निःसंतान – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

बारात वापस आ गई….. दुल्हन आ गई ….आओ आओ दुल्हन देखने ….आओ ….घर के बच्चे तो नाचने लगे…. आते साथ दरवाजे पर बम की लड़ी फोड़ दी गई…. ढोल वाले ने जोर-जोर से बजाना शुरू किया ….!  कविता वो कविता… कहां हो ….? जल्दी आओ… बच्चे थके हैं …परछन और दुल्हन के प्रवेश की रस्में … Read more

“वक्त से डरो” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

राखी ने जैसे ही डोर बेल बजने पर दरवाजा खोला तो सामने अपने जेठ जेठानी अनुराग और सुमेधा को देखकर चौंक गई अनुराग को देखकर लग रहा था जैसे कब से बीमार हो वह बिना कुछ कहे दरवाजे से हट गई तो वे दोनों अंदर आकर बैठ गए और बिना किसी भूमिका के उससे माफी … Read more

समय की मार – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” माँ, मैं चलती हूँ…।” कहते हुए नीता ने कंधे पर अपना हैंडबैग टाँगा और बाहर निकल गई।विमला जी उसे जाते हुए देख रहीं थीं तभी उन्होंने देखा कि मोहल्ले के कुछ लड़के नीता को देखकर गाना गाने लगे,” ओ नीले दुपट्टे वाली..अपना नाम तो बता..।” उनका जी तो किया कि अभी जाकर उन लड़कों … Read more

बहू की नादानी – लतिका पल्लवी :Moral Stories in Hindi

अनुराधा का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था। नर्स बार बार समझा रही थी कि आप इसतरह से चिल्लाईए नहीं, आपके चीखने चिल्लाने से आपके टांको पर जोड़ पड़ेगा और उसके टूटने का खतरा हो सकता है। कल रात मे अनुराधा को ऑपरेशन से बच्चा हुआ,उसके पति अजय ने बच्चे को  गोद मे … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब क्या दोगी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नेहा ओ  नेहा मां कितना खांस रही है आज दवा नहीं खाई है क्या, अब क्या करूं मैं सुमित सबकी नींद खराब होती है गोलू भी नहीं सो पा रहा होगा ।देखो जरा सुमित बोला नेहा से ,नेहा उठकर कमरे में गई और गुस्से को दबाते हुए दबी जवान में बोली क्या है मां आप … Read more

वक्त से डरो – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

हिमाँशु ….. पवन का दोस्त है… दोनों साथ-साथ पढ़ते थे । पढ़ाई खत्म होते ही हिमांशु को बैंक में नौकरी मिल गई थी । उसके माता-पिता बचपन में ही गुजर गए थे …. उसकी एक छोटी बहन सुमन है …जो डिग्री कॉलेज में पढ़ रही थी …… वे दोनों मामा के घर में रहते थे … Read more

बेटे की मां हूं, दहेज तो लूंगी – अर्चना खण्डेलवाल 

मुझे लड़की तो पसंद है, लेकिन लड़की वाले कितना दहेज देंगे, और सोने के जेवर में क्या चढ़ायेंगे? एक ही बेटा है मेरा, जब तक मनचाहा दहेज नहीं मिलेगा, मैं यश की शादी नहीं करूंगी, अहंकार से वनिता जी ने फोन पर कहा तो उधर से किरण दीदी ने फोन रख दिया। अरे!! किसका फोन … Read more

अपनी बेटी का दुख -गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi  

रसोई घर में झूठे बर्तनों के ढेर के आगे शुभांगी को आज मां की बहुत याद आ रही थी।आज अगर उसकी मां होती तो क्या उसकी तबीयत खराब होने पर भी उससे घर के काम करवाती।सास और मां में फर्क तो होता है ना..अगर सास भी मां बन जाए तो मां को कौन याद करे..यही … Read more

वक्त से डरो – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

हिमाँशु ….. पवन का दोस्त है… दोनों साथ-साथ पढ़ते थे । पढ़ाई खत्म होते ही हिमांशु को बैंक में नौकरी मिल गई थी । उसके माता-पिता बचपन में ही गुजर गए थे …. उसकी एक छोटी बहन सुमन है …जो डिग्री कॉलेज में पढ़ रही थी …… वे दोनों मामा के घर में रहते थे … Read more

आती रहना – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi 

“…बाप रे, इतना घमंड भी अच्छा नहीं छोटी…!” ” इसमें घमंड कैसा दीदी… मैं तो बस अपने मन की बात कह रही थी… तुम्हारे है ही कौन… बेटियां तो ब्याह कर अपने घर जाएंगी… तुम्हारा जो कुछ है, कल को सुरेश और अनूप का ही होगा ना… अब दोनों बहने ब्याह के बाद यहां क्या … Read more

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