मनोकामना – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

सिद्धांत! मैं कितनी खुश हूँ, बता नहीं सकती…. अच्छा….. हमें भी तो पता चले तुम्हारी ख़ुशी का  ?  भाई दूज पर भइया- भाभी दोनों हमारे पास आ रहे हैं, अभी-अभी भाभी का फ़ोन आया था । शादी के बाद मेरी पहली भाई – दूज है । पहले मैंने सोचा था कि हम जाएँगे पर आज … Read more

सच्ची हक़दार – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अम्मा, करवा चौथ आ रहा है । इस बार मेरे और  दीदी के लिए सूट कब दिलवाओगी?  ले आओ  बहू पर तुमने तो आज तक करवा चौथ पर मेरी तरफ़ से ख़रीदा कोई सूट सिलवाया ही नहीं । तुम अपनी पसंद से लाती हो फिर सारे सूट क्यों जमा कर रही हो ?  सिलवाने का … Read more

सिंदूर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

वृंदा, कल समय पर तैयार हो लेना , मानव का रिश्ता तय हो गया और बहू को अंगूठी पहनाने चलना है तुम्हें और बुआ जी को हमारे साथ । भाभी, मम्मी जी को कह दूँगी, अभी तो वो मंदिर गई है पर माफ़  करना , मैं नहीं जा पाऊँगी ….. क्यों….. नहीं-नहीं चलना है । … Read more

सोने के कंगन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मुग्धा, विवाह की पहली वर्षगाँठ की बहुत बहुत बधाई! आज मैंने दफ़्तर से छुट्टी ली है, चलो कहीं बाहर घूम कर आएँगे और खाना भी बाहर ही खाएँगे । अरे हाँ, माँ ने विशेष रूप से कहा है कि तुम्हारी मनपसंद कोई उपहार भी दिलवा दूँ, बताओ … क्या चाहिए? आपने कह दिया तो समझो … Read more

किसी की नज़र ना लगे । – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

रावी , कल छोटी बहू के मम्मी- पापा आ रहे हैं, नाश्ते – पानी का अच्छे से इंतज़ाम करके रखना ।  माँजी , क्या मेघा से पूछ लूँ कि आँटी- अंकल को क्या पसंद है, उन्हीं की पसंद का बना लूँगी । अरे वो बड़े लोग हैं । उनकी पसंद के चक्कर में  सामान भी … Read more

हम तो बेटी बनाकर लाएँ है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

समधिन जी , आप क्यों इतना रो रही है? जब चाहें बुला लिया करना मानवी को या खुद चली आया करना , दूर ही कितना है , एक- डेढ़ घंटा बस ……देखना , कैसे बेटी बनाकर रखेंगे हम ।  मानवी के कानों में अक्सर विदाई के समय कहे गए अपनी सास अंजू के स्वर गूँजते … Read more

घुटन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अपने आप तो बाबूजी और माँजी चले गए , इस रूपा को सारी ज़िंदगी हम झेलें , पैंतालीस की हो चुकी …. अब तो शादी होने से रही ……तुम्हारा छोटा भाई परिवार को लेकर नौकरी पर चला गया । एक मैं और मेरे बच्चे, हम निभाते रहे सारे रिश्ते… .  पुष्पा! रूपा  दीदी इस घर … Read more

परिवार- छोटा या बड़ा – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

निम्मी , यार हद कर दी तुमने भी , कल पूरा हफ़्ता हो जाएगा जब लड़के वालों का जवाब आ गया था कि आगे का कार्यक्रम बनाएँ । आख़िर….अब क्या समस्या है? मैं सच्ची कह रही हूँ कि ऐसा घर और वर कभी नहीं मिलेगा । वे तो मम्मी जी की रिश्तेदारी की शर्म करके … Read more

अस्तित्व – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

विद्या , तुझसे कुछ बात करनी है । आज  दोपहर को आएगी क्या?  —-शाम को ही आऊँगी । दोपहर में बड़ी गर्मी होती है फिर तुम लोग भी तो थोड़ा आराम करते हो उस समय , सुबह – शाम तो आने-जाने वाले होते हैं । रात के दस बजे तक कहाँ फ़ुरसत मिलती होगी…. —-तभी … Read more

आदमी औलाद से हारता है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

बारात आ गई…..बारात आ गई….. राधा के कानों में आवाज़ पड़ी, उसने तुरंत पास बैठी सहेली से कहा —- कम्मो, ज़रा झांक के देख तो सही , दुल्हा कैसा है ? और अगर अच्छा न हुआ तो तू क्या मना कर देंगी ब्याह से ? तूने आज तक किसी से नहीं पूछा वो कैसा है … Read more

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