दीदी , आपने अपना रिटायरमेंट अपने हाथों से बिगाड़ दिया !! – स्वाती जैंन

अरे बहू , क्या खीं – खीं करके दाँत दिखाके हंसे जा रही हो , इतना भी नहीं जानती कि अभी शादी करके महिना भर ही हुआ हैं तुमको ?? अपने ससुराल वालों के साथ बात करते समय लज्जा – शर्म होनी चाहिए यह भी नहीं सिखाया क्या तुम्हारी मां ने तुमको ?? सरोज जी बहू निमिशा के कमरे में आकर बोली !!

निमिशा बहुत चुलबुली , हंसमुख प्रवृत्ति की लड़की थी और गलत के खिलाफ तुरंत आवाज उठाना उसको आता था मगर उस समय बुआ सास की लड़कियां – बहुएं सब एक साथ उसके कमरे में बैठे हुए थे इसलिए उसने उसकी सास को जवाब नहीं दिया मगर मेहमानो के जाते ही वह पति राज से बोली – राज , तुम्हारे परिवार से जब भी कोई मुझसे अच्छे से बात करता हैं ना जाने तुम्हारी मां को क्या जलन हो जाती है वह मुझे कुछ ना कुछ सुनाकर चली जाती है , यह मैंने आज ही नोटिस नहीं किया हैं  शादी के पहले दिन से मैं यहीं नोटिस कर रही हुं !!

राज बोला – निमिशा मां का स्वभाव थोड़ा कड़क हैं , उन्हें बस यहीं लगता हैं कि बहू कायदे कानून में रहे !!

निमिशा बोली – अरे कायदे कानून का मतलब यह तो नहीं कि मैं दिनभर मुँह बंद करके अकेले अकेले काम करू बस , मेरा भी बोलने और हंसने का मन करता हैं , मैं भी इंसान हुं !!

राज बोला – तुम सास – बहू की बातों में मुझे मत घसीटो यार बस , मुझे सोने दो अब , कल मुझे ऑफिस भी जाना हैं !!

दूसरे दिन निमिशा किचन में काम कर रही थी तो उसकी ननंद प्राची आकर बोली – भाभी यह क्या , अब तक मेरी चाय नहीं बनी , क्या करती रहती हो क्या पता ??

निमिशा बोली प्राची शादी के लायक उम्र हो गई है तुम्हारी और एक चाय के लिए रोज मुझ पर निर्भर रहती हो , थोड़ा मोबाईल छोड़ो और काम में भी हाथ बंटा लिया करो !!

प्राची यह सुनकर गुस्से में चिल्लाई मम्मी ओ मम्मी यहां आओ , देखो आपकी बहुरानी को यह मुझसे काम करवाएगी अब ?? इस घर की बहू यह हैं या मैं ??

सरोज जी भी बेटी के पक्ष में बोली – निमिशा तुम्हारी यह सौ गज की जबान जरा काबू में रखा करो , जब देखो मुँह खोल देती हो , प्राची भी जब किसी के घर की बहू बनेगी तो उसका मामला वह संभाल लेगी , तुम्हें इसके बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं हैं समझी और फिलहाल तुम्हारा काम रसोई संभालना हैं !!

निमिशा बोली – मम्मी जी , प्राची दिनभर घर में मोबाईल चलाती रहती हैं , आप इसको समझाने की बजाय उल्टा मुझ पर ही बरस रही हैं !!

वह मेरी बेटी हैं निमिशा और तुम बहू यह मत भूलो सरोज जी थोड़ा गुस्से से बोली !!

निमिशा बोली – हां मम्मी जी मैं यह भूल गई थी भले ही बेटी गलत हो और बहू सही मगर आप थोड़ी मेरा साथ देंगी क्योंकि मैं तो एक बहू हुं !!

सरोज जी और प्राची निमिशा को घूरते हुए अपने कमरे में चले गए !!

प्राची बोली – मम्मी , आप तो कहती थी आप कभी आपकी बहू को इस घर की मालकिन नहीं बनने देंगी मगर देख लिजिए आपकी बहू तो आपसे भी एक कदम आगे हैं !!

सरोज जी बोली – इसका तो कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा और उन्होंने अपनी ननद कांता जी को फोन लगा दिया !!

दोनों ननद भाभी ने काफी देर बातें की फिर सरोज जी बोली – अब देखना प्राची मैं कैसे इस ऊँट को पहाड़ के नीचे लाती हुं !!

 राज , मुझे मेरे मायके वालो की बहुत याद आ रही है , मैं दो दिन के लिए मायके जाकर आती हुं बोलकर निमिशा अपना बैग पैक करने लगी !!

राज बोला – तुमने मम्मी से तो पूछ लिया हैं ना निमिशा वर्ना मम्मी गुस्सा हो जाएगी !!

अब हर बात तुम्हारी मम्मी से पूछकर करनी पड़ेगी क्या राज ?? मुझे अपनी मां से मिलने तुम्हारी मां को पूछकर जाना पड़ेगा क्या ?? मुझे याद आ रही हैं मेरी मां की तो बस मैं मिलने जा रही हुं , तुम तुम्हारी मम्मी से बात कर देना !!

राज ने भी सोचा निमिशा सच ही तो कह रही हैं और मां अगर गुस्सा हो गई तो मैं संभाल लूंगा !!

 निमीशा अपने मायके चली गई , यहां राज ने जब अपनी मां को बताया कि निमीशा दो दिन के लिए मायके गई हैं , सरोज जी ने ताव में आकर सीधे निमीशा के मायके फोन कर दिया और निमीशा की मां से बोली – आपकी बेटी मुझे बिना बताए आपके घर आ गई हैं , आपने इसको इतने भी संस्कार नहीं दिए कि ऐसे ससुराल में बिना बताए मायके नहीं जाते !! आप अभी की अभी निमिशा को यहां वापस भेज दीजिए !!

निमीशा की मां को लगा था कि निमीशा सास से पूछकर मायके आई होगी मगर यह सुनकर वह भी बेटी को सुनाने लगी कि उसे इस तरह से सास को बिना बताए मायके नहीं आना चाहिए था और उन्होंने फिलहाल बेटी की गृहस्थी बचाने उसे वापस ससुराल जाने कहा !!

अपनी मां की चिंता देखकर निमिशा वापस ससुराल आ गई लेकिन उसने सोच लिया था कि अब अपनी सास को वह जवाब देकर रहेगी कि उन्होंने बहू को आखिर समझ क्या रखा हैं ??

राज को आज उसकी चाची मीना ने रात को खाने पर बुलाया था और निमीशा को भी साथ लाने कहा था !! राज का बिजनेस की वजह से चाचा – चाची के घर आना जाना लगा रहता था मगर निमिशा को साथ ले जाने से उसे डर लग रहा था क्योंकि उसकी मां और चाची सास के रिश्ते अच्छे नहीं थे , वे दोनों एक दूसरे से बात तक नहीं करती थी , एक दूसरे के घर आना जाना तो दूर की बात हैं !!

राज ने आकर निमिशा को यह बात बताई तो निमिशा तुरंत बोली हम चाची जी के घर जरूर जाएंगे राज , वैसे भी तुम्हारी मम्मी तो चाहती ही नहीं की मैं तुम्हारे परिवार से मिलू , मैं घर से कुछ बहाना बनाकर निकल जाऊंगी , तुम कार निकाल कर बाहर खड़े रहना !!

आज दिनभर निमीशा ने तबीयत खराब का बहाना बनाया और कुछ काम नहीं किया !!

शाम को वह डॉक्टर के यहां जाने का बहाना बनाकर राज के साथ चाची सास के यहां जाने निकल गई !!

जब सरोज जी ने निमिशा को इतना तैयार होकर राज के साथ डॉक्टर के पास जाते देखा तो उनके मन में शंका ने बीज बो लिया कि कुछ तो गड़बड़ हैं !!

दूसरी तरफ निमिशा राज के साथ चाची सास के घर खाना खाने गई तो उसकी चाची सास दोनों को देखकर खुश हो गई !!

दोनों में खुब बातें हुई , बातों बातों में निमिशा ने सरोज जी के व्यवहार के बारे में चाची जी को बता दिया कि वे घर में उससे किस तरह का व्यवहार करती हैं ??

मीना जी बोली – बेटा , तेरी सास तेरी बुआ  सास कांता जी के नक्शे कदम पर चलती हैं , यह जो भी कुछ वह तेरे साथ कर रही हैं उसमें हमारी ननद का सबसे बड़ा हाथ हैं , उन्होंने ही हम दोनों जेठानी – देवरानी में भी झगड़े लगवाए , ओर तो ओर मेरे घर में मेरी बहू और मुझमें भी यहीं कोशिश की हमारी कभी ना बन पाए मगर मैंने उनकी मेरे घर में चलने नहीं दी लेकिन सरोज भाभी तो उनसे पूछे बिना कुछ नहीं करती !! अब निमिशा के दिमाग में वह सब दौड़ने लगा जो उसने देखा था , बार बार सरोज जी का कांता जी को फोन लगाना और फिर आकर मुझे ऊंचे स्वर में फटकार लगाना , अब नमिशा को सब समझ में आ रहा था !!

दूसरे दिन निमिशा ने अपनी सास को किसी से फोन पर बात करते सुना – दीदी , आपका तो रिटायरमेंट के बाद बहुओं ने ऐसा हाल किया , मैं तो कोई काम भी नहीं करती फिर सोचो यह मेरी वाली मेरा क्या हाल करेगी ?? आप तो नौकरी जाती थी इसलिए घर में शासन चला पाई इतने दिन , मेरा तो अभी से कुछ शासन नहीं चल रहा हैं घर में !!

फोन पर सामने से सरोज जी को एक से एक आईडिया दिए जा रहे थे निमिशा को नीचे गिराने के !! निमिशा समझ गई सामने उसकी बुआ सास कांता जी ही हैं क्योंकि वह पहले अध्यापिका की नौकरी किया करती थी और हाल ही में एक साल पहले उनका रिटायरमेंट हुआ था !!

फोन रखकर जैसे ही सरोज जी ने पीछे देखा तो निमिशा पीछे खड़ी थी !! सरोज जी आगबबुला होकर बोली – मिल आई कल मेरी छोटी देवरानी से , पड़ गई कलेजे में ठंड उससे मेरी बुराई करके !! वह बता रही थी तेरी बुआजी को कि मैं तेरे जैसी प्यारी लड़की के साथ यह सब अच्छा नहीं कर रही !!

तो ठीक ही तो कह रही हैं चाची जी , आप बुआजी की बातों में आकर अपने ही घर को बिगाड़ रही हैं !! वे जब तक नौकरी करती रही अपनी बहुओ पर शासन चलाती रही तभी तो अब उनके रिटायरमेंट के बाद उन्हें बहुए पूछती तक नही मगर आप उनकी बातों में आकर मुझसे रिश्ता क्यों खराब कर रही हैं ?? मुझे तो अभी शादी करके आए भी ज्यादा समय नहीं हुआ हैं !!

उसने सरोज जी से फोन अपने हाथ में लेकर बुआ जी और सासू मां की कॉलरिकॉर्डिंग सुनना शुरू किया जिसमें कांता जी कह रही थी तु अपनी बहू को कभी अपने घर की मालकिन मत बनने देना , नौकरानी बनाकर रखना !!

बस मम्मी जी यही वजह हैं उनका उनके घर में उनके किए कर्मो की वजह से बुरा हाल हैं , तो वह आपको भी उल्टी सीख दे रही है ताकि कल के दिन आपका हाल भी उनके जैसा हो जाए !!

सास को अपना बुढ़ापा सुधारने के लिए बहु को जवानी में अच्छा रखना होता हैं मम्मी जी मगर शायद आपसे ना हो पाएगा !! आज चाची जी बुआ जी के बहकावे में नहीं आई इसलिए उनका घर आबाद हैं और हमारा घर ….. आप खुद सोच लेना !!

 सरोज जी आज थोड़ी देर के लिए बहु निमिशा की बातो को सोचने पर मजबूर हो गई थी !! पुरी दोपहर सरोज जी ने आज सोचने में गुजार दी , शाम को जब सरोज जी की ननद कांता जी का फोन आया , सरोज जी ने फोन स्पीकर पर रखा ताकि सारे घरवालों को सुनाई दे , सामने से कांता जी बोली – सरोज भाभी , तुम्हारी बहू की अक्कल ठिकाने पर लगाई की नहीं ??

सरोज जी बोली – मेरी बहू में तो अक्कल ज्यादा ही थी दीदी , अक्कल तो मेरी घास चरने गई हुई थी जो आज ठिकाने पर आ गई हैं !!

दीदी , काश !! आपने भी बहुओं को उनकी जवानी में ही इज्जत दे दी होती तो आज आपकी रिटायरमेंट के बाद यह हालत ना होती , खैर आपने अपने घर का पाठ हमें पढ़ाया पर बहू ने आज जो पाठ पढ़ाया हैं वह हमे सही लगा !! फोन रखती हुं , अब आइंदा फोन तभी कीजिएगा जब सही पाठ पढ़ाना हो , किसी के घर बिगाड़ने का पाठ मत दीजिएगा किसी को भी , नमस्ते , कहकर सरोज जी ने फोन रख दिया !!

सरोज जी निमिशा से बोली – निमिशा , सच में तूने आज मेरी आंखें खोल दी हैं बोलकर उन्होंने निमिशा को अपने गले से लगा लिया !!

दोस्तों , कई बार हमारे घर को बिगाड़ने के पीछे हमारे रिश्तेदारों का हाथ होता हैं , इसलिए ऐसे रिश्तेदारों से बचकर रहना बहुत जरूरी हैं !!

आपकी इस कहानी को लेकर क्या राय हैं ?? कमेंट जरूर करिएगा तथा ऐसी ही अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए हमारे पेज को फॉलो अवश्य करिएगा !!

आपकी सहेली

स्वाती जैंन

#रिटायरमेंट

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