पता है…. – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
ऑफिस की सीढियां चढ़ ही रहा था कि पीछे दौड़ती आती पदचापों से थम सा गया मुड़ कर देखा तो अश्विनी था। थोड़ा ठहर तो अविनाश तेरे पैदल चलने में भी वही रफ्तार है जो तेरे ऑफिस काम करने के तरीके में है अरे इतनी जल्दी है तो लिफ्ट से आया जाया कर तुझे पता … Read more