कसूर तुम्हारा भी है – विमला गुगलानी :  Moral Stories in Hindi

     रात के दस बजे बेटी अनन्या को अचानक बैग लेकर अकेली आई देखकर सुलभा जी को बिल्कुल हैरानगी नहीं हुई। कौनसा ये पहली बार हुआ। सात साल की शादी में वो कई बार ऐसा कर चुकी है।एक दो दिन रहती है,दिमाग ठंडा हो जाता है तो वापिस चली जाती है।      अब सुलभा और उसके पिता … Read more

पलटवार – लतिका श्रीवास्तव

विमल कहां मर गया।मेरा चश्मा लेकर आओ कब से कह रहा हूं तेरे कानों का इलाज करवाना पड़ेगा मनोहर जी झल्लाते हुए आवाज लगा रहे थे। पापा ढूंढ रहा हूं मिल ही नहीं रहा विमल ने असहाय भाव से प्रत्युत्तर दिया। ढूंढ रहा हूं …. अरे वहीं मेज पर रखा है तुझे कोई चीज आज … Read more

कच्चा धागा – प्रियंका सक्सेना :  Moral Stories in Hindi

सीमावर्ती गाँव सिजोरीपुर की हवा में मिट्टी की सौंधी ख़ुशबू के साथ एक अलग ही मिठास घुली है । सिजोरीपुर सीमा के निकट बसा एक छोटा-सा गाँव है  — सरहद से सटा पर दिलों से जुड़ा हुआ। रक्षाबंधन  का त्योहार आने में कुछ दिन ही शेष हैं।  वहाँ की एक लड़की चम्पा की राखी सिर्फ … Read more

राखी – खुशी : Moral Stories in Hindi

मीनू अपने घर में सबकी लाडली थी दो भाई रतन और मदन माता कमला और पिताजी श्यामलाल थे।मीनू के भाई मीनू पर जान छिड़कते थे।रतन मीनू को अपनी बेटी की तरह प्यार करता था।रतन मीनू को कभी किसी को डांटने भी नहीं देता था। रतन और मदन की पत्नियां भी मीनू को बहुत स्नेह करती … Read more

ज़ाहिल कोन- ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

वो सुबह-सुबह बस से उतरी थी — हाथ में छोटा-सा बैग, आँखों में सपना, और सलवार-कुर्ता जो आज की फैशन वाली दुनिया को शायद थोड़ा चुभता था। नाम था उसका शालिनी।यू पी के एक छोटे से कस्बे से आई थी, दिल्ली के नामी कॉलेज में बी.ए. करने। क्लास के पहले ही दिन उसका मज़ाक उड़ … Read more

रस और सच का पेड़ – डॉ मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

एक शाम, पुराने आम के पेड़ की छाया में नाना पंडित जगन्नाथ शर्मा अपनी दो नातिनों मनू और तनू के साथ लूडो खेल रहे हैं। सुनहरी धूप पत्तों से छनकर बिखर रही है।   तनू:(एक पासा फेंकते हुए) नाना, ये आम का पेड़ कितना पुराना है? इतने सारे फल लगते हैं!   मनू:(मुस्कुराते हुए) हाँ नाना! पर … Read more

कठोर क़दम – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

यह लो रोटी मनीषा अपने ससुर रमाकांत जी के आगे प्लेट पटकती हुई बोली, बहू थोड़ा सा घी लगा दे बेटा ,अच्छा अब घी लगी रोटी खानी है। ज्यादा चटोरी जुवान हो गई है जो मिल रहा है खा लो नहीं तो यह भी नहीं मिल पाएगा। नाक में दम करके रखा हुआ है। जाने … Read more

गँवई ज्ञान – डॉ मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

सूरज ढलने को था। आम के बगीचे की छाँव में, धूल भरी गलियों से उठती गरमाहट कुछ कम हुई थी। मैं, एक शहरी लेखक, पुराने कुएँ के पास चबूतरे पर बैठा, कॉपी पर कुछ ठीक कर रहा था। तभी आवाज़ आई: “साब! ये कागज-कलम लेके क्या खोजते रहते हो? ज़मीन में गड़ा मिलता है क्या?” … Read more

ये कच्चे धागे – डॉ विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

बस अड्डे के कोने में बैठी एक किन्नर चुपचाप आकाश की ओर देख रही थी। नाम था उसका— शिवाली। हाथों में चमकीली चूड़ियाँ, माथे पर सिंदूरी बिंदी और होंठों पर एक फीकी सी मुस्कान। लोग आते-जाते रहते, कुछ हँसते, कुछ ताने कसते, कुछ नजरें फेर लेते… लेकिन उसे अब इस सबसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता … Read more

बड़ी बहन का फर्ज – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

देखो अम्मा मैं कहे देती हूँ… हमारा घर लुटाना बन्द कीजिए समझीं आप… अपनी बेटी को दे देकर सारा हमारा घर लुटाये जा रही है ।अरे मेरे पति की गाढ़ी मेहनत की कमाई है रात दिन मेहनत करते हैं,कोई मुफ्त फोकट का माल तो है नहीं हमारे पास ऐसी ही आप, ऐसी ही आपकी बेटी … Read more

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