अपना और पराया – विनीता महक : Moral Stories in Hindi

चारों तरफ त्राहि त्राहि मची थी। पूरे संसार पर प्रलय जैसा माहौल था। कोई कुछ समझ नहीं पा रहा था। सब यही बातें कर रहे थे कि कोई ऐसा बैक्टीरिया फैला है जो धीरे-धीरे सबको मार देगा ।कहां से आया, कैसे फैला यह कोई नहीं जानता था। उसी समय ग्राम पंचायत मुखिया यानी प्रधानी के … Read more

error: Content is protected !!