आंखें नीची करना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi
मैं आज सुबह से ही अपने पन्द्रह वर्षीय बेटे साकेत को समझाने में लगी थी! देखो साकेत तुम अपने हर जन्मदिन पर बेवजह ही बेमतलब की चीजों की फरमाइश करते रहते हो ! हम तुम्हें जितना भी दे दे ! तुम खुश नहीं होते हो । मगर क्या उन बेसहारा बच्चों के बारे में कभी … Read more