फ़र्ज़ – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
” प्रकाश..कुछ दिनों में मैं तुम्हारे रुपये लौटा दूँगा..बहन की शादी आ पड़ी है।बचाये हुए रुपये बेटे की बीमारी में खर्च हो गये वरना मैं तुमसे कभी नहीं…।” ” लौटाने की बात नहीं है भाई..सच में इस वक्त इतनी बड़ी रकम मेरे पास नहीं है..बिजनेस में भी घाटा हो रहा है तो…।” मित्र दिनेश की … Read more