प्यारी साजिश – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सुबह से खुश लग रहे प्रयाग जी अचानक ही उदास और गमगीन से हो गए। उनकी पत्नी समीरा चाय बना रही थी ।वह चाय का बेसब्री से इंतजार भी कर रहे थे लेकिन अचानक  कोई फोन आया और वह घर से उठकर बाहर चले गए।

जब तक समीरा चाय लेकर आई प्रयाग घर पर नहीं थे ।वह इधर-उधर देखने लगीं। थोड़ी देर तक  वह चाय लेकर ड्राइंग रूम में बैठी रही फिर उन्होंने प्रयाग को फोन कर दिया।

“ हद करते हैं आप? कहां चले गए? मैं चाय बनाकर ले भी आई। पहले तो आप चाय चाय कर रहे थे।अब चाय आ गई तो आप नदारत! कहां है आप?”

“ आता हूं !”बुझे मन से प्रयाग जी बोले और फिर अंदर आकर बेमन से चाय पीने लगे। “क्या हुआ जी? कोई बात हो गई है क्या?”

“बड़ी मुसीबत आ गई है समीरा !हमारी हालत सांप छछूंदर वाली हो गई है!”

“ क्या हो गया ?आप कुछ साफ-साफ बताएंगे?”

 “मैंने तो यह सुना है कि शुभ (होने वाला दामाद) के अनैतिक रिश्ते हैं और वह हमारी बिटिया से सिर्फ हमारी दौलत के भरोसे शादी कर रहा है!”

“यह आप क्या कह रहे हैं?किसने कहा?”

“रोहतक वाली मौसी है ना! उन्होंने यही कहा था । वह शुभ के परिवार को जानती है।” 

“अरे यह तो बहुत बुरा हुआ फिर हमारी बिटिया कैसे रहेगी वहां? वह कितनी खुश है इस शादी को लेकर!”

“सुगंधा कहां है?”

“ वह तो कॉलेज चली गई है ।”

“शाम को आती है तो मैं बात करता हूं ।”

“अरे लेकिन अब क्या बात करेंगे? अब एक बार अगर शादी टूटेगी तो दोबारा लड़का कहां से मिलेगा ?दुनिया यह नहीं देखेगी कि लड़के में कोई कमी है ।वह तो यह कहेगी की लड़की में ही कोई खोट थी!! 

सचमुच हमारी स्थिति सांप छछूंदर वाली हो गई है। होटल को पेमेंट चली गई है।डेकोरेशन वाले को पेमेंट चली गई है।सगाई के लहंगे सिलकर आने वाले है। मेहमानों के गिफ्ट भी आ गए अब यह खबर कैसी है ?कितनी मनहूस खबर है यह? कैसे हम अपनी बिटिया की सगाई करेंगे ?”समीरा जी घबराकर रोने लगी ।

“रो मत ,रोने से कुछ नहीं होगा। हमें बुद्धिमानी से हल निकालना होगा। पहले सुगंधा को आने तो दो ।”

पूरे दिन प्रयाग और समीरा बहुत ही उधेड़बुन में रहे।

शशांक और सुगंधा दोनों उनके बच्चे थे शशांक इंजीनियरिंग के प्लेसमेंट निकाल कर नौकरी ज्वाइन किया था। वही उसे शुभ का पता चला था तो उसने अपने माता-पिता को इस रिश्ते के लिए बताया था। 

शुभ और उसका परिवार बहुत ही अच्छा और संस्कारी था।बातचीत, कुंडली टिपनी सब कुछ मिलने के बाद दोनों पक्षों ने शादी तय कर लिया था।

दो दिन बाद सुगंधा के इंगेजमेंट की सारी तैयारी हो चुकी थी । इस बीच में प्रयाग जी के दूर के रिश्ते की बहन और मौसी दोनों ने शुभ के बारे में जो खुलासा किया था यह सुनकर वह बिल्कुल ही शॉक्ड हो गए थे।

शाम को सुगंधा भी कॉलेज से लौट आई। वह कॉलेज में प्रोफेसर थी। उसके आने के थोड़ी देर बाद शशांक भी वहां पहुंच गया। 

अपने माता-पिता को धीर गंभीर देखकर दोनों ही हतप्रभ रह गए थे।

“क्या बात है ?आपकी तबीयत तो ठीक है?” 

“हां बिल्कुल ठीक है। तुम दोनों कपड़े बदलकर आकर बैठ जाओ। तुम दोनों से सीरियसली कुछ बात करनी है ।”

“पहले बताइए !”शशांक वहां बैठते हुए बोला।

“बेटा, शुभ को पहचानने में तुमसे गलती तो नहीं हुई?”

“ कैसी गलती?”

“ हमने सुना है कि शुभ के किसी और लड़की के साथ अफेयर चल रहे हैं?”

“किसने कहा आपसे?”शशांक आश्चर्यचकित होकर सुगंधा की तरफ देखने लगा।

सुगंधा भी हैरान होकर अपने माता-पिता को देखने लगी। 

“शुभ तो बहुत अच्छा लड़का है मां फिर आपसे यह सब किसने कहा?”

“ कमलेश मासि और मयूरी दीदी ने।”

यह सुनकर सुगंधा और शशांक दोनों ही जोर-जोर से हंसने लगे। 

“क्या हुआ तुम दोनों ऐसे क्यों हंस रहे हो?”

“ चलिए मां पापा मैं आप लोगों को एक राज से राजदार बनाता हूं। एक्चुअली पिछले साल सुगंधा जब गुडगांव आई थी उसने शुभ को देखा था और शुभ ने सुगंधा को। दोनों ने एक दूसरे को पसंद पहले ही कर लिया था मगर दोनों ही इस रिश्ते को अपनाने में शर्मा रहे थे तो मैं बीच में कूद पड़ा। मैं ने ही आपको रिश्ता बताया था वह रिश्ता मैं ने नहीं आपकी बेटी ने खुद से तय कर लिया था। शुभ ने खुद ही कहा था कि वह सुगंधा से शादी करना चाहता है किसी भी हाल में!”

“ क्या??”प्रयाग जी हैरान रह गए थे।

“हां पापा ,शशांक ठीक बोल रहा है!” सुगंधा शर्मा गई।

“यह क्या बोल रहे हो तुम दोनों?”

“ठीक बोल रही है वो पापा।दुनिया को क्यों बताना कि यह लव मैरिज है। लव को अरेंज करने में क्या दिक्कत है और वैसे भी अगर यह सच्चाई सामने नहीं आती तो आप लोगों को पता भी नहीं चलता!”शशांक मुस्कुरा रहा था।

समीरा जी ने अपने दोनों हाथ जोड़ लिए “धन्यवाद लल्ला! तुमने हमें जिंदगी लौटा दी। मेरी तो सांस ही रुक गई थी!”

“हां और एक साज़िश का पर्दाफाश भी कर दिया।!”प्रयाग जी जोरों से हंसने लगे। उनके पीछे सबलोग हंसने लगे।

“अब अपनी मौसी से जरा बताइए तो कि शुभ का चक्कर किसके साथ चल रहा है!”समीरा जी भी हंसने लगी।

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सीमा प्रियदर्शिनी सहाय 

नई दिल्ली 

# साजिश 

पूर्णतया मौलिक और अप्रकाशित प्रकाशित रचना। बेटियां के साप्ताहिक विषय साजिश के लिए।

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