आप बड़ी हैं

    अपने हाथ में ‘वरिष्ठ नागरिक ‘का प्रमाण-पत्र देखकर कामिनी खुशी-से झूमने लगी।आज वो सचमुच की बड़ी हो गई थी।अब वो भी बड़ी कहलाएगी..उसे भी सम्मान मिलेगा जिसके लिये वो बरसों से…हाँ,बरसों से ही तो तरस रही थी…।          तीन भाई-बहनों में वो सबसे छोटी थी।उससे बड़े राजेश भईया थे और सबसे बड़ी थीं रागिनी दी।घर में … Read more

संयम जरूरी है

सुबह के सात बजे होगें, शनिवार की सुबह, नीरजा चाय बनाने के लिए रसोई में गई ही थी कि मोबाईल बज उठा, देखा तो मिनी का फोन था, मिनी यानि की नीरजा और लोकेश की लाडली बेटी। इतनी सुबह फोन और वो भी शनिवार को, मिनी तो छुट्टी वाले दिन दस बजे से पहले बिस्तर … Read more

रिटायरमेंट औरतों के नसीब में कहां?

सोनाली! मम्मी पापा! आज तीर्थ से लौट रहे हैं, तो खाना जल्दी बना लेना, ताकि वह आकर नहा धोकर खाना खाकर, आराम कर सके। मयंक ने अपनी पत्नी सोनाली से कहा.. सोनाली:  तीर्थ से ही लौट रहे हैं ना? कोई जंग जीत कर नहीं? आप तो ऐसे बोल रहे हैं, जैसे मैं तो पूरे दिन … Read more

( ना ) जायज़ रिश्ते 

गुड़गांव की आई.टी. सेक्टर की बड़ी कंपनी में शालीन और शैलजा काम करते थे. दिल्ली और एनसीआर में ही नहीं, सभी बड़े शहरों में और अब तो कस्बों और गांवों में भी अनेक प्रेम कहानियां रोज ही बनती और बिगड़ती रहती हैं. मैट्रो ट्रेन में, कैंटीन में, बस स्टॉप पर और ऑफिस में रोज ऐसी … Read more

तुमसा नहीं देखा भाग – 42 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

यशिका अपना ऑफिस शिफ्ट करती है और अभिमन्यु देविका को मिलने के लिए बोलता है अब आगे : यशिका सुबह अपने नए ऑफिस में पहुँचती है वहां अमर पहले ही पहुँच गया था और अपनी निगरानी में वो सब कुछ सेट करवा रहा था । दिनेश और बाक़ी स्टाफ भी था जो सब चीजों को … Read more

तुम सा नहीं देखा भाग – 2 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

यशिका को शाह ग्रुप से फोन आता है कि उन्हें ये प्रोजेक्ट मिल गया है और दूसरी तरफ रंधावा कंस्ट्रक्शनस को जो कि इतना बड़ा ग्रुप है उनको प्रोजेक्ट नहीं मिलता । अब आगे.. शौर्य तेज़ी से गाड़ी ड्राइव करता हुआ आधे घंटे में एक घर के सामने आकर रुकता है  गेट पर बड़े बड़े … Read more

आप अपने बेटे के साथ क्यों नहीं रहते – मंजू ओमर 

अरे शर्मा जी कब आए बेटे के यहां से,कल ही आया हूं। शर्मा जी दूध लेने को आए थे स्टिक का सहारा लेकर जाने लगें तो गुप्ता जी ने कहा लेकिन अब आपको अकेले यहां नहीं रहना चाहिए । देखिए आप ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं । वहां कम से कम बहू … Read more

उल्टी पट्टी पढ़ाना – रंजना गुप्ता : Moral Stories in Hindi

गाँव रामपुर में एक बुज़ुर्ग अध्यापक रहते थे – नाम था हरिनारायण जी। पूरे गाँव में उनका बहुत मान-सम्मान था। वे न सिर्फ़ बच्चों को पढ़ाते थे, बल्कि जीवन की सीख भी दिया करते थे। उनका मानना था कि शिक्षा का अर्थ केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि सही रास्ता दिखाना भी है। गाँव में … Read more

अपनों की पहचान – नीलम शर्मा 

सुरीली एक मस्त और हरफनमौला लड़की थी। उसे लगता था कि बस जो कुछ वह सोचती और करती है वही सही है। ऐसा नहीं था कि वह बददिमाग या बदतमीज थी। उसकी बहुत बड़ी कमी थी अपने आप को हर बात में सही ठहराना। अगर उसकी मम्मी मीना उसके किसी व्यवहार को गलत बताकर उसे … Read more

विंडो सीट भाग -2 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

 जो कहा नहीं गया — समीर की जुबानी विंडो सीट पार्ट -1 : वर्षों बाद एक रेलयात्रा में सुरभि और समीर आमने-सामने आते हैं। कभी एक-दूसरे से गहरे जुड़े ये दो लोग अब अजनबियों की तरह मिलते हैं । सुरभि के मन में अब भी कई अनकहे प्रश्न हैं, और समीर की आँखों में गहरा … Read more

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