सुखमय जीवन – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

——————– खाना परोस कर टाठी पति की ओर सरकाती हुई बेना  हांकते हुए बोली सुनिये ना अब तो बिट्टू की नौकरी भी लग गई तो अब  बिआह करे में काहे की देर ।अरे देख लो कोई सुघड़ लड़की और उसके हाथ पीले कर दो। आखिर कब तक अपने से रोटी बनाई खाई। अधिकतर  तो होटले … Read more

आत्म सम्मान – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

रोज-रोज अपने आत्म सम्मान पर चोट सहन करती उर्मिला अपने मन में सोच रही थी कि आख़िर क्यों वह अपने आत्म सम्मान को प्रतिदिन तार-तार होने देती है? क्यों बात-बात पर ताने सुनती है? क्या इस परिवार के लोगों को सम्मान देना सिर्फ़ उसका कर्तव्य है? क्या उनका कर्तव्य कुछ नहीं जो उसे उसके परिवार … Read more

तिरस्कार कब तक – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

सुनैना को लगा कब तक तिरस्कर, अपमान और बेज्जती, सहन करनी पड़ेगी!— आखिर मेरा कसूर क्या है? मैंने अपने बच्चे को पढ़ा लिखा कर बड़ा किया और इतने संघर्ष के बाद भी उसकी  पसंद की शादी की जब तक पति जिंदा थे अपने बेटे आकाश को अच्छी परवरिश दी बेटे की नौकरी भी अच्छी लग … Read more

मेरी बेटी की जिंदगी अनमोल है। – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

‘सुधा जरा तेल गरम करके ले आ, पैरों की मालिश कर दें, आज बहुत दर्द हो रहा है।” आटा गुंथती सुधा जी के कानों में ये आवाज पड़ी तो उसके हाथ जल्दी से चलने लगे, उन्होंने फटाफट आटा ढका और तेल लेकर सासू मां  दमयंती जी के कमरे में चली गई। “बड़ी देर लगा दी, … Read more

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