निःसंतान – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi
बारात वापस आ गई….. दुल्हन आ गई ….आओ आओ दुल्हन देखने ….आओ ….घर के बच्चे तो नाचने लगे…. आते साथ दरवाजे पर बम की लड़ी फोड़ दी गई…. ढोल वाले ने जोर-जोर से बजाना शुरू किया ….! कविता वो कविता… कहां हो ….? जल्दी आओ… बच्चे थके हैं …परछन और दुल्हन के प्रवेश की रस्में … Read more