*घर की इज्जत का मापदंड* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 6

घर की इज्जत बचाए रखना परिवार के हर सदस्य का दायित्व है। पर यह घर की इज्जत है क्या? किसी के लिए घर की इज्जत का अर्थ सिर्फ बहू, बेटियों को घर की मर्यादा में रखने तक है। तो  किसी के लिए सिर्फ बहुओं की मर्यादा तक सीमित है। किसी परिवार में घर का हर … Read more

*एक दूजे का सहारा* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

दिलीप और भारती का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था। दिलीप एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी करता था और भारती अपनी गृहस्थी को सुचारू रूप से चलाती थी। वह घर के सारे कार्य अपने हाथ से करती ,और बहुत मितव्ययी थी। दो बेटे थे उन्हें हमेशा अच्छे संस्कार देने की कोशिश की। उनकी शिक्षा … Read more

सास बहू का रिश्ता – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 41

सुषमा और उसकी सास  ऊषा जी मिलजुलकर प्रेम से रहती थी। सुषमा एक संस्कारी सुशील लड़की थी। सुषमा की शादी हुए दो साल हो गए थे। उसे परिवार में सबका स्नेह, प्यार, और सम्मान मिल रहा था। उसे ससुराल में अपनापन मिल रहा था, और वह भी सबकी सुख सुविधा का ध्यान रखती थी। सास … Read more

*भाग्य रेखा * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 46

           ‌  ‘माँ !क्या मैं सचमुच भाग्यहीन हूँ? दादाजी, ताऊजी कोई भी मुझसे प्यार से बात नहीं करते। दादीजी, बुआ, ताई जी सब मुझे भाग्यहीन कहकर ही बुलाती है, जैसे यही मेरा नाम हो आपने कितना प्यारा नाम रखा है मेरा। मेरी भी इच्छा होती है ,कि सब मुझे मेरे नाम से बुलाए। मेरे पापा नहीं … Read more

*रिश्ते में समझदारी* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 2

   पवन कुमार जी घर की बालकनी में घूमते हुए जोर जोर से बड़बड़ा रहै थे। ‘वे लोग समझते क्या है अपने आप को, मेरी बेटी कोई कचरा थोड़ी है, कि जो मन में आया कह दिया। मैंने नाजो से पाला है उसे, एक खरोच भी नहीं आने दी। मेरी पढ़ी लिखी समझदार बेटी, हमने … Read more

* बुजुर्गों का आशीष * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104946.819

   बसन्त और गौरी अपनी गृहस्थी में खुश थे। ज्यादा ऊंचे ख्वाब नहीं थे। सीधे सरल स्वभाव के खेती किसानी का काम  करते। गाँव मे सबके साथ मिलजुल कर रहते। सुख दुःख में उनके साथ रहते। दोनों बहुत मेहनती थे। जब तक माता पिता रहै दोनों ने उनकी बहुत सेवा की। दो बहिनें है, जिन्हें … Read more

पश्चताप – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104905.495

जब अपने बेटों ने माँ को अपने साथ रखने से मना कर दिया तब यशोधरा जी के पास वृद्धाश्रम जाने के अलावे कोई रास्ता नहीं बचा था। हर सप्ताह रविवार को सुबोध यानि यशोधरा जी के जेठ जेठानी का बेटा वृद्धाश्रम मे दान करने के लिए आता था जब अपनी काकी  को वहाँ देखा तो … Read more

*आपसी सामंजस्य* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

सीताराम जी शिक्षक थे। उनकी पत्नी रौहिणी कुशल गृहिणी थी। उनका इकलौता बेटा मनीष सीधा साधा, संस्कारी और प्रतिभाशाली था। गाँव में हायर सेकण्डरी की पढाई की और प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ। आगे की पढ़ाई के लिए वह शहर में गया। वहाँ पर उसने बी.ई. की पढ़ाई की और एक प्राइवेट कम्पनी में उसकी … Read more

सच्चा रिश्ता – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 39

गांव में बने पुराने घर के बड़े बरामदे में बंसीलाल जी इस बार अकेले बैठे थे। कुछ साल पहले तक इस घर में उनकी पत्नी और दोनों बेटे थे, और पूरे घर में रौनक रहती थी। लेकिन वक्त ने जैसे परछाई बदल दी थी। उनकी पत्नी का निधन हुए कई साल हो गए, और दोनों … Read more

बेटे की खुशी – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104946.819

    शामराव जी अपने घर की बालकनी में कुर्सी लगाकर बैठे थे, दो दिन के बाद दीपावली का त्यौहार था। पूरे घर पर रोशनाई लगवाई थी। मिट्टी के दिए भी मंगवा कर रखे थे, उन्हें यही लगता था कि मिट्टी के दियों को जलाए बिना कैसी दीपावली। दरअसल वे इन दिओ को जलाकर अपने पैतृक गाँव … Read more

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