हाय राम, मेरी तो तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

पाखी बेटा, परसों जमाई जी तुझे लेने आ रहे हैं। बेटा बिट्टू के और अपने जो कपड़े सिलवाए थे वह ले आना। तेरे भाई को कहकर थोड़े लड्डू भी मंगवा दूंगी जाने के बाद ससुराल में सबको बांटने जो होंगे। अपनी बहन रानी और मालती के साथ आराम से मूंगफली खाती हुई पाखी का मूंह … Read more

तिरस्कार कब तक? – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

घर के सामने वाले पार्क में भावना जी अपनी उम्र की ही कुछ महिलाओं के साथ बैठकर बतिया रही थी। सच बात है बुढ़ापा है ही ऐसी चीज और सोने पर सुहागा तब जबकि पति भी साथ में ना हो और बच्चों पर निर्भरता आ जाए। रानू माता जी सुबह से ही बहु ,बेटा, पोता, … Read more

शुभ विवाह – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

मंडप में राजीव और रचना के फेरों की रसम चल रही थी। पंडित जी मंत्र पढ़ रहे थे और सब आसपास कुर्सियों पर या नीचे दरी पर जहां जगह मिली थी बैठे हुए थे।         विनय की नजर रह रहकर सरिता पर पड़ जाती थी। विनय को लग रहा था नज़रें चुराकर सरिता भी उस पर … Read more

इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————– इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है।बचपन में संयुक्त परिवार में चाचाजी, ताऊजी हम सब एक ही घर में अलग अलग रहते थे। त्योहारों पर शहर में रहने वाली बड़ी बूआजी तो कार में जब अपने अफसर पति ,बेटे के साथ आती थी तो पूरा घर उनकी आवभगत में लग जाता था। हम … Read more

 प्रायश्चित – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————–   कुछ गलतियों का प्रायश्चित नहीं होता। शायद ये गलतियां नहीं  अपराध होता है। लेबर रूम में अत्यंत पीड़ा के क्षणों से गुजरने के बाद नर्स ने जब निधि के हाथों में कोमल सी बच्ची   पकड़ाते हुए कहा देखो तुम्हारी बेटी, तो वह उस अनुभव को बयान नहीं कर सकती थी। उसने नर्स … Read more

मेरी दोनों बहू आपस में बहन जैसी रहती है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

   भावना जी और शीला जी दोनों सगी बहनें थी। दोनों के ही दो दो विवाहित बेटे थे। शीला जी की दोनों बहुएं एक ही घर में ऊपर नीचे रहकर भी लड़ती ही रहती थी। दोनों बहुओं की लड़ाइयों को सुलझाना और बहुओं को उलझाकर अपनी चौधराहट सिद्ध करना उनका एकमात्र शौक था। शीला जी के … Read more

 सम्मान की रोटी – मधु वशिष्ठ  : Moral Stories in Hindi

जब से शीला जी के बेटे रवि ने बताया कि अब हम दिल्ली चलेंगे तो वह अपनी पुरानी यादों में खो गई। शीला जी दिल्ली के बड़े से चौधरी परिवार की बहू और उससे भी बड़े चौधरी परिवार की सबसे छोटी बेटी थी।  परिस्थितियों और सम्मान की सूखी रोटी की चाहत ने उन्हें उड़ीसा में … Read more

 बहु नहीं रोबोट चाहिए। : मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

आपको बहु नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए और खुद भी कंप्यूटर बनी हुई हैं, घर में सेना के जैसे नियम बनाए हुए हैं। प्रिया अपने कमरे में जाते हुए यूं ही बड़बड़ा रही थी और जाते ही बिस्तर पर पौटी करे हुए अपने बेटे कृष को देखकर गुस्से में झल्ला भी रही थी।         राधिका जी … Read more

मन की गांठ – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

 क्यों अम्मा जी, घर में सब तो बराबर नहीं होते, ऐसा आपने ही तो कहा था। अब ननद जी की बेटी के भात के लिए आप थोड़े ही फैसला करेंगे कि कौन कितने पैसे देगा। रमन अगर ज्यादा पैसा दे रहा है तो कोई बात नहीं उसने आपसे लिया भी तो ज्यादा ही है। जाने … Read more

अब बहू घर के तौर तरीके सीख गई है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

पवन ने बहुत बार अपनी माताजी और बहनों को समझाया भी था कि उसकी पत्नी रानी को घर का इतना काम करना नहीं आता।वह बहुत थक जाती है और रोती रहती है।  उससे घर का इतना काम ना करवाया करो।  पवन तो यह कह कर चला जाता था परंतु पराई लड़की ने मेरे बेटे और … Read more

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