बेचारी नहीं हैं हम – विभा गुप्ता
आज सुबह से ही किशोरी के छोटे-से घर में लोगों का आना-जाना लगा हुआ था।सभी आकर उसे बधाई देते और कहते,” वाह किशोरी! तेरी बेटी ने तो कमाल कर दिया।” जवाब में वो सिर्फ़ मुस्कुरा देती क्योंकि वो जानती थी कि कल तक यही लोग तो मेरी बेटी को मर जाने की बद्दुआ देते रहे … Read more