रिटायरमेंट – लक्ष्मी त्यागी
शाम का समय था ,चमनलाल जी ,के लिए फोन आया ,उन्होंने फोन उठाया ,दूसरी तरफ से उनके मित्र केशव लाल जी का फोन था, उलाहना देते हुए बोले -अरे यार! क्या कर रहे हो ?अभी तक यहाँ नहीं पहुंचे। आ रहा हूँ ,कहते हुए उन्होंने तुरंत फोन रखा और बच्चों से बोले -जो कार्य मैंने … Read more