सोच – परमा दत्त झा

आज राजेश मिश्र खुशी से भरे हुए थे कारण बहू राधा ने इनको मौत के मुंह से छीन लिया था। हुआ यह कि राजेश बाबू एक शिक्षक थे और बड़ी मुश्किल से बेटे को बी टेक ,एम बी ए कराया था।बेटा पढ़ाई के दौरान एक विजातीय लड़की से प्रेम करने‌ लगा था और इनके मना … Read more

रिटारमेंट – परमा दत्त झा

आज बुशरा परेशान थी कारण उसके श्वसुर अमजद खान साहब आज सेवानिवृत्त होने वाले हैं।बुशरा के घर में बस चार जन हैं -वह उसका पति शाकिर और श्वसुर तथा उसकी बेटी अमायरा जो चार पांच साल की होगी। सुनते हो,पापा रिटायर होने वाले हैं -वह अपने पति से बोली। हां भाई, इसमें नयी बात क्या … Read more

कडवी जुबान – परमा दत्त झा

आज बृजेश मिश्र को श्रेष्ठ कलाकार के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सम्मान समारोह में उन्हें पांच लाख नकद राशि, एक स्वर्ण पदक सहित समान से सम्मानित किया गया है।उसके बाद खुशी से चहकता फोटो था। अब काटो तो खून नहीं -बिटटी सारा कुछ हड़पकर रानी बनी बैठी है और हम उनकी औलाद ठोकर … Read more

तीन दिनों बाद – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

भोपाल के एक बड़े और समृद्ध मुहल्ले में उस दिन अफरा-तफरी मच गई।एक आलीशान कोठी के भीतर से तेज़ बदबू आ रही थी।लोगों ने पहले सोचा कि शायद कोई जानवर मर गया होगा, लेकिन जब बदबू असहनीय होने लगी तो सबको अंदेशा हुआ कि मामला कुछ और है। मुहल्ले वालों ने मिलकर पुलिस को बुलाया। … Read more

मर्यादा की लकीर – परमा दत्त झा : Moral stories in hindi

शांति देवी अपने कमरे में चुपचाप बैठी थीं। खिड़की से आती हल्की हवा में उनके कागज़ हिल रहे थे। वह अपनी आठवीं कहानी लिख रही थीं। लिखना उनका शौक भी था और जीवन का सहारा भी। पति के निधन के बाद उन्हें सरकारी पेंशन मिलती थी और कभी-कभी उनकी कहानियाँ पत्रिकाओं में छपती थीं, तो … Read more

माँ की घर वापसी -परमा दत्त झा : Moral stories in hindi

भोपाल की उस दोपहर धूप कुछ तेज़ थी। पड़ोसन वर्मा आंटी ने जैसे ही देखा कि रानी मिश्रा गली के मोड़ से रिक्शे में बैठकर आ रही हैं, तो वह हैरान रह गईं।“अरे, रानी जी! इतनी जल्दी? कहकर गई थीं कि पूरी गर्मी दिल्ली में ही रहेंगी, अब चार दिन में ही लौट आईं? सब … Read more

अपनों की पहचान – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज रजनी बहुत दुखी थी। कारण भी बड़ा अजीब था—जिस राजेश बाबू को वह जीवनभर ताने देती रही, बुरा-भला कहती रही, उसी इंसान ने उसकी जिंदगी के सबसे कठिन क्षण में उसका सहारा बनकर उसके पति की जान बचाई थी। आज से आठ दिन पहले अचानक मदन जी को दिल का दौरा पड़ा था। पूरा … Read more

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