रात के 2:30 बजने वाले थे लेकिन नंदिनी की आंखों से नींद कोसों दूर थी बार-बार आने वाली हिचकी ने उसे परेशान कर रखा था जैसे ही वह सोने की कोशिश करती तभी उसे हिचकी आ जाती उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे वह इस समस्या से निजात पाएं दिनभर ऑफिस में काम करने के कारण काम के बोझ से थके हुए
पतिदेव निशांत उस वक्त गहरी नींद में सोए हुए थे उसके मन में सवालों का झंझावात चल रहा था कभी मन करता कि उन्हें जगाकर अपनी परेशानी व्यक्त कर दूं कभी मन कहता सोने दूं क्यों नींद से जगा कर उन्हें परेशान करूं?
तभी उसे पतिदेव कि कहीं एक बात याद आई जब वह नई नई दुल्हन बन कर आई तब वह अपनी सासू मां से बहुत डरती थी क्योंकि उसकी सास बहुत गुस्से बाज थी गुस्सा तो जैसे हर वक्त उनकी नाक पर धरा रहता था रोज उनका किसी ना किसी बात पर उसकी जिठानी रमा से झगड़ा हो ही जाता था कहीं उसका भी सास से झगड़ा ना हो जाए यह सोचकर वह उनसे बोलती नहीं थी चुपचाप घर का काम करती रहती थी।
अपनी सास के प्रति उसके मन में डर देखकर एक दिन निशांत ने उसे प्यार से समझाते हुए कहा” तुम्हारी सास बुरी नहीं है हालातों ने उसे गुस्से बाज बना दिया हम तीन भाई थे जो मम्मी पापा के साथ बड़े प्रेम से रहते थे एक दिन मेरा बड़ा भाई कंपनी में जॉब करने गया तो रास्ते में एक गाड़ी ने पीछे से मेरे भाई की गाड़ी में ऐसी टक्कर मार दी की वहीं पर उनका स्वर्गवास हो गया तब से मम्मी बहुत दुखी रहने लगी थी
उसे दुख से उबरने के लिए जब उन्होंने छोटे वाले भाई अनुराग की शादी अलका भाभी से की तो भाभी उनका कहा नहीं मानती जब मर्जी अपने मायके चली जाती है जब मर्जी होती है वापस घर आ जाती हैं दिन भर फोन चला कर अपना सारा समय बर्बाद कर देती हैं जब मम्मी उनसे घर का कोई भी काम करने को कहती हैं
तो वे किसी काम को करने से साफ इनकार कर देती हैं और मम्मी से लड़ने लगती है इसलिए मम्मी के मन में उसके प्रति प्यार की जगह कड़वाहट भर गई है मम्मी अब भाभी से बहुत कम वास्ता रखने लगी है।
यदि तुम अपनी सास की इच्छा का सम्मान करोगी घर के काम में उनका हाथ बटाओगी भूख लगने पर उन्हें खाना बनाकर दोगी कभी उनसे उल्टा नहीं बोलोगी तो तुम हमेशा उनका प्यार पाओगी तुम्हारी सास बिल्कुल नारियल की तरह बाहर से कठोर और अंदर से मोम की तरह मुलायम है यदि यकीन नहीं तो आजमा कर देख लेना।
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पतिदेव की बात याद करके वह बिस्तर से उठ कर चुपचाप सास के पास चल दी उस की सास चारपाई पर लेटी हुई थी जैसे ही उसकी सास ने उसकी पदचाप सुनी तुरंत उनकी आंख खुल गई थी वो प्यार से उसका चेहरा देखती हुई बोली” क्या परेशानी है तुम्हें? यह सुनकर नंदिनी बोली” मम्मी मुझे हिचकी आ रही है जिसके कारण लाख कोशिश करने पर भी मुझे नींद नहीं आ रही है ।”
“तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया मैं कब की तेरी परेशानी दूर कर देती? ” नंदिनी की परेशानी सुनकर उसकी सास प्यार से बोली फिर उसका हाथ पकड़ कर रसोई मे ले गई उन्होंने कटोर दान में से एक रोटी के दो टुकड़े करें फिर रोटी के बारीक पीसकर एक कटोरी में रख दिया फिर उनमें दो चम्मच शुद्ध देसी घी मिलाकर नंदिनी को खिलाया तो उन्होंने जादुई सा असर किया उसकी हिचकी तुरंत बंद हो गई थी
अपनी बीमारी को पल भर में दूर होते देख नंदिनी का मन अपनी सास के प्रति सम्मान से भर उठा था सास के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए जैसे ही वह उनके पैर छूने चली उन्होंने प्यार से उसे अपनी बाहों में भर लिया था सास का अपने प्रति इतना प्यार देखकर उसे अपने पति की नसीहत याद आ गई थी और उसे हिचकी दूर करने की दवा भी मिल गई थी।
दोस्तों जब कई दिनों तक कोई इंसान हिचकियों से परेशान हो तो यह हिचकी दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है इंसान कोई बुरा नहीं होता हालात उसे बुरा बना देते हैं हर इंसान दूसरों की नजरों में अच्छा बनना चाहता है परंतु, कभी-कभी परिस्थितियां इतनी विपरीत हो जाती हैं कि इंसान गुस्सा दिखाने पर मजबूर हो जाता है इसलिए किसी के बारे में अच्छी या बुरी राय बनाने से पहले उसकी परिस्थिति पर गौर जरूर करें।
लेखिका : बीना शर्मा
#रिश्तो में बढ़ती दूरियां