संतुष्ट – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

अचानक आये फोन ने रोहन को चौका दिया कही कुछ फिर हुआ क्या क्योंकि बरस भर पहले उसने फोन किया था और आज पापा की ………. ।भूल गए क्या नहीं नहीं मां भला मैं कैसे भूल सकता हूँ आता हूं दरसल आना जरूरी था इसलिए आया कहकर फोन तो काट दिया पर साल भर पहले … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 आज मीरा के कदम जमी पर नहीं पढ़ रहे थे  ! वह तो बस आरोही को निहारे जा रही थी, और उसको देख देख कर ईश्वर का भी बार-बार धन्यवाद करती जा रही थी ! आज खुशी में भी उसकी मां मीरा की आंखें बार-बार भीग रही थी ! आरोही ने जब देखा तो अपनी … Read more

पत्थर दिल – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

नहीं पापा.. मैं उसको किसी भी कीमत पर मनाने नहीं जाऊंगा वह अपनी मर्जी से घर छोड़ कर गई है अगर उसको आना होगा तो स्वयं ही आ जाएगी पर मुझ से दोबारा  लाने की मत कहना! पर बेटा… तू समझने की कोशिश तो कर, तेरा, तेरे बच्चों का क्या होगा? हम कब तक रहेंगे? … Read more

कर्मठता – पूनम अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नवीन अब नौ साल का हो गया ।  कुछ कुछ समझने भी लगा कि क्यों मां हर समय दुखी रहती है । क्यों मेरे पापा  मेरे और मां के साथ नहीं रहते । लेकिन अभी वह इतना बड़ा भी नहीं कि कुछ मां को समझा पाये । कभी कुछ कहने की कोशिश भी की तो … Read more

मातृत्व-एहसास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 कुछ दिनों पहले तक जिस ‘कमला निवास ‘ में खुशियों के गीत गूँजते थे, वहाँ आज मातम छाया हुआ था।आने-जाने वाले लोगों का ताँता लगा हुआ।         घर के बड़े हाॅल के फ़र्श पर एक आठ वर्ष का बालक चिरनिद्रा में सोया हुआ था और उसकी माँ मालिनी उससे लिपटकर रोये जा रही थी,” अंशु, मेरे … Read more

पत्थर दिल – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

डॉक्टर साहब, डॉक्टर साहब किसी भी तरह बस आप मेरी मां को बचा लो। देखो हमने पहले भी कहा है इनकी दोनों किडनी खराब हो गई हैं। जल्दी से जल्दी किसी डोनर को देखिए जो इन्हें अपनी किडनी दे सके। यह है राघव, जिसकी मां अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। राघव … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

    भारत माता की जय। आज मैंने अपनी मां के आंसुओं का हिसाब कर लिया है” आतंकवादियों के कई अड्डों को तबाह करने के बाद फौजी रमन खुशी से चिल्लाया। उसके हर्ष से ओतप्रोत स्वर को सुनकर सभी सैनिक साथियों की नज़र उसकी ओर उठ गई मगर सभी इतनी बुरी तरह से थके हुए थे कि … Read more

इतनी पत्थर दिल कैसे हो सकती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी मम्मी दरवाजा खोलो शिवानी लगातार दरवाजा पीटती  जा रही थी। अंदर गहरी नींद में सोई कुमुद जी उठी  इतनी रात में कौन दरवाजा पीट रहा है। बिस्तर से उठी बत्ती जलाई,। और दरवाजा खोल के देखा तो  सामने शिवानी खड़ी थी । रोती-रोती कुमुद जी के गले लग गई। क्या हुआ शिवानी  बताओ मुझे … Read more

लकड़ी के लोग – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

छोटे खाँ नाई जहां जमीन पर कपड़ा बिछाकर लोगों की हजामत बनाया करता था उसी स्थान पर उसके लड़कों ने एक चक्कर दार कुर्सियों और बड़े बड़े शीशों वाली दुकान खड़ी कर ली थी। सामने एक खूबसूरत साइनबोर्ड लगा था जिस पर दिलीप कुमार के चित्र के ठीक नीचे सलीम हेयरड्रैसर लिखा था। बड़े लड़के … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मालती जी के फोटो पर हार चढ़ा था और उनकी शोक सभा में सभी आए थे। राधे और उसकी पत्नी बहुत जोर – जोर से रो रहें थे और एक कहानी सबको सुना रहे थे कि अम्मा अपनी सहेलियों के साथ तीर्थ यात्रा पर गईं थीं और बस खाई में गिर गई थी। किसी का … Read more

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