“ये बंधन कच्चे धागों का नहीं है – समिता बडियाल : Moral Stories in Hindi
माँ , इस बार आप राखी पर मामा के घर नहीं जाओगे , अभिषेक ने अपनी माँ सुशीला जी से कहा। सुशीला जी बोलीं , बेटा अभि , ये रिश्ते बहुत नाज़ुक होते हैं , एक बार बिखर गए तो बिखर गए। फिर जितना भी संभालो , नहीं संभलते। अभिषेक माँ का हाथ पकड़ कर … Read more