बद्दुआ – प्रतिमा श्रीवास्तव
अम्मा भूखी हूं दो दिन से कुछ खाने को दे दो। मेरे बच्चों ने भी कुछ नहीं खाया है। दरवाजे पर खड़ी एक भिखारिन जो भूख से तड़प रही थी और उसकी आवाज भी धीमी सी पड़ने लगी थी।बार – बार पूकार रही थी तभी घर की मालकिन सरोजा जी बाहर आईं और उस पर … Read more