अपनों की पहचान – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

वक्त पड़ने पर ही पता चलता है कि कौन अपना है कौन पराया। कुछ भी कहो जो आपकी मुश्किल घड़ी में  काम आए वही रिश्ता ही अपना होता है। मनोज की पोस्टिंग मुम्बई में हुई थी।पूरा परिवार बहुत खुश था। बड़ा शहर चमक दमक, बात ही अलग थी। मनोज छोटे शहर से था तो उसकी … Read more

झूठे दिखावे से जिंदगी नहीं चलती – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

भाभी जी अपनी क्राकरी दे दीजिए मेरी सहेलियां आ रहीं हैं । गीता का ये आए दिन का धंधा था। उसकी मांगे और दिखावे की जिंदगी से पड़ोसी रमा परेशान हो चुकी थी।कई बार तो उसने उसे समझाने की कोशिश भी किया कि,” गीता हमारे पास जो है उसी में संतुष्ट रहना चाहिए ना की … Read more

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