब फ्री हुए तो शौर्य ने अभिमन्यु से पूछा ” वो क्राउन वाला प्रोजेक्ट कहां तक पहुँचा”?

“बस उसका काम होने ही वाला है ,वैसे

आज तुम बहुत चुप चुप हो क्या हुआ “

“मैने यशिका को मिलने के लिए बुलाया था “

“फिर से , शौर्य तुम पागल तो नहीं हो गए हो , क्यों बुलाया तुमने “?

“बस मन किया मिलने का “

“तो फिर आई वो “?

“ह्म्म आयी थी ,बहुत कॉन्फिडेंट है हर बात को लेकर  और बोल रही थी कि वो अब मुझे एक भी टेंडर लेने नहीं देगी “

“क्या “? शौर्य तुम क्यों उसको उकसा रहे हो देखा न तुमने अभी फिर भी ।

बाउजी का कहना कहीं सही ना हो जाए कि वो शाह ग्रुप को बुलंदियों पर पहुंचा देगी “

“”कैसे पहुंचाएगी टेंडर मिल जाना हो काफी नहीं है देखा न तुमने बिना किसी के साथ के शाह ग्रुप कुछ कर ही नहीं सकता “शौर्य ने कहा

*तो हमारा नहीं किसी और का साथ मिल जाएगा बहुत कंस्ट्रक्शन कंपनी है “अभिमन्यु ने थोड़ा परेशान होते हुए कहा

“इतना आसान है क्या किसी पर ट्रस्ट करना अमित शाह ऐसे ही किसी के साथ तो काम नहीं करेंगे ना “

“तो फिर “?

“कुछ तो करना होगा ” शौर्य ने कहा और अभिमन्यु को चलने का इशारा किया दोनों पार्किंग में आए और घर के लिए निकल गए।

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