लाख टके का हीरा – विभा गुप्ता
” अब तो सभी आ गए हैं किशोरी अंकल..आप पापा का वसीयत खोलकर पढ़िए और…।” ” नहीं..अभी कन्हैया को आने दीजिये..।” बेटे राघव की बात पूरी होने से पहले ही जानकी जी ने वकील किशोरी लाल को हिदायत दे दी जिसे सुनकर उनके बच्चों के माथे पर बल पड़ गये।दो मिनट बाद ही कन्हैया आ … Read more