भले घर की बहु – सुनील शर्मा : Moral Stories in Hindi

जब कलम लेकर लिखने बैठता हूं तो अपने आस पास बिखरी सैंकडों कहानियां पाता हूं जिनके किरदार आगे आ आकर कहते हैं कि उन पर भी कुछ लिखूं. आज यादों में ऐसा ही एक किरदार उभर कर आया, हमारी गली के नुक्कड़ पर बैठा मोची…रामलाल जबसे होश संभाला, रामलाल को मैंने हर रोज़ बिना नागा … Read more

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