अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 57

अरे सुहानी , आज स्कूल से आने में इतनी देर कैसे हो गई ?? राजू आज तो जिद पर ही अड़ गया था कह रहा था मम्मी जब तक नहीं आएगी तब तक खाना नहीं खाऊंगा , ना कपड़े बदलने तैयार था और ना खाना खाने ! बड़ी मुश्किल से मैंने और नैना से समझा … Read more

मैं कठपुतली नहीं !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

New Project 49

चंचला की आंखों में आज फिर एक बार आंसू आ गए और वह अपने नित्यक्रम वाले रसोई के काम में लग गई मगर काम करते करते उसका मन पुरानी स्मृतियों पर जा अटका !! चंचला के पिता मोहन लाल जी के दोस्त छगनलाल जी उनके परिवार सहित मोहन लालजी के घर आने वाले थे , … Read more

घमंडी भाभी को ननद ने सिखाया सबक !! – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 70

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे कमरे में इस तरह घुसने की और मेरा नेकलेस तुम्हारे हाथ में क्या कर रहा हैं ? प्रिया चिल्लाकर अपनी ननद रागिनी से बोली !! रागिनी बोली भाभी , मैं तो बस आपको मुंह दिखाई की रस्म के लिए बुलाने आई थी , मां ने कहा हैं नीचे सब मेहमान … Read more

तुम्हारा पिता हुं , कोई कबाड़ का सामान नहीं !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

New Project 35

पापा , हम घर पहुंच चुके हैं ,चलिए आईए कहते हुए छोटे बेटे रोहन ने कार का दरवाजा खोला !! कांतिलाल जी बेटे के साथ घर के अंदर पहुंचे तो घर को टकटकी लगाए देखते रह गए !! बीच में बड़ा सा झूमर , महंगा फर्नीचर , मखमली सोफा , डायनिंग टेबल , एयर कंडीशनर … Read more

सास तो हो मगर गरीब मायके की बेटी की – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 44

 मम्मी जी मैं अपने मायके से भर भर के सोना लाई हूं समझी मुझे कुछ बोलने से पहले सोच लीजिएगा।  अब इस घर की मालकिन मैं हूं आप नहीं, रीमा अपनी सांस गीता जी से बोली, गीता जी बोली, “भगवान से डरो बहू रोज सुबह से शाम तक सुनाती रहती हो जरा तो मेरी इज्जत … Read more

तुम्हारा मायका तुम्हारे ससुराल से बढ़कर हैं क्या ?? – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 42

नीलिमा , यह क्या आज अब तक खाना नहीं बना जबकि आज तो हम दोनों कितनी देरी से आई हैं सास उषा जी  अपनी बड़ी बहू निलिमा पर चिल्लाकर बोली !! मम्मी , आज मुन्नी ने बहुत परेशान किया , कुछ काम ही नहीं करने दिया !! अभी चलना सीखी हैं तो यहां वहां भागती … Read more

अब यही हमारा घर हैं !! – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 77

मुरली प्रसाद जी बैठे बैठे कविता लिख रहे थे कि उन्हे अपनी बहू राखी की आवाज सुनाई दी जो उनके बेटे कमल से कह रही थी देखा कैसे बैठे बैठे तुम्हारे बाबुजी ने खर्चा करवा दिया हमारा , मैं तो परेशान हो गई हुं इनसे , मुझसे नहीं होने वाली इनकी सेवा वेवा , पहले … Read more

बहू के आगमन के बाद ही कड़वाहट क्यों ??? – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 49

अच्छा हुआ , जो वह मनहूस जा रही हैं यहां से !! अगर वह खुद से ना जाती तो शायद थोड़े दिनों में मैं ही उसे इस घर से निकाल देती रोशनी अपनी मां गायत्री जी से बोली !! गायत्री जी बोली – रोशनी यह कैसी बातें कर रही हो तुम , भाभी हैं वह … Read more

जब मां ने बताई अपनी कीमत !! – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 96

साहिल ऑफिस से जैसे ही घर पहुंचा , सुरेखा जी को नजर अंदाज करके सीधा अपने कमरे में चला गया !! सुरेखा जी तो बेचारी कब से उसी का इंतजार कर रही थी मगर साहिल को तो मां के पास रुकने की तो छोडो उनको देखने तक की फुर्सत नही थी !!  सुरेखा जी का … Read more

घर के बेटी जमाई घर के बेटे बहू से बढ़कर क्यों ?? – स्वाती जैंन   : Moral Stories in Hindi

New Project 46

शिखा , जरा जल्दी हाथ चलाओ , आज होली है !! अभी थोडी देर में तुम्हारी ननद और ननदोई भी आ जाएंगे , फिर तुम्हे भी तो होली खेलने जाना होगा इसलिए पहले जल्दी जल्दी खाना बना लो , फिर तुम सब होली खेलने चले जाना और शेखर कहां हैं दिखाई नहीं दे रहा ममता … Read more

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