अब क्या कहना-सुनना

  ” देख ममता….इतनी-सी बात पर तू घर छोड़ मत जा।प्लीज़…।” कहते हुए मंजू ने ममता का हाथ पकड़ लिया।       ” दीदी…इतनी-सी बात नहीं है।आपने अपशब्दों के तीर चलाकर मेरा कलेजा छलनी कर डाला है।” कहते हुए उसने अपना हाथ छुड़ाया और बक्से में अपना सामान रखने लगी।       मंजू को चार महीने की प्रेग्नेंसी थी।डाॅक्टर ने … Read more

ईमानदारी ही धन है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        मालती का पति एक फ़ैक्ट्री में फोरमैन था।वो अपने पति और बेटे के साथ किराये के छोटे-से घर में बहुत खुश थी।उसके आसपास के घरों में भी फ़ैक्ट्री के ही वर्कर्स के परिवार रहते थें लेकिन उनका आर्थिक स्तर मालती से बहुत अच्छा था।उनके ठाठ-बाट देखकर उसका दस साल का मनु हमेशा उससे प्रश्न करता,” … Read more

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