रोहित शर्मा की कॉलोनी में बड़ी धाक थी | पैसों की कोई कमी नहीं थी और उनका शौंक था हर चीज में दिखावा करना | बेटी की शादी उन्होने फाइव स्टार होटल में करने का निश्चय किया | मेहमानों को कार्ड के साथ अच्छी सी पैंकिग में ड्राई फ्रूट्स, और सोने का ब्रेसलेट, दुल्हन के स्वागत के लिए आलीशान फूलों की बारिश , मिलनी में सबको सोने की चेन |
मेहमानों में से एक ने कहा – क्या ठाठ हैं | राजा महाराजाओं जैसी शादी कर रहे हैं |वो मुस्कराए और कहने लगे – नाम ही सब कुछ है लोग याद रखेगें , यह क्या कम है | उनका सच्चा मित्र सोच रहा था – कर्जा लेकर शादी कर रहा है | ये सब दिखावा है – असली सुख तो दिलों में होता है , पैसों की चमक में नहीं |
बेटी की विदाई हो गई | कुछ दिनों तक शादी की चर्चा चलती रही सच में करोड रुपया खर्च कर दिया |कुछ दिनों बाद व्यापार में मंदी आ गई और व्यापार ठप हो गया | बैंक और साहूकार रोज़ दरवाजा खटखटाने लगे | जिन लोगों को शादी में खुश करता था आज वो ही मुंह फेरने लगे |
हताश होकर अपने परममित्र आकाश के घर पहुंचे | दोस्त ! सबने साथ छोड़ दिया | अब समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करुं|
आकाश ने मुस्करा कर कहा – देख भाई ! अब कुछ कर तो सकते नहीं , बस हिम्मत मत हार , ईश्वर ने चाहा तो कोई न कोई रास्ता निकल आयेगा | भाई ! दिखावे से सम्मान नहीं मिलता, बाद में सब बातें ही बनाते हैं रिश्तों से ही मान- सम्मान मिलता है – ये दुनिया है भाई |
रोहित की आंखें भर आई | दोस्त तू ठीक कहता है , मैनें पैसों की चमक दमक से जीवन का असली अर्थ खो दिया |
उस दिन से रोहित बदल गया, उसने सादगी अपनाई और समाज सेवा शुरु कर दी और कर्जा चुकाने के लिए दिन रात मेहनत भी करने लगा | अब सब दिल से अपना मानने लगे, पहले तो सब दुत्कारते थे | धीरे धीरे कर्जा भी खत्म होने लगा | अब थोडी़ सी शांति और सकून मिला |
बड़े बड़े आलीशान होटल और झूठे दिखावे से जिंदगी नहीं चलती | सच्ची इज्जत वही है जितनी चादर हो उतने ही पैर पसारने चाहिए, ज्यादा दिखावा भी जिंदगी को बर्बाद कर देता है |
असली सुख और इज्जत, सादगी ईमानदारी और दूसरों के साथ सच्चे रिश्ते निभाने में है |
पैसा कमाना बुरी बात नहीं , पर दिखावे के लिए पैसों को बहाना सबसे बड़ी मूर्खता है | सच में दोस्त अगर मैं तुम्हारे पास नहीं आता तो मेरा तो हार्ट अटैक हो जाता |
मुझे आज पता चला ” झूठे दिखावे से दुनिया नहीं चलती “
सुदर्शन सचदेवा