ऑंसू पीकर रह जाना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi
कुछ दिनों पहले डॉक्टर निभा के पिता का स्वर्गवास हो गया।क्रिया-क्रम समाप्त हो चुका है। उसने अपने छोटे भाई और दोनों बहनों को नम ऑंखों से विदा किया। उनलोगों के जाने के बाद अतीत की डगर पर चलते-चलते ऑंखों के सामने ज़िन्दगी की हर घटना किसी फिल्म की तरह प्रतिबिंबित होने लगी थी। घर … Read more