दूर के ढ़ोल सुहावने – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
” चल भाग यहाँ से…।” डाँटते हुए रुक्मिणी जी अपनी चार वर्षीय पोती वंशिका के हाथ से खिलौना छीनकर अपने पोते मनु को देते हुए बोलीं,” ले खेल मेरे लाल…अपनी दादी के बाल-गोपाल..।वंशिका रोने लगी।तभी उसकी अंजू बुआ आ गई और उसके हाथ में चाॅकलेट देकर उसे पुचकारती हुई बोली,” कल मैं अपनी लाडो के … Read more