कीमत – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

शोभना मेरा ड्रेस कहाँ है अभी तक निकाला क्यों नहीं? मुझे ऑफिस जाने के लिए देर हो रही है रोहन जोर से आवाज दे रहा था।   जल्दी करो!!……शोभना  रसोई से दौड़ते-दौड़ते  आई और ड्रेस, टाई, रुमाल, और मैचिंग कैप सब निकाल कर दे दिया।  डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा दिया है, आप जल्दी से … Read more

सीमा रेखा – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

नहीं! नहीं! बिल्कुल नहीं! झरना नौकरी नहीं करेगी। करना ही है तो अपनी ससुराल में जाकर करें, लेकिन इस घर में रहते हुए नौकरी करने का कोई प्रश्न नहीं उठता। सुधाकर जी ने अपना निर्णय सुना दिया। जब आप पिता होकर बेटी को नौकरी नहीं करने देना चाहते हैं तो अनजान परिवार (ससुराल) नौकरी करने … Read more

अभागन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सौंदर्या व्याकुल होकर घर में ही चहल कदमी कर रही थी कभी बालकनी, कभी घर का गेट खोलकर बाहर देखने जाती। बेचैनी में एक-एक पल उसे एक-एक वर्ष के समान लग रहा था। थोड़ी भी आहट होने पर बाहर देखने लगती। बहुत ही बेसब्री से बेटे अंशुल का इंतजार कर रही थी। और हो भी … Read more

सिब्बो जिज्जी – सुनीता मुखर्जी “श्रुति Moral Stories in Hindi

दो भाइयों के बीच सुभाषिनी अकेली बहन थी। कहते हैं… सुभाषिनी से पहले उनके कुल में कभी कोई बेटी पैदा नहीं हुई थी…. इसलिए पूरे परिवार की लाडली, दुलारी और सबके आंँखों की नूर थी सिब्बो जिज्जी। घर में सभी लोग उन्हें सिब्बो के नाम से ही बुलाते थे। कक्षा पाँच पास करने के बाद … Read more

चीटियां मेला जाती है – सुनीता मुखर्जी “श्रुति Moral Stories in Hindi

चार-पांच दशक पहले की बात है जब नित्या बहुत छोटी थी। उसे चीटियां बहुत आकर्षित करती थी। हमेशा सोचती यह चीटियां कितनी अच्छी है दूर-दूर तक घूमने चली जाती है। आखिर जाती कहांँ है?? यह उत्सुकता हमेशा उसके मन में बनी रहती।  एक दिन नित्या पड़ोस की एक महिला से बोली काकी!! यह चीटियां कहांँ … Read more

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