इल्ज़ाम

“निशा… निशा… कहां हो?”“जी मम्मी जी, आई।”“तुमको गहने रखने के लिए दिए थे, रख दिए क्या?”“जी मम्मी जी, रख दिए।”“जरा ध्यान से रखना बेटा। घर मेहमानों से भरा है और तुमको तो पता है घर का माहौल कैसा है। यहां तो पैसे भी रखकर चोरी हो सकते हैं, और ये तो गहने हैं। अब तुम्हारी … Read more

बोझ

“आपसे कितनी बार कहा है”। “मेहनत तो हम करते हैं और हमारी मेहनत का घी और दूध आप जेठ जी को दे देती हैं। आपको तो पता है, पशुपालन करने में कितनी मेहनत लगती है। दिन में तीन बार तो गाय-भैंस को चारा डालना पड़ता है, तब जाकर हम दूध और घी का आनंद ले … Read more

गुरुर

“मेरे पापा मेरा वो गुरुर हैं, जो आप तो क्या कोई भी नहीं तोड़ सकता। उन्होंने अपनी ज़िंदगी में ढेर सारा पैसा नहीं कमाया लेकिन मान-सम्मान बहुत कमाया। जो इंसान ज़िंदगी भर सर उठाकर चला है, उन्हें मैं अपनी वजह से आपके सामने सर झुकने नहीं दूंगी। मेरे पापा बगैर किसी गलती के आप लोगों … Read more

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