ग्लानि – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

चाची….. कुछ सुनाई नहीं दे रहा… ज़ोर से बोलिए…. घर में सब ठीक है ना….. ओह … यहाँ बहुत शोरगुल है…. चाची … रूकिए ज़रा, मैं ऊपर कमरे में जाती हूँ…..  हाँ चाची….. अब बोलिए…. सब ठीक है ना? यहाँ सब रिश्तेदार, पड़ोसी आदि आए हैं…. असल में…. बिट्टू भैया का यही पास के  कस्बे … Read more

मुझे माफ़ कर दो – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

दीदी , चल पड़ी हो क्या ? हाँ भाभी , ट्रेन चल पड़ी है । सीट तो ठीक मिल गई? बच्चों के साथ कोई परेशानी तो नहीं होगी ? जीजाजी भी आ जाते तो अच्छा रहता ।  नहीं-नहीं भाभी , कोई दिक़्क़त नहीं । आराम से पहुँच जाएँगे चलिए रखती हूँ । मिलने पर बात … Read more

बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

जिस दिन पूर्वी का जन्म हुआ उस दिन परदादा महेंद्र प्रताप सिंह जी ने पूरे गाँव में लड्डू बँटवाए ।उनके  ना तो कोई बुआ थी ना बहन और ना ही बेटी । तीनों बेटों के भी बेटे ही बेटे ।  महेंद्र प्रताप सिंह  अपने समय के जाने- माने ज़मींदार थे । आस-पास के गाँवों में … Read more

आत्मसंतुष्टि- करुणा मालिक : Moral Stories in Hindi

मधु ! सामान बाँधने की तैयारी करो …. ट्रांसफ़र रूकने की अब  कोई उम्मीद नहीं  बची, आज पता चला है कि मेरी जगह आने वाले डॉक्टर सोमवार को ज्वाइन कर लेंगे ।  हाय राम ! बताओ …. तंग हो गई मैं तो….. एक साल पहले मेरा ट्रांसफ़र यहाँ हुआ तो अब आपका हो गया …. … Read more

सुकून – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

हाँ शांति….. मैं बोल रहा हूँ जयभगवान , घर में सब ठीक है ना? बापूजी कैसे हैं …..  हाँ जी…. सब ठीक है यहाँ…. आप कैसे हैं ? अब तो बस एक महीने की बात रह गई ……कब से इंतज़ार कर रहे हैं हम सब ….आख़िर रिटायरमेंट के दिन आ ही गए । बापू जी … Read more

बेनाम रिश्ते – करुणा मलिक: Moral Stories in Hindi

कहाँ हो यजमान …… कित्ती देर  से दरवाज़ा खटखटा रही हूँ…कहाँ गए सब ? ए….. मालती …. अपनी माँ और दादी को तो बुला दे   बेटा । मालती ने आवाज़ सुनी और कमरे में लेटी अपनी माँ से कहा—-मम्मी…. वो बाहमणी दादी …आ गई । जब देखो … मुँह उठा कर चली आती है … Read more

सहारा – करुणा मालिक Moral Stories in Hindi

शिखा, ज़रा जल्दी से मेरे क़मीज़ में बटन तो टाँक दे , आज तो इसी शर्ट को पहनना है, ऑफिस में बड़े-बड़े लोग आ रहे हैं । जी.. भैया …बस दो सेकेंड, बड़े भैया ने यह कुर्ता पजामा प्रेस के लिये दिया है, उन्हें पार्टी की किसी मीटिंग में जाना है । शिखा….ओ शिखा…. प्लीज़ … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया -करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

हैलो मम्मी… कैसी हो, कुछ काम कर रही थी क्या …. बहुत देर बाद फ़ोन उठाया । हूँ… हूँ…. दाँत में दर्द है …. फिर फ़ोन करूँगी…. रख दे । माँ के फ़ोन रखते ही मानसी सोचने लगी, दाँत में दर्द….. हो सकता है पर आज दाँत का दर्द…. केवल बहाना  लग रहा है….. शायद … Read more

दिल का रिश्ता-करुणा मलिक Moral stories in hindi

अरे रिक्शा वाले, सुनिए ज़रा , तू ही यहाँ से बच्चों को बड़े स्कूल लेकर जाता है क्या ? हाँ अम्मा , बोलो …. बड़े स्कूल कौन से ……सिटी इंटरनेशनल स्कूल की बात कर रही हो ….  ..यहाँ से तीन बच्चों को ….ले तो जाता हूँ ॥  अरे हाँ…वही । मेरे पोते को भी ले … Read more

ईश्वर जो करता है, अच्छा ही करता है-करुणा मलिक । Moral stories in hindi

जब भी दिवाली आती मीनू के ज़ेहन में अनगिनत सवाल लाती। एक अजीब सी खामोशी और अशांति से मीनू घिर जाती । सभी कहते हैं कि भगवान जो भी करता है, अच्छा ही करता है पर मेरी माँ के जाने में क्या अच्छाई छिपी है ? यह बात मीनू की समझ से बाहर थी । … Read more

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