पत्थर दिल – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

आनंदी सुबह उठते ही सबसे पहले घर के पिछवाड़े में पहुँची और पिंजरे में बन्द तोते को पिंजरा खोलकर आज़ाद कर दिया……. तोता थोड़ी देर तक आँगन में इधर उधर भटकता रहा …… जैसे पंखों में दम भर रहा हो…. फिर अपनी पूरी शक्ति लगाकर वहाँ से उड़कर आसमान की ओर चला गया । आनंदी … Read more

कभी कभी पत्थर दिल का बनना पड़ता है – प्रतिभा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

“देखिए मां जी अगर आपको दूध, चाय पीना है तो दूध तो आपको ही लाना पड़ेगा, ये लीजिए डिब्बा और ले आइए….वरना फिर मत कहना कि मुझे चाय नहीं दी…और हां आप जो कहती रहती हैं न कि रात को दूध आता तो है….तो मैं आपको बता दूं कि वो दूध रात को ही खत्म … Read more

पत्थर दिल – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

लोग कैसे ”पत्थर दिल” हो गए हैं ,कहते हैं -‘भगवान पत्थर के हैं किन्तु तब भी उनसे अपेक्षा रखते हैं ,उम्मीद रखते हैं, कि वो पत्थर का भगवान अवश्य ही उनकी परेशानी सुनेगा , समझेगा ,उसकी विनती सुनकर उन पर कृपा करेगा जबकि स्वयं इंसान बेरहम हो गया है। उसके’ दिल’ नहीं रह गया है … Read more

मत भूलो, कि ये भी मेरा परिवार है। – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

सिया का जब से विवाह हुआ है ,तबसे ससुराल में आकर, अपनी घर -गृहस्थी में रम गयी। अपने मायके में उसका जाना कम ही हो पाता। चलते समय माँ ने कहा था -”ससुराल जा रही हो ,वहां अच्छे से रहना ,कभी लड़कर यहाँ मत आना ,अब वही परिवार तुम्हारा अपना है।”  माँ !ये क्या कह … Read more

घर की मालकिन मैं हूं – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बहू तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि,” तुम घर के निर्णय में अपनी राय दे रही हो। मैं जब तक जिंदा हूं, तुम मालकिन बनने के सपने देखना भी छोड़ दो। सास बनने की कोशिश नहीं करो तुम।अपने काम से काम का ही मतलब रखा करो” शोभा जी ने रत्ना को बहुत ही भला बुरा कहा … Read more

वो सांवली सी लड़की – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“उसकी सांवली सूरत भी बहुत आकर्षक थी कुणाल चौराहे पर मिली थी फिर एक दम ओझल हो गई!” रश्मि घर आ अपने पति कुणाल से बोली। ” किसकी बात कर रही हो तुम रश्मि!” कुणाल अपने मोबाइल से निगाह हटा कर बोला। “मैं जब बाज़ार से सामान ले कर आ रही थी तो लाल बत्ती … Read more

ज़िन्दगी का मर्म – अर्चना सिंह

राजस्थान का एक जिला…”नागौर’ !  इस जिले के छोटे से गाँव परबतसर में राजन अपने परिवार के साथ रहता है । बहुत धनी सम्पन्न तो नहीं लेकिन  इतना जरूर है कि अपनी कड़ी मेहनत से परिवार का भरण – पोषण कर सके और घर आए मेहमानों को भी एक वक्त की रोटी खिला सके । … Read more

पत्थर दिल – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 बारिश का मौसम देखकर दुर्गा खेतों की और चल पड़ी। जहां उस का पति हरिया था । उसे देखते ही हरिया बोल उठा । देख दुर्गा अब की धरती मां ने हमें अपना बहुत आशीर्वाद दिया है। दोनों की मेहनत से कितनी सुंदर फसल लहलहा रही है। अब की इस फसल के जो भी पैसे … Read more

“वो एक ही बेटा…” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

पंजाब के मोगा शहर के एक छोटे से गाँव में जन्मा दलजीत, अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। माँ गुरविंदर और दादी हरबंस कौर की आँखों का तारा, और पिता सतपाल की एकमात्र उम्मीद। बचपन में जब उसके हाथ में खिलौने की बंदूक होती, तो वो खेल-खेल में कहता— “बापू, हाथ ऊपर कर! मैं देश … Read more

मत भलो कि यह भी मेरा परिवार है – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

सूरज की किरणें वृद्धाश्रम के आँगन में धीमे-धीमे फैल रही थीं। चमेली के फूलों से भरी क्यारियाँ और छायादार बरगद के पेड़ के नीचे बैठे कुछ बुज़ुर्ग धीमी आवाज़ में बातें कर रहे थे। उन सबके बीच एक चेहरा था — श्रीधर जी का। सफेद बाल, शांत आँखें और चेहरों पर स्थायी हो चुका एक … Read more

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