घूंघट के पट खोल – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

जब से नए पड़ोसी आए थे लोगों की जिंदगी में झांकने की मेरी दिलचस्पी को जैसे नए पंख लग गए थे।वैसे तो कुल पांच जने थे उनके घर में लेकिन चार कहना ज्यादा उचित होगा क्योंकि घर की लक्ष्मी  मतलब उनके घर की बहू लक्ष्मी अदिति  हमेशा अदृश्य अवस्था में ही रहती थी।नहीं नहीं नई … Read more

दृश्य बदल गया – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मेम साब चोरी मैने नहीं की है।विश्वास कीजिए मुझ पर। इतने सालों की मेरी ईमानदारी पर बट्टा मत लगाईए ।कितनी थू थू होगी मेरी। आपको अगर मुझे नौकरी से निकालना ही है तो मैं चली जाऊंगी लेकिन आरोप लगाकर मत हटाइए।मुझे कहीं भी काम नहीं मिल पाएगा। नहीं मोहिनी मेरा बेटा दिलीप कह रहा है … Read more

फिक्रमंद – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

गुड मॉर्निंग अरुण भाई क्या बात है आज इतनी सुबह सुबह उठ गए नींद नहीं आई लगता है रात भर .. दरवाजा खोलते ही शोभित जी यूं टपक पड़े मानो रात भर से मेरे दरवाजे पर घात लगाए खड़े थे। कल शाम से तुम कहीं नजर ही नहीं आए मैने कई बार तुम्हारे घर की … Read more

…  ऐसा मैने सोचा था – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अरी सुमित्रा मेरा बैंक बैलेंस और ये संपत्ति किसके लिए हैं मेरी बेटी माला के लिए ही तो हैं।देखना उसकी शादी इतनी धूमधाम से  करूंगा कि पूरा गांव याद रखेगा रामदयाल बिस्तर पर पड़ी अपनी पत्नी का हाथ थामते हुए दिलासा दे रहे थे। आपके मुंह में घी शक्कर जी।लड़का शांतनु तो बहुत अच्छा है।सगाई … Read more

सेल्यूट – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुबह से ही मां का रो रोकर बुरा हाल था।सुमेश को शाम तक बॉर्डर पर पहुंचने का हुक्म आ गया था।सुमेश एक महीने की छुट्टी लेकर घर आया था उसकी शादी जो थी। एक हफ्ते ही तो हुए है शादी के अभी तो नववधू सुलभा  हिल स्टेशन घूमने जाने की तैयारियां कर रही थी। अभी … Read more

 बांटने का सुख – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

लानत है तुम और तुम्हारी रूकी हुई जिंदगी पर ये भी कोई जिंदगी है ।फिर भी तुम इतने प्रसन्न रहते हो।दिन रात एक ही जगह पर खड़े रहना। कहीं आना ना जाना।अपनी फूटी तकदीर पर तुम्हे अफसोस तो होता होगा शिकायत तो होती होगी  मुझे देखो कितनी मेहनत करता हूं कितनी चिंताएं झेलता हूं जिंदगी … Read more

 उसकी क्या गलती है..!! : लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

गली के मोड पर कैब से उसे उतरते देख मै अपलक देखता रह गया था फिर उल्टे पांव वापिस आ गया ..साथ ही वापिस आ गईं वो सारी विस्मृतियां जिन्हें भूलने की गलतफहमी पाले मैं जिंदगी गुजार रहा था। पैंट के पॉकेट में किसी अनछुई अंगूठी को टटोल उठीं थीं मेरी उंगलियां और मन की … Read more

तुक्का – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

भैया ए भैया रुको ना मुझे भी बाइक पर बिठा लो पिंकी ने सागर को देखते ही कहा जो अपनी नई नई बाइक निकालकर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा था। जा जा बड़ी आई बाइक में बैठने वाली मुंह देखा है अपना।मेरी बाइक का मुंह देख कैसा चमचमा रहा है चल चल हाथ मत … Read more

घर ही तो जा रहे हैं – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मां तुम्हे हो क्या है आज कल…. कल भी तुमने मेरा सारा होमवर्क गलत करवा दिया था आज भी ।देखो ये मैथ्स के उत्तर गलत लगाए है तुमने रहने दो नहीं पढ़ाना है तो मत पढ़ाओ पर गलत तो मत बताओ कितनी डांट पड़ी थी कल मुझे क्लास में तुम्हे क्या पता…बेटा नमन दुखी स्वर … Read more

 आत्मबल – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

पढ़ाई में अव्वल रहने वाला अनन्य घर मोहल्ले स्कूल रिश्तेदारी हर जगह सबकी आंखों का तारा था। माता पिता अपने बेटे में अपना सुनहरा भविष्य देख कर निहाल हो जाते थे।स्कूल के शिक्षक ऐसे मेधावी छात्र में भावी उच्च प्रशासनिक अधिकारी की छवि देख  गर्वित हो जाते थे।हर जगह अनन्य का डंका बजता था। किस्मत … Read more

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