मै भी तो एक बेटी हूं – विनीता सिंह

आज रमेश जी कुर्सी पर बैठे अपनी मां शन्ति देवी से बात कर रहे थे ।तभी वहां प्रिया आई और बोली पापा मां बुला रही है ।शान्ति देवी ने कहा रमेश बेटा जल्दी जा देख। बहू को परेशानी होगी। इसलिए बुला रही है और फिर शान्ति देवी भगवान के हाथ जोड़कर कहने लगी । भगवान … Read more

ये कैसी इज्जत है – आरती कुशवाहा

“मीरा, आज कंपनी की फाउंडेशन डे पार्टी है, मेरे सम्मान में स्पेशल अवॉर्ड भी मिलने वाला है… शाम को जल्दी तैयार रहना, ऑफिस से लौटकर फ्रेश होकर सीधे क्लब चले जाएँगे,”आरव ने ड्रॉअर से अपनी घड़ी उठाते हुए कहा। मीरा चहक उठी,“सच में? वाह, ये तो बहुत बड़ी खुशखबरी है! तुम्हारे साथ चलूँगी, मुझे भी … Read more

आशीर्वाद

“वाह री नई बहू! सुबह-सुबह सोफे पर पैर चढ़ाकर बैठी है, हाथ में मोबाइल, सामने लैपटॉप… और सासू माँ वहाँ किचन में बर्तन खटखटा रही हैं। ज़रा-सा भी ख्याल नहीं कि घर में बड़ों की भी कोई ज़रूरत होती है कि नहीं!” शारदा चाची ने ड्राइंग रूम से ही ऊँची आवाज़ में कहा ताकि उनकी … Read more

बहू सिर्फ़ काम करने के लिए नहीं होती – आरती कुशवाहा

सुबह के दस ही बजे थे, पर शर्मा हाउस में शोर ऐसा था जैसे पूरा मुहल्ला जुट आया हो। ड्रॉइंग रूम में बड़े से स्पीकर पर गाने बज रहे थे, किचन में गैस पर एक साथ तीन-तीन बर्तन चढ़े थे, और आँगन में प्लास्टिक की कुर्सियाँ पोंछी जा रही थीं। “अरे नेहा, जरा जल्दी कर, … Read more

घूँघट

शादी के बाद पहली बार नैना अपने पति के साथ मायके आ रही थी  नैना की भाभी( मधु)—सुबह से ही बिना रुके दौड़-भाग में लगी थी। चूल्हे पर खीर उबल रही थी, गैस पर कढ़ी चढ़ी थी और बीच-बीच में वह सजावट भी ठीक करती जा रही थी। उधर, मधु की देवरानी निधि, जो नई-नई … Read more

असली इरादा – moral story

कॉलेज की आख़िरी सालाना समारोह में जब मंच पर पूरे बैच के सामने टॉपर का नाम पुकारा गया, तो ऑडिटोरियम तालियों से गूंज उठा। “काव्या सिंह!” हल्के नीले रंग का सलवार सूट पहने काव्या ने घबराई-सी मुस्कान के साथ स्टेज पर कदम रखा। छोटे से कस्बे की यह लड़की महानगर की नामी प्राइवेट यूनिवर्सिटी से … Read more

आप बड़ी हैं

    अपने हाथ में ‘वरिष्ठ नागरिक ‘का प्रमाण-पत्र देखकर कामिनी खुशी-से झूमने लगी।आज वो सचमुच की बड़ी हो गई थी।अब वो भी बड़ी कहलाएगी..उसे भी सम्मान मिलेगा जिसके लिये वो बरसों से…हाँ,बरसों से ही तो तरस रही थी…।          तीन भाई-बहनों में वो सबसे छोटी थी।उससे बड़े राजेश भईया थे और सबसे बड़ी थीं रागिनी दी।घर में … Read more

संयम जरूरी है

सुबह के सात बजे होगें, शनिवार की सुबह, नीरजा चाय बनाने के लिए रसोई में गई ही थी कि मोबाईल बज उठा, देखा तो मिनी का फोन था, मिनी यानि की नीरजा और लोकेश की लाडली बेटी। इतनी सुबह फोन और वो भी शनिवार को, मिनी तो छुट्टी वाले दिन दस बजे से पहले बिस्तर … Read more

रिटायरमेंट औरतों के नसीब में कहां?

सोनाली! मम्मी पापा! आज तीर्थ से लौट रहे हैं, तो खाना जल्दी बना लेना, ताकि वह आकर नहा धोकर खाना खाकर, आराम कर सके। मयंक ने अपनी पत्नी सोनाली से कहा.. सोनाली:  तीर्थ से ही लौट रहे हैं ना? कोई जंग जीत कर नहीं? आप तो ऐसे बोल रहे हैं, जैसे मैं तो पूरे दिन … Read more

( ना ) जायज़ रिश्ते 

गुड़गांव की आई.टी. सेक्टर की बड़ी कंपनी में शालीन और शैलजा काम करते थे. दिल्ली और एनसीआर में ही नहीं, सभी बड़े शहरों में और अब तो कस्बों और गांवों में भी अनेक प्रेम कहानियां रोज ही बनती और बिगड़ती रहती हैं. मैट्रो ट्रेन में, कैंटीन में, बस स्टॉप पर और ऑफिस में रोज ऐसी … Read more

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