मैं कठपुतली नहीं !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi
चंचला की आंखों में आज फिर एक बार आंसू आ गए और वह अपने नित्यक्रम वाले रसोई के काम में लग गई मगर काम करते करते उसका मन पुरानी स्मृतियों पर जा अटका !! चंचला के पिता मोहन लाल जी के दोस्त छगनलाल जी उनके परिवार सहित मोहन लालजी के घर आने वाले थे , … Read more