क्या माता-पिता का दिल भी पत्थर हो सकता है। – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

घर लौटने पर आज फिर राजेश को घर का वातावरण थोड़ा बोझिल लगा।ऐसा लगा जैसा अजीब सा सन्नाटा पसरा हो।बाहर बरामदे में भैया के बच्चों के साथ उसकी बेटी रिया खेलती नज़र नहीं आई।भैया के बच्चे आशु और अवनी उसे देखते ही उसकी तरफ लपके और साथ ही अपने ननिहाल से आए खिलौनों को दिखाने … Read more

मैं गांधारी नहीं – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

सूरज ढल रहा था और अँधेरा फैलने को था। गाँव की वह लड़कियाँ इसी अंधेरे का इंतज़ार करती हैं, जिनके घरों में शौचालय नहीं होते। गाँव की एक ऐसी ही लड़की, हाथ में लोटा लिए, सुनसान जगह की ओर जा रही थी, जहाँ कोई नहीं आता-जाता था। ठाकुर रणवीर प्रताप अपनी ऊंची हवेली के झरोखे … Read more

दोहरा चरित्र – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अमित को नौकरी के सिलसिले में बहुत आना- जाना पड़ता था। शुरू – शुरू में तो उसके साथ गीत भी गई लेकिन अमित उसे वक्त ही नहीं दे पाता था।गीत भी होटल के कमरे में पड़े – पड़े बोर हो जाती। नया शहर नए लोग करे तो क्या करें, इसलिए उसने साथ जाना बंद कर … Read more

मेरी स्नेहा – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 अधेड़ उम्र के डॉक्टर विश्वास जैसे ही ऑपरेशन थिएटर से बाहर आए, रोशनी के माता-पिता उनकी तरफ दौड़ पड़े और चिंतातुर होते हुए पूछने लगे-” रोशनी अब कैसी है डॉक्टर साहब,हमारी बच्ची का ऑपरेशन कैसा रहा, वह होश में कब आएगी? ”            उन्होंने डॉक्टर साहब से दो क्षण में ढेरों सवाल पूछ डाले। डॉ विश्वास … Read more

सच का आईना – डॉ कंचन शुक्ला

“कहां मर गई कमबख्त कितनी देर से तुझे आवाज लगा रहीं हूं  तुम हो की कान में तेल डाले बैठी हो” सलमा बीबी ने अपनी बहू रजिया को गुस्से में चिल्लाते हुए आवाज लगाई।  “आई अम्मी जी ” कहती हुई जल्दी से रजिया सलमा के पास पहुंची उसका हाथ आटे में सना हुआ था।  “ये … Read more

 बहू तुम बड़ी पत्थर दिल हो – अर्चना खण्डेलवाल

सुबह -सुबह मेघना जी उठकर रसोई में गई, तो उन्हें वहां कुछ समझ नहीं आया, फिर भी उन्होंने दो -चार रेक खोलकर चाय पत्ती, शक्कर और चाय का बर्तन ढूंढ ही लिया, गांव में तो खुली रसोई थी, सब कुछ सामने ही मिल जाता था, पर ये शहरों की रसोई हर चीज छुपी होती है, … Read more

एक मौका और – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

भीनी ने बाहर जाने से पहले जब अपने आप को आईने में निहारा, तो वह हल्के से बड़ी अदा से मुस्कराई। उसे महसूस हुआ कि वो एक सैकैंड भी यहाँ और रूकी तो ख़ुद पर ही फ़िदा हो जाएगी। सिवाय थोड़े से आई मेकअप और हल्की सी क्रीम लगाने के इलावा उसने कोई कास्मेटिक यूज़ … Read more

पत्थर दिल – खुशी : Moral Stories in Hindi

राघव एक जिंदा दिल लड़का था जो सोते जागते दूसरों की मदद को तैयार रहता सब कहते इसका दिल सोने का है सबकी मदद करता है।घर में दो भाई और मां थे। बड़ा भाई विनय खेती करता था और छोटा भाई मेकेनिक था। उसी को काम करता देख राघव कहता मै भी बड़ी बड़ी गाड़ियों … Read more

“पत्थर दिल” – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

गीतू एकदम पत्थर दिल बन गई थी आजकल ।जबसे पति चले गए तब से न किसी से कुछ बोलती न किसी से मिलती।बस अपने घर में अपने काम से मतलब रखती ।गीता नाम था उसका लेकिन गौरव हमेशा प्यार से गीतू बुलाने लगे थे।उसे भी गीतू सुनना अच्छा लगता ।सोलह साल की रही होगी जब … Read more

“जब पत्थर दिल पिघलने लगा” – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

शहर की भीड़भाड़ में एक आलीशान अपार्टमेंट था — ऊँची इमारतें, चमकते फ्लैट, और भीतर रहने वाले वो लोग जो अपनी-अपनी दुनिया में उलझे थे। इसी अपार्टमेंट की दसवीं मंज़िल पर रहते थे संजय वर्मा, एक रिटायर्ड बैंक अफसर, उम्र लगभग 70 साल। सफेद बाल, चेहरे पर समय की लकीरें, और आंखों में गहराती तन्हाई। … Read more

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