दर्द के बदले दर्द ही मिलता है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

“अरे तुम फिर से कंपनी आ गई  तुम तो मना कर रही थीं  कि  मैं अब इस कंपनी में काम नहीं करूंगी आशीष के साथ शादी करके अपना घर बसाऊंगी” नेहा ने अपनी सखी सुनंदा से कहा जो आज कई  दिनो के बाद कंपनी में काम करने के लिए आई थी

नेहा की बातें सुनकर सुनंदा की आंखों से आंसू बहने लगे थे वह  नेहा से बोली” आशीष ने मुझे धोखा दे दिया मुझे छोड़कर वह किसी अमीर और खूबसूरत लड़की से शादी कर रहा है काश!

मुझे पता होता कि वह मेरे साथ ऐसा करेगा तो मैं कभी भी हरीश से अपना रिश्ता ना तोड़ती उसने मुझे ऐसा दर्द दिया है कि मैं जिन्दगी भर ना भूल पाऊँगी। “

       सुनंदा की बात सुनकर नेहा सोच में पड़ गई थी कुदरत के इंसाफ के आगे वह नतमस्तक हो गई थी। हरीश ,सुनंदा और वह तीनो मे एक ही प्राइवेट कंपनी में काम करते थे तीखे नयन नक्श वाली खूबसूरत सुनंदा बेहद महत्वाकांक्षी और स्वार्थी किस्म की लड़की थी

जिससे हरीश प्यार करने लगा था हरीश बेहद सीधा साधा लड़का था जो माता पिता के साथ एक छोटे से घर में रहता था ज्यादा आमदनी नहीं थी उसकी परंतु, जो भी थी वह उसी में संतुष्ट रहता था जब उसने सुनंदा से अपने प्यार की बात अपने माता पिता को बताई तो पहले तो

वे  सुनंदा  के आचार विचार देखकर हरीश से गुस्सा हो गए  थे परंतु,बाद में हरीश के काफी समझाने पर वे  सुंनन्दा  से उसकी शादी करने को तैयार हो गए थे जिससे हरीश  खुशी-खुशी शादी की तैयारियों में लग गया था।

      इससे पहले कि हरीश सूनंदा को दुल्हन बनाकर अपने घर ले जाता उससे पहले ही सुनंदा ने उससे शादी से इंकार करके उसका दिल तोड़ दिया था जब नेहा ने सुनंदा से हरीश से नाता तोड़ने की वजह पूछी तो सुनंदा कुटिलता से मुस्कुराते हुए बोली” मेरी बुआ मेरे लिए एक रईस घर के सरकारी ऑफिसर आशीष का रिश्ता लेकर मेरे घर आई थी

जिसके पास खुद का बंगला गाड़ी नौकर चाकर सब कुछ है हरीश के पास तो 2 कमरों के मकान के सिवा कुछ भी नहीं है ऐसे लडके   से शादी करके मुझे अपनी जिंदगी बर्बाद थोडी ना करनी है।”

    यह सुनकर नेहा ने सुनंदा को समझाते हुए कहा “हरीश तुम्हें बेहद प्यार करता है भले ही वह अमीर नहीं है परंतु, तुम्हारी झोली प्यार और सम्मान से भर देगा तुम उसे धोखा मत दो धोखा मिलने पर इंसान का दिल टूट जाता है जिससे दिल को दर्द बहुत होता है

यदि तुम हरीश को दर्द दोगी तो बदले में तुम्हें एक दिन दर्द जरूर मिलेगा क्योंकि ऊपरवाला इंसाफ जरूर करता है  प्यार के बदले प्यार और दर्द के बदले दर्द ही  मिलता है।” नेहा की बात सुनकर सुनंदा उसकी बात को मजाक में उड़ाते हुए बोली

” यह सब झूठी बातें हैं ऐसा कुछ नहीं होता और हां मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया है जब मेरी सरकारी ऑफिसर से शादी होने वाली है तो मैं प्राइवेट कंपनी में काम क्यों करूं?

        सुनंदा की बात सुनकर नेहा दुखी हो गई थी क्योंकि वह हरीश को बहुत अच्छी तरह से जानती थी वह बेहद भोला भाला और सीधा युवक था जब  उसे सुनंदा और आशीष के रिश्ते के बारे में पता चला तब उसने सुनंदा से मिलकर

अपने रिश्ते को बचाने की बहुत कोशिश की परंतु काफी कोशिश करने पर भी जब सुनंदा ने उसे मिलने से साफ इनकार कर दिया तब वह नेहा के सामने यह कहकर “यदि मैं दौलतमंद नहीं तो इसमें मेरा कसूर क्या था बहुत रोया था? तब नेहा के बहुत समझाने पर वह चुप हुआ था परंतु,

सुनंदा से रिश्ता टूटने के बाद वह जब कंपनी आता तो उसके चेहरे पर मुस्कुराहट की जगह दर्द की लकीरे छाई रहती थी जिन्हें देखकर नेहा दुखी हो उठती थी और एक दिन उस कंपनी से इस्तीफा देकर हरीश नेहा को बिना बताए अपने माता-पिता को साथ लेकर हमेशा के लिए दूसरे शहर चला गया था

आज सुनंदा को अपने सामने रोते हुए देख कर नेहा को उस पर दुख की जगह तरस आ रहा था जिसने उसकी बात ना मानकर दौलत के लालच में आकर सच्चे प्यार को ठुकरा कर दर्द के बदले दर्द पा लिया था।

लेखिका : बीना शर्मा 

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