ताना – विनीता महक गोण्डवी
अरे देखो देखो कितनी निर्लज्ज है। अभी ससुर को मरे हुए कुछ ही दिन हुए हैं और कैसे बाहर घूम रही है। कुछ दिन से देख रहे हैं कि संतलाल भईया की बहू के सिर पर पल्ला भी नहीं रहता ।न जाने गाड़ी में पुरुषों के साथ कहां कहां जाती हैं। कभी सुबह कभी शाम … Read more