बहन किसी की भी हो बहन आखिर बहन होती है। – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’  : Moral Stories in Hindi

सुबह से दोपहर और दोपहर से शाम होने को आई, सभी भाइयों की कलाई बहनों की राखी से सजी हुई थी लेकिन सुबोध का अभी तक कुछ पता नहीं था, उसकी बहन कृति थाली सजाए सुबह से उसका इंतजार कर रही थी और कई बार फोन भी कर चुकी थी लेकिन अब तो फोन भी … Read more

क्यूं ना करूं अपनी किस्मत पर नाज़ – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“मैया, ये देखो आज हमने कितनी सुंदर पोशाक बनाई हैं….” राधिका और माला ने यशोदा जी से कहा “अरे वाह! मेरी बच्चियों बहुत सुंदर….”  “और आज के लिए ये फूलमालाएं भी तैयार हो गईं है….” इतने में अराध्या और ललिता भी कहती हुई आईं। और फिर सब गाती बजाती मंदिर अपने कान्हा के दर्शन करने … Read more

हम अभागन नहीं हैं – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

आज बहुत खुशी का दिन था….पूरे घर को फूलों से और रंगीन बल्बों से सजाया गया था…..आखिर नीलिमा की जिंदगी में इतने सालों बाद खुशी का अवसर आया था… उसकी बेटी श्रुति आज अधिकारी बन पहली बार घर आ रही थी… इतनी तैयारियां देख नीलिमा की आखों से खुशी के आसूं झलक आए और वो … Read more

मनमुटाव – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’   : Moral Stories in Hindi

अस्पताल के कमरे में अपने पति शशांक के पास बैठी गौरी की आंखें बीते दिनों को याद करके अश्रुपूरित हो गईं. ….वह सोच रही थी कि आज यदि उसके भैया भाभी भी उसका साथ नहीं देते तो वो तो अकेली ही पड़ जाती….ससुराल की तरफ से तो कोई मदद करने नहीं आया जबकि ससुराल वालों … Read more

गाजर मूली समझना – प्रतिभा भारद्वाज ’प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“अब क्या हुआ, अब क्यों रो रहे हो आप…निकाल लीजिए अपने बेटे के सभी अंग और बेच दीजिए अच्छी कीमतों पर…. आप तो बहुत होशियार सर्जन हैं…..कोई तकलीफ भी नहीं होगी आपको…. “अपने 10 वर्षीय बेटे के शव पर विलाप करती मधु चीख चीखकर अपने पति डॉ. मयंक से कह रही थी। उसका इकलौता बेटा … Read more

बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है अब तो तू यहां की मेहमान है। – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

सुबह सुबह अचानक अपनी बेटी सौम्या को अकेले दरवाजे पर देखकर पूनम आश्चर्यचकित रह गई। सौम्या की शादी कुछ ही महीने पहले हुई थी और ऐसा भी नहीं है कि सौम्या पहली बार इस तरह अकेले आई हो…इससे पहले भी वह अपने पति सुलभ से छोटी छोटी बातों पर झगड़कर अपने पति की शिकायत करने … Read more

टूटते रिश्ते – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“हमारा हिस्सा हमें दे दीजिए, हम अपनी व्यवस्था उसमें कर लेंगे….” प्रताप सिंह के छोटे बेटे व्योमेश ने हॉल में बैठे अपने मां बाबूजी से कहा। “ये आज अचानक तुम्हें क्या हो गया…ये अलग हिस्से की बात कहां से आ गई….” आश्चर्य से देखते हुए प्रताप सिंह ने पूछा। व्योमेश और उसकी पत्नी शुभी शहर … Read more

तुम मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सपने में नहीं सोचा था – प्रतिभा भारद्वाज “प्रभा” : Moral Stories in Hindi

भाभी,आप तो जानती ही हो कि हमारे घर में तीन ही कमरे हैं और प्रीती और राहुल भी अब बड़े हो चुके हैं जिनको उनकी पढ़ाई के लिए भी एक कमरे की जरूरत महसूस होती है, अगर.. आप स्टोर वाले कमरे में अपना सामान रख लें और वहां रहने लगें तो कमरों की समस्या दूर … Read more

गुरूर -प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“अरे बहुओं को थोड़ा कंट्रोल में रखना चाहिए नहीं तो घर बिगड़ते देर नहीं लगती….” रामदयाल जी ने अपने छोटे भाई किशनलाल से कहा जिनकी बहू किसी बात से नाराज होकर एक दिन पहले अपने मायके चली गई थी। “अब क्या बताएं राहुल भी तो नहीं कहता कुछ उससे…अब हम भी कब तक कहें…हमारा ज्यादा … Read more

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