विंडो सीट भाग – 10 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ :
जबसे वो लोग डाक्टर सिमी से मिल कर आए थे, सुमन का मन अशांत था, मानो हर रोज़ कोई अदृश्य हाथ उसके भीतर की गाँठों को और कस देता हो। हालाँकि समीर उसका बहुत ध्यान रखता था , पर यही देखभाल उसके भीतर डर भी जगाती थी। वह सोचती—“क्या समीर मुझे अब दया की दृष्टि … Read more