प्रवंचना – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi
सुरभि….! कैसी हो बेटा। अब पहले से बेहतर हूंँ मम्मा..!ओ मेरी राजदुलारी…! कहते हुए एकता ने सुरभि को गले से लगा लिया। एकता कल शाम का वह हादसा बिल्कुल भूल नहीं पा रही थी, उसके जेहन में वह घटनाक्रम चलचित्र बनकर उभर रहे थे। उसे सबसे ज्यादा अपनी बेटी सुरभि की फिकर थी। कहीं इस … Read more