साथ – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
कभी-कभी न चाहते हुए भी हम उस पल के साक्षी बन जाते हैं। जिसकी कल्पना हमने गलती से भी ना की हो। आज ऐसे ही पल के साक्षी नीरज और सुषमा बन चुके थे। दर्द और वेदना की तूफानी लहरों ने आज सुषमा की आँखों में एक भयावह शैलाब को जन्म दे दिया था। रात्रि … Read more