मां , मुझे आज बंटू की शादी में जो सोने के कंगन पहनने थे , वह कहीं मिल नहीं रहे , मैंने अपना सारा सामान उल्ट पुलट कर देख लिया नेहा अपनी मां राधा जी से बोली !!
राधा जी बोली – अरे बेटा , हो सकता हैं तु ससुराल से ही लाना भूल गई हो , अगर यहां लाई होती तो यहा से कहां चले जाते ??
• मां , तुम्हें पता हैं मैंने वह कंगन अभी दो महिने पहले ही बनाए थे ताकि अपने छोटे भाई बंटू की शादी में पहन कर अपनी वाहवाह बटोरू , तुम तो जानती हो मां सोने के भाव आसमान छू रहे हैं और ऐसे में मेरा सोने के कंगन खरीदना लोगो को हैरान करने जैसा है तभी तो तुम्हारे दामाद नयन ने भी एक बार भी ना नहीं कहा और तुरंत बोले आखिर मैं कमा किसके लिए रहा हुं तुम्हारे लिए ही तो कमा रहा हुं और मेरी पत्नी जब अपने भाई की शादी में नए सोने के कंगन पहनेगी तो उसका रुतबा भी तो बड़ा दिखेगा और उसका रुतबा मतलब मेरा रूतबा !!
मां कल मेरे कमरे में बडी भाभी भी आई थी , मुझे तो लगता हैं उसी ने मेरे कंगन चुराए होंगे क्योंकि उस समय मैं कमरे में नहीं थी , मुझे तो बाद में पता चला कि वह कोई काम से मुझे बुलाने मेरे कमरे में गई थी , जबकि मैं तो यहां नीचे हॉल में ही थी !!
राधा जी बोली – नेहा , कुछ भी बोल देती हो भाभी हैं वह तुम्हारी , भला वह क्यों कंगन चुराएगी तुम्हारे ??
क्योंकि उन्होंने तो कभी अपने मायके में ऐसा कुछ देखा नहीं हैं ना मां और बड़े भैया भी तो जिंदगी में कहां कुछ तरक्की कर पाए , गरीबी इंसान से कुछ भी करवा सकती हैं मां , अब तुम खुद ही सोचो हमारा छोटा बंटू भी आज पढ़-लिखकर कितनी अच्छी पोस्ट पर मैनेजर बन गया और बड़े भैया से चार गुना ज्यादा कमाता हैं , मैं भी भरे पुरे ससुराल की बहू हुं , मुझे भी किसी चीज की कमी नहीं तो बड़ी भाभी को भी तो मन में लगता होगा ना कि काश मेरे पास भी इन लोगो जैसा पैसा होता , मां हो ना हो मेरे सोने के कंगन सौम्या भाभी ने ही चुराए हैं !!
राधा जी को भी बेटी की बात सही लगने लगी क्योंकि उन्होंने देखा था सौम्या को कभी कभी कुढ़ते हुए और अपने बेटे कार्तिक से झगड़ते हुए क्योंकि कार्तिक इमानदारी से कमाने में विश्वास रखता था जिससे वह पत्नी की सारी जरूरते कभी पुरी नही कर पाया और घर की जिम्मेदारियों में पीसकर रह गया था वही बेटा बंटू आज बड़ा अफसर बन उसकी मनपसंद लड़की से शादी कर रहा था !!
राधा जी बोली – नेहा , मैं सौम्या को किसी काम में व्यस्त कर देती हुं वैसे भी शादी वाला घर है , ढेरो काम हैं घर में , फिर हम उसका कमरा चेक कर लेंगे , अगर कंगन उसी ने चुराए होंगे तो उसके कमरे में ही होंगे !!
थोड़ी देर बाद राधा जी ने सौम्या से कहा – बहू बारातियों के स्वागत में कुछ कमी नहीं रहनी चाहिए वैसे भी हमारा बंटू करोडों का खर्चा कर रहा हैं शादी में इसलिए तुम जाकर सारी व्यवस्था चेक कर लो !!
सौम्या जैसे ही बाहर गई दोनों मां बेटी उसके कमरे में जाकर उसका सारा कमरा चेक करने लगी !!
नेहा बोली मां तुम अलमारी में देखो मैं पलंग के नीचे देखती हुं इस तरह से दोनो मिलकर सारे कमरे की तलाशी ले ही रहे थे कि वहां बेटा कार्तिक आ पहुंचा !!
अपने कमरे की इस तरह तलाशी होते देख वह बोला मां , नेहा यह क्या हो रहा हैं ??
दो मिनट तो दोनों मां – बेटी सहम गई फिर नेहा बोली – भैया , तुम्हारी बीवी ने मेरे सोने के कंगन चुरा लिए हैं बस वहीं ढूंढने आई थी , उतने में वहां सौम्या भी आ गई और यह तमाशा देख बोली – नेहा दीदी कैसे सोने के कंगन और आप मुझ पर इतना बड़ा इल्जाम कैसे लगा सकती हैं ??
भाभी कैसे और क्यों छोड़ो और आपने मेरे कंगन कहां रखे हैं यह बतला दो चुपचाप बस !!
कार्तिक बोला – नेहा , मुझे शर्म महसूस हो रही हैं कि तुम मेरी छोटी बहन हो , अगर तुम मेरी बहन ना होती तो अब तक दो थपपड़ लगा चुका होता !!
भैया , आप लोग अपनी औकात में रहिए , सौम्या भाभी तो गरीब घर की थी ही मगर आपने भी कोई बड़ा काम नहीं किया तभी तो मेरे सोने के कंगन चोरी किए ताकि इस महंगाई में आपका घर चल पाए !!
सौम्या बोली – हां , दीदी सच कहा आपने , मैं गरीब मायके की लड़की हुं और मेरे पति के पास भी कभी ज्यादा पैसे जमा नहीं हो पाए क्योंकि उन्होंने हमेशा पहले अपने परिवार के बारे में सोचा !! घर के सबसे बड़े बेटे को पिता के मरने के बाद जिम्मेदारियों का बोझा ढोना होता है इसलिए खुद पढ़ाई नहीं की मगर आप दोनों छोटे भाई – बहन को उन्होंने पढ़ाया , जिसकी वजह से आज आप इतने अमीर ससुराल की बहू बन पाई और बंटू बड़ा अफसर और फिर आप लोगो ने वही किया जो हर इंसान करता हैं !!
जब तक सबको इनकी जरूरत थी तब तक सब कार्तिक के आगे पीछे घूमते थे और जब कार्तिक सबकी जरूरते पूरी करते करते कंगाल हो गए तो उन्हें दूध में गिरी मक्खी की तरह बाहर निकाल कर फेंक दिया गया !! मैं कार्तिक से इस बात पर झगड़ा किया करती थी कि कभी अपने लिए भी सोचो मगर कार्तिक ने हमेशा अपने परिवार को सर्वोपरि रखा तभी तो आज हमें यह दिन देखना पड़ रहा हैं !! दीदी , गरीब मायके की जरूर हुं पर संस्कार वाली हुं , मेरे लिए चोरी करना तो दूर की बात हैं मैं कभी चोरी करने का सोच भी नहीं सकती !! खैर आप छोटी सोच के लोग क्या समझोगे मेरी बात को ?? जब इतने सालो से मेरे साथ रह रही मेरी सास नहीं समझी मुझे तो आप तो क्या ही समझोगी ??
उतने में नयन का फोन कार्तिक पर आया और बोला – भैया , कब से नेहा को फोन लगा रहा हुं मगर वह फोन उठा ही नहीं रही , क्या बताऊं भैया अभी दो- तीन महिने पहले सोने के नए कंगन बना कर दिए हैं उसे जिसे वह यहां पलंग पर ऐसे ही छोड़कर चली गई थी , वह तो शुक्र करो हमारी कामवाली माला का जो झाडू पौछा कर रही थी तो उसे वह कंगन दिखाई दिए और उसने मुझे लाकर दिए !!
कितनी लापरवाह हैं आपकी बहन ?? उससे कहना कि मैं वह कंगन लेकर आधे घंटे में शादी में आने के लिए रवाना हो जाऊंगा !!
यह सब सुनकर दोनों मां – बेटी के सर शर्म से झुक चुके थे क्योंकि उन्होंने उस भाभी पर शक किया था जिसने भाई को अपने परिवार के लिए इतना सब कुछ करने दिया था वर्ना कोई दूसरी भाभी होती तो कब से पति को लेकर अलग निकल जाती और जिस सोने के कंगन के लिए नेहा ने घर सर पर उठा लिया था वह उसके घर में ही पड़े थे !!
दोस्तों , गरीब घर से आई हुई बेटी को बहू बनने के बाद बहुत कुछ झेलना पड़ता हैं यहां तक कि चोरी का इल्जाम भी !! भले ही वह लाख अच्छा कर ले फिर भी उसकी अच्छाई का कोई मोल नहीं रहता !!
इस कहानी को लेकर आपकी क्या राय हैं ?? कमेंट में जरूर बताईएगा !!
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आपकी सहेली
स्वाती जैंन