रामू की आँखों से नींद कोसों दूर थी ,मन ही मन बहुत पछता रहा था कि काश उसने अपनी माँ की बात मानी होती यह सोच-सोच कर रोज ही रोता रहता ।
औरपुरानी बातें याद करने लगता ।एक छोटे से गाँव में रामू नाम का लड़का रहता था ।वह एक गरीब क़िसान का बेटा था और वह बचपन से ही बहुत मेहनती था,धीरे-धीरे समय बीतता गया ।
रामू के माँ – बाप ने रामू को आगे की पढ़ाई के लिए शहर भेज दिया और रामू शहर चला गया , रामू मेहनती तो था
ही सो उसे एक अच्छी जगह नौकरी भी मिल गई ,शहर में रहकर उसने नई-नई चीजें देखी और नये-नये लोगों से मिला
और धीरे-धीरे वह गलत लोगों की संगत में आ गया ।शहर में और गलत लोगों की संगत में वह कई बुरे काम सीख गया और जुआ भी खेलने लगा ।
जब रामू के माँ-बाप को रामू के बारे में पता लगा तो उन्होंने रामू को बहुत समझाया,लेकिन रामू पर उनकी किसी बात का असर नहीं हुआ ।रामू ने जुए में सब कुछ गँवा दिया और क़र्ज़दार हो गया
जुए के चक्कर में उसने अपनेकाम पर भी ध्यान नहीं दिया ,उसे नौकरी से निकाल दिया गया औरवह बेरोज़गार हो गया ।
एक दिन उसे गाँव से एक ख़त मिला ,उसकी माँ बहुत बीमार थी उसकी माँ नेउसे गाँव बुलाया था ।
रामू बहुत पछताया ,उसे अपने किये हुए कामों पर बहुत पछतावा हुआ ।वह जल्द से जल्द अपने गाँव वापस लोटना चाहता था।
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जब वह गाँव अपनी माँ के पास पहुँचा तो उसने माँ से माफी माँगी ,माँ तो आखिर माँ होती है तो माँ ने रामू को माफ कर दिया ।
समय के साथ उसकी माँ ठीक होने की जगह और ज्यादा बीमार होती गई और एक दिन रामू की माँ का देहांत हो गया।
रामू को बहुत पछतावा हुआ लेकिन अब कुछ भी नहीं हो सकता था ,रामू कोमाँ के बिना बहुत बुरा लगा ।
उसे अहसास हुआ कि उसने अपनी जिंदगी खुदी खुद के हाथों से बर्बाद कर दी है ,
हर समय यही सोचता रहता कि काश…. उसने अपनी माँ की बात मान ली होती तो आज यह दिन ना देखना पड़ता ।
हमें हमेशा माँ – बाप की बात माननी चाहिए और गलत संगत से दूर रहना चाहिए और हमेशा सही रास्ते पर चलना चाहिए ।।
शीतल भार्गव
छबड़ा ज़िला बांरा
राजस्थान