विश्वास को खोते देर नहीं लगती। – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

रामप्यारी, बहुत दिनों से नहीं बल्कि सालों से खन्ना जी के यहां काम करती आई है। खन्ना के परिवार में जैसे घुल- मिल गई है, वे लोग भी उसे, नौकरानी नहीं, परिवार का ही एक सदस्य समझते हैं। खन्ना का परिवार भी, उसकी उम्र के हिसाब से उसे, सम्मान भी देते हैं।   कभी भी … Read more

वक्त से डरो – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मीरा, बी.कॉम फर्स्ट ईयर की छात्रा, हर दिन की तरह आज भी कॉलेज जा रही थी। सुबह की हल्की धूप और मन में ढेर सारे सपनों के साथ वह सड़क पर चल रही थी कि अचानक एक तेज़ रफ़्तार गाड़ी के ब्रेक की कर्कश आवाज़ आई। टायर सड़क पर घिसटे और गाड़ी मीरा के ठीक … Read more

वह एक पत्र – सुबोध प्राण : Moral Stories in Hindi

छोटे से कस्बे नरैनी में एक पुराना घर था, जहां सुशीला देवी अकेली रहा करती थीं। उनके तीन बेटे थे — तीनों महानगरों में बसे, ऊँचे पदों पर कार्यरत। लेकिन माँ के लिए समय नहीं था किसी के पास। हर महीने पैसे भेज दिए जाते, कभी फोन आ जाता, पर घर में पसरी हुई खामोशी … Read more

राज़ खोलना – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

“आज तो मैं तुम्हारा राज जानकार ही रहूँगा । आख़िर तुम कौन हो जो इस अनाथाश्रम के बच्चों के लिए बिना अपनी पहचान बताए इतना धन दान करते हो कि ये बच्चे अपनी पढ़ाई-लिखाई करने के साथ अच्छा खा-पहन भी पाते हैं ।हम सब तुम्हारे शुक्रगुज़ार हैं बेटा और तुम्हारा दान दुनिया को बताना चाहते … Read more

वक्त से डरो – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

अपनी ही रौ में मधु बोले जा रही थी”मम्मी,अठारह साल की हो गईं हूं।अब मैं अपने फैसले खुद ले सकती हूं।कब तक पापा की तानाशाही बर्दाश्त करेंगें हम।मैं तो कहती हूं,मेरे साथ तुम भी निकल लो इस कैदखाने से। मम्मी,हम जैसे ही शादी करके सैटल हो जाएंगे,तुम भी हमारे साथ रहना।रवि की भी तो मां … Read more

वक्त वक्त की बात – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

बेटी की चिट्ठी हाथ में पकड़े योगेश को आज एहसास हो रहा था कि एक वक्त था जब पिताजी ने कहा था (और योगेश अतीत में खो गया) “ बस योगेश बस !!!अब बस भी करो… बहुत बोल रहे हो कम से कम वक़्त से डरो…आज इनकी ज़िन्दगी पर बन आई है कहीं कल को… … Read more

सही परवरिश जरूरी है – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रिमझिम रो मत बाबू, चुप हो जा,चल मै तुम्हे बाहर घुमा लाती हूँ,तुम्हे आइसक्रीम भी दिला दूंगी,रिमझिम की नानी उसे चुप कराने की बहुत कोशिश कर रही थी,पर रिमझिम थी कि चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी। बस एक ही रट लगाए हुए थी कि मुझे भी अपनी माँ को लाने पापा … Read more

विश्वास की पक्की डोर – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   प्रथम और उत्सव दो जुड़वा भाई, प्रथम ,उत्सव से दो मिंट बड़ा, तो उसका नाम प्रथम और दूसरे का उत्सव क्योंकि उत्सव जैसा माहौल हो गया था। छोटे से कस्बे में रहने वाले दीपक के घर तो जैसे सचमुच ही उजाला हो गया। शादी के दस साल बाद पैदा हुए थे, लड़कियां भी होती तो … Read more

पता है…. – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

ऑफिस की सीढियां चढ़ ही रहा था कि पीछे दौड़ती आती पदचापों से थम सा गया मुड़ कर देखा तो अश्विनी था। थोड़ा ठहर तो अविनाश  तेरे पैदल चलने में भी वही रफ्तार है जो  तेरे ऑफिस काम करने के तरीके में है अरे इतनी जल्दी है तो लिफ्ट से आया जाया कर  तुझे पता … Read more

राज़ खोलना – सोमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

यह कहानी हैं एक छोटे से खुशहाल परिवार की ।सावित्री देवी का परिवार उनका बेटा निर्मल और बहु लता उनके दो बच्चे नीला और नवीन।नीला कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रही है और नवीन अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई के आखिरी साल में है। सावित्री देवी ने अपने पति को एक  सड़क दुर्घटना में खो दिया था … Read more

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