प्रवंचना – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सुरभि….! कैसी हो बेटा। अब पहले से बेहतर हूंँ मम्मा..!ओ मेरी राजदुलारी…! कहते हुए एकता ने सुरभि को गले से लगा लिया। एकता कल शाम का वह हादसा बिल्कुल भूल नहीं पा रही थी, उसके जेहन में वह घटनाक्रम चलचित्र बनकर उभर रहे थे।  उसे सबसे ज्यादा अपनी बेटी सुरभि की फिकर थी। कहीं इस … Read more

प्रत्यागमन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

बिपाशा क्या कर रही हो..? यह करने से पहले मुझसे पूछा होता, लवली भाभी बोली।  भाभी यह छोटे-मोटे काम के लिए आपसे क्या पूछना.. अपना घर है, इसलिए मैं खुद ही कर रही हूंँ। नहीं बिपाशा दीदी ..! कौन सामान कहांँ रखना है यह तुम अपनी पसंद से नहीं मुझसे पूछ कर ही रखोगी..? “भाभी … Read more

सुचिता – सुनीता मुखर्जी श्रुति : Moral Stories in Hindi

अपने देवर संजय की शादी के लिए बहुत जोर शोर से तैयारियां कर रही थी । लड़की इसी शहर की थी, इसलिए शॉपिंग करने के लिए नीतू को भी साथ ले लिया । सासु मां नाक, मुंह सिकुड़ने लगी । बोली, शादी के पहले यह सब ठीक नहीं लग रहा है।  तुम उसका अभी से … Read more

 फैसला :  सुनीता मुखर्जी श्रुति : Moral Stories in Hindi

लतिका बिटिया कबे आई हो शाहार से..? खेतों की पगडंडी पर चलते-चलते बगल वाली चाची ने पूछा। कल ही आयी हूँ चाची..। “अभी तो रहियो कि चली जइयो…!  “चाची परीक्षा हुई गइ है अब हीं रहिए- लतिका बोली।”  लतिका अपने गांव की एकमात्र ऐसी लड़की थी जिसने अपने गांव से बाहर निकल कर पढ़ाई की … Read more

लालच – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

अक्षरा..!! इतनी जल्दी-जल्दी घर मत आया करो..! ऐसा नहीं है तुम्हारे आने से मुझे अच्छा नहीं लगता, लेकिन इतना दूर से आने- जाने में बहुत पैसा खर्च होता है। वह पैसा कहीं और काम आएगा। मांँ सुनंदा बोली। अक्षरा ने कहा मांँ साल में दो बार ही तो आती हूँ, मुझे भी तो मन करता … Read more

एक कुटुंब ऐसा भी – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”Moral Stories in Hindi

“चाची..तुम तो रहने ही दो..! मैं कर देता हूंँ प्रथम बोला।” चाची की मदद करने के लिए साक्षी भी दौड़ती हुई आई। मुझे बताओ चाची मैं तुम्हारी मदद करती हूंँ। आज चाची ने रसोई के ऊपर चढ़कर साफ- सफाई का अभियान शुरू कर रखा था। दोनों बच्चे चाची से बहुत स्नेह करते थे।  “तुम लोग … Read more

बंदनीया – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सुहाना एक व्यापारी की बेटी थी। पिताजी का अपना व्यापार था। तीन भाइयों के बीच अकेली बहन थी। पढ़ने लिखने में औसतन, फिर भी उसे कुछ कर दिखाने की चाहत थी।  एक दिन मां से बोली- मुझे अध्यापिका बनना है। मां ने सहमति में अपना सिर हिला दिया और कहा- बेटा,अपने कैरियर का बहुत सोच … Read more

शहर की चमक – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

संयोगिता बीए. फाइनल की छात्रा थी तभी पिता सतेंद्र को किसी ने शहर के एक खूबसूरत नौजवान लड़के का रिश्ता सुझाया। सतेंद्र शहर गए वहां शांतनु और उसके परिवार से मिले। शांतनु और उसका परिवार उन्हें एक नजर में ही पसंद आ गया।  इसी साल ही शांतनु की बैंक में क्लर्क की पोस्ट पर नौकरी … Read more

स्वाभिमान – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”: Moral Stories in Hindi

प्रिया ने नौवीं कक्षा में लेट एडमिशन लिया। पाठ्यक्रम काफी निकल चुका था। क्लास टीचर ने आकाश से प्रिया का कोर्स कंप्लीट करवाने लिए के लिए कहा। आकाश अपने सेक्शन का मॉनिटर था। उसने अपनी नोट्स बुक्स देकर पिछड़ा हुआ काम पूरा करवाने में उसकी पूरी मदद की। प्रिया को अपने पढ़ाई में कोई भी … Read more

बन्धन नेह का – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

इति एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रही थी।  उसका वर्क फ्रॉम होम चल रहा था। माता-पिता की इकलौती संतान होने के कारण बहुत ही नाजों से पली थी। बेटी विवाह योग्य होने पर  किसी भी माता-पिता का उसके विवाह के लिए चिंतित होना लाजिमी हैं। चाहे बेटी नौकरी करती हो, या घर में रहती … Read more

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