अस्तित्व – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

विद्या , तुझसे कुछ बात करनी है । आज  दोपहर को आएगी क्या?  —-शाम को ही आऊँगी । दोपहर में बड़ी गर्मी होती है फिर तुम लोग भी तो थोड़ा आराम करते हो उस समय , सुबह – शाम तो आने-जाने वाले होते हैं । रात के दस बजे तक कहाँ फ़ुरसत मिलती होगी…. —-तभी … Read more

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आदमी औलाद से हारता है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

बारात आ गई…..बारात आ गई….. राधा के कानों में आवाज़ पड़ी, उसने तुरंत पास बैठी सहेली से कहा —- कम्मो, ज़रा झांक के देख तो सही , दुल्हा कैसा है ? और अगर अच्छा न हुआ तो तू क्या मना कर देंगी ब्याह से ? तूने आज तक किसी से नहीं पूछा वो कैसा है … Read more

गिरह – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

सौरभ तुम्हारी मम्मी का फ़ोन है पर ये मुझे फ़ोन क्यों कर रही है? कहीं तुमने बता तो नहीं दिया कि मैं तुमसे दो हफ़्ते पहले इंडिया जा रही हूँ । फ़ोन तो उठा लो, मैंने कुछ नहीं बताया….क्या मम्मी तुम्हें फ़ोन नहीं कर सकती…..लो फ़ोन कट गया । अच्छा हुआ, कट गया । मैंने … Read more

संदूक खुलाई – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

स्वाति ,मैं सुबह से कह रही थी कि  संदूक खोलने की रस्म कर लो …. रह गई  ना रस्म , और  बहू मायके चल पड़ी …. बता , रुकेगी क्या हफ़्ता-दस  दिन? नहीं तो रस्म अभी घर चलकर करवा देती हूँ । कल से पंचक लग रहे हैं, अब तो बहू सोमवार को आएगी । … Read more

जीवनदान – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अरे करमजले! तू क्या कहीं का राजा- महाराजा है ? जो तेरी अय्याशी के बावजूद कोई अपनी लड़की देगा …. तेरा बेटा हीरो है हीरो … मैं उस उल्टे तवे से शादी हरगिज़ नहीं करूँगा….. लड़कियों की….. नहीं-नहीं हीरोइनों की लाइन लगा दूँगा…… चुप रह बेशर्म!  किसी ओर के सामने दिखा ये सब्ज़बाग़…..  नंदा जी … Read more

निर्णय – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

इस लँगड़े की वजह से घर टूटता जा रहा है….. घर चाचाजी की वजह से नहीं…… तुम्हारे स्वभाव के कारण टूटेगा…शायद तुम भूल रहे हो कि घर मेरे चाचा जी का है । पता नहीं अपाहिज कब तक हमारे सिर पर बैठा रहेगा …. बिना मतलब की ज़िम्मेदारी पल्ले पड़ गई । ख़बरदार माधव , … Read more

एक बेटे का क्या देखा ? – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अम्मा, आज तो सुबह से ही बहू का जी ठीक नहीं….. क्या पता , रात को ही अस्पताल ना जाना पड़ जाए …. आप क्या कह रही थी कि अस्पताल जाने से पहले क्या करना है? मैं कह रही थी कि एक साड़ी और कुछ रुपये गरिमा के हाथ से कुलदेवी का नाम लेकर मंदिर … Read more

समझदारी का उम्र से नाता नहीं – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अरे अभी तो एन० डी० ए० में सिलेक्शन हुआ ही है और शादी! पार्वती! इस लड़के का दिमाग़ तो ठीक है….. पता भी है शादी का मतलब इसको ? बारहवीं पास लड़की है … पापा … मुझे पता है पर मजबूरी है । मैं बस अपने रिज़ल्ट का इंतज़ार कर रहा था….. प्लीज़ समझिए…. कोमल … Read more

श्राप – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

कान्हा ! आज तो ऑफिस जाना ही पड़ेगा, अब तो छुट्टी नहीं मिलेगी….. तुम्हारी तो कक्षाएँ नहीं लग रही तो बेटा ,दादी  और पापा का ध्यान रखना….. तुम्हारा खाना टेबल पर रखा है… छोटे कैसरोल में सब्ज़ी और बड़े में रोटी …. दादी  और पापा की खिचड़ी कुकर में इंडेक्शन पर बनी रखी है….. बस … Read more

घर-वापसी – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

देखते-देखते केशव जी के रिटायरमेंट का दिन आ पहुँचा । आज सुबह तीन बजे ही उनकी आँख खुल गई थी । हर रोज़ चार बजे उठते थे । पहले तो दस मिनट लेटे रहे फिर उठकर पानी पिया , सोने की कोशिश की फिर अजीब सी बेचैनी महसूस हुई तो खड़े होकर कमरे की बत्ती … Read more

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