रूही रात के 2 बज गए है,
तुम अभी तक जग रहीं हो।
हां, मम्मा वो पढ़ाई कर रहीं थी, कल असाइनमेंट देनी है ना।
बेटा मोबाईल हाथ में
लेकर कैसे पढ़ाई हो रही है।
मम्मा, सारे नोटिस फोन में ही है।
बेटा पक्का ना।
हां मम्मा।
कुछ चाहिए…बेटा…टी कॉफी।
नहीं मम्मा ।
ओके बेटा, गुड नाइट।
गुड नाइट मम्मा।
रमा, रूही की माँ अपने कमरे में आ जाती है।
पर उसे चिंता होने लगती कि बेटी सच में पढ़ाई ही कर रहीं है ना हमारी आंखों में धुल तो नहीं झोंक रहीं।
किसी गलत रास्ते पे तो नहीं चली गयी,
कल सुबह इसके पापा से बात करती हूं।
अगले दिन रूही के स्कूल जाने के बाद…
सुनो रमन, (रुही के पापा) आज कल रूही देर रात तक पढती है ।
रमन- हां तो अच्छा है ना।
अरे पूरी बात तो सुनो, फोन से चिपक कर पढती है।
अब पता नहीं पढ़ाई करती है या कुछ ओर…
रमन- क्या मतलब है तुम्हारा रमा ..
विश्वास रखो बेटी पर ।
रमा- यार, विश्वास तो है पर आज कल बच्चे भटक जाते है तो माँ बाप को उन्हें समय-समय पर समझाते रहना चाहिए ना।
ठीक है, ठीक है।
ऑफिस से आ कर बात करता हूं,अभी नाश्ता लाओ..देर हो रही है।
….
दोपहर में रमा को रूही की क्लास टीचर मिस भावना की कॉल आती है….
हैलो.. मैम..
इज दिस रूही ज माम(रूही की मम्मी बोल रहीं हैं)
रमा – जी बोलिए ।
रूही’ स क्लास टीचर हे हेयर( मैं रूही की क्लास टीचर)
रमा- “नमस्कार मैम।”
..
क्लास टीचर- नमस्कार जी..
मैम रूही ने किसी भी असाइनमेंट का काम कम्प्लीट नहीं किया है… उसे 2- 3 बार बार वार्न भी कर चुके है। लास्ट डेट दो दिन बाद की है।… ऐसे तो रूही के और स्कूल के रिजल्ट पर बुरा असर पड़ेगा।
12th है मैडम…
फाइल सबमिट नहीं होती तो उसके मार्क्स कम हो जाएगे ।
रमा .. क्या, उसकी फाइल पूरी नहीं है ?
क्लास टीचर- नोमैम….
आजकल पढ़ाई में भी पहले जैसा इंटरेस्ट नही ले रही।.. एक बार आपको बताना हमारी ड्यूटी थी… आगे आप देख लेना ।
रमा- ओके मैम, मैं चेक करती हूं।
फोन रख कर।
हम्म, तो रूही सच में हमारी आँखों में धूल झोंक रहीं है।
पढ़ाई के बहाने कुछ और ही क्लासेज चल रहीं है इस लडकी की।
शाम को अब मैं सीधा करती हुं इसको।
वो रमन को फोन पर सारी बात बताती है जिसे सुन एक बार तो रमन को भी हैरानी होती है।
पर फिर रमा से कहता हे कि अभी कोई इस टॉपिक पे बात न करें।
रात को डिनर पर आराम से बात करते है।
तूम ऐसा करो आज उसका कुछ मनपसंद खाना बनाओ।
रमा- क्या?
अरे जैसा कह रहा हूं वैसा करो।
ओके।
…
डिनर करते हुए..
रमन- रूही बेटा, पढ़ाई कैसी चल रही है ?
पापा अच्छी चल रहीं है।
सब काम कम्प्लीट है?
जी पापा।
कहीं कुछ छुट तो नहीं रहा ना.. कोई काॅपी अधुरी हो या कोई असाइनमेंट ना हुई हो।
घबराते हुए, नहीं पापा।
गुड बेटा।
बेटा,तुम्हारी मम्मा बता रहीं थीं तुम रात रातभर पढ़ाई करती हो।
जी पापा।
सच में मेरा बेटा इतना बड़ा हो गया.. सेल्फ सटडी कर रहा है…
हर काम कम्प्लीट …
वाह! गुड बेटा, मुझे तुम पर पूरा भरोसा है।
रूही की आंखे झुक गयी।….वो कुछ नहीं बोली
क्या हुआ, मेरा बेटा ऐसे ख़ामोश क्यु हो गया ?
कोई बात है क्या?
रूही चुप… बिल्कुल चुप थी।
बेटा अगर कोई परेशानी है.. तुम बता सकती हो।
हम हमेशा तुम्हारे साथ है हर हालात में
पापा वो…
क्या बेटा …
मम्मा ..
रमा .. हां, बोलो बेटा..
मम्मा, मुझे माफ़ कर दो..
पापा आइ एम सॉरी..
मैं रात को पढ़ाई नहीं करती…
रीलस देखती हूँ या दोस्तों से चैट करती हूं।
कई बार मूवी या मैच भी देखती हूं।
मेरी कोई असाइनमेंट भी कम्प्लीट नहीं है ..
यह बोल रूही रोने लगी…
रमा .. अब क्युं रोती है… अब रोने का क्या फायदा ..
रमन .- रमा 1 मिंट तुम शांत हो जाओ।
मैं बात कर रहे हूं ना…
रमा .. हम्म..
रमन .. रूही, ये जो तुम आँखों में धूल झोंक रहीं हो ना वो असल में हमारी नहीं .. तुम खुद की आँखों में धूल झोंक रहीं हो …
बेटा तुम खुद सोचो…तुम्हारे अच्छे मार्क्स नहीं आयेगे तो.. .. अच्छा कॉलेज भी नहीं मिलेगा .. .. अच्छा कॉलेज नहीं तो अच्छी प्लेसमेंट नहीं…. ना ही अच्छी नौकरी..
तुम हमें नहीं खुद को चीट कर रही हो.. खुद का फ्यूचर खराब कर रहीं हो …
अब तुम बड़ी हो गयी हो .. तुम्हें खुद सोचना है क्या अच्छा है.. क्या बुरा …
माँ बाप एक उम्र के बाद सिर्फ समझा सकते है ..जबरदस्ती नहीं कर सकते …..
रूही रोते रोते-
सॉरी पापा .. मुझे समझ आ गया …
मैं आप दोनों से प्रॉमिस करती हूं कि अब मैं दिल लगाकर पढ़ाई करूंगी..और टाइम से हर काम कम्प्लीट करुगी।
..
रमन .. और हम दोनों तेरी असाइनमेंट कम्प्लीट करने में मदद करेंगे ।
रूही हैरानी से देखते हुए..
रमा क्लास टीचर के फोन की सारी बात बताती है ।
दोनों को जफ्फी डाल… आप फिर भी मुझसे नाराज़ नहीं…
थैंक्यू.. थैंक्यू.. आप दोंनो को।
कहते कहते अपने मम्मा-पापा के फिर गले लग जाती है।
दोस्तों..
आज कल के बच्चे बहुत जल्दी भटक जाते है .. क्या करे गैजेट्स ही इतना आ गए है..
पर हमें हमेशा अपने बच्चो को प्यार से समझाना है तांकि बच्चे हमेशा सही रास्ते पर चले।
आपकी क्या राय है कमेंट्स में जरूर बताए…
रीतू गुप्ता
स्वरचित
विषय- आँखो में धूल झोंकना