कलयुग की यशोदा माँ – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

सरोज! अब मेरी भी टिकट बुक करवा दो । ब्याह के पूरे एक महीने पहले आ गई थी । सारे काम बढ़िया से निपट गए , बहू- बेटा भी घूमफिर कर आ गए । ब्याह की थकान भी उतर गई , भई ! अब मत रुकने को कहना ।  चलो ठीक है जीजी ! कल … Read more

अपमान – करुणा मलिक: Moral Stories in Hindi

रवीश , आप क्यों बार-बार चाहत को यह महसूस कराना चाहते हो कि अभि से शादी करनी उसकी गलती है। जब हमारी बेटी उसके साथ खुश है तो फिर परेशानी क्या है?  वो उसके साथ खुश नहीं है गीता ! कमाल है कि तुम माँ होकर भी अपनी बेटी का चेहरा नहीं पढ़ सकती । … Read more

वो दो साल – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

भाभी, आप इतना सब कुछ कैसे सह लेती हो और फिर सहने की ज़रूरत भी क्या है? जब भी अपने मायके जाती हो , हमेशा परेशान होकर ही आती हो । जब वहाँ आपको मान- सम्मान मिलता ही नहीं तो रिश्ता ख़त्म करके अपने घर में सुख- चैन से रहो । सुबह भाई से बात … Read more

दिल का रिश्ता – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

तुम क्यों भाई साहब के पास बैठी रहती हो ?  शायद माँ को अच्छा नहीं लगता, आज फिर से तुम्हें समझाने के लिए कह रही थी ।  मैंने ऐसी कौन सी गलती कर दी जिसमें समझाने की ज़रूरत पड़ गई ? अरे , दोपहर को खाना खाने के बाद भाई साहब लॉन में बैठते हैं … Read more

डिगरी से समझ नहीं आती – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

सोनिया , बेटा कल शाम  कल्पना जी  और आशीष अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ सगाई की रस्म करने आ रहे हैं तो कल सवेरे राघव को स्कूल और संदीप जी के ऑफिस जाने के बाद इधर  ही आ जाना । और  उन्हें बता  देना कि शाम को सीधे यहीं आ जाए ।तू सुन रही है … Read more

इतना तो बनता ही है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माँ, आप कल बच्चों के साथ  क्यों सोई  थी ?  क्यों… क्या मैं बच्चों के साथ नहीं सो सकती?  सो सकती हैं पर वो बाबूजी रात में अकेले रहे । मैं तो केवल ये कह रही थी कि अंश को बाबूजी के पास भेज देती या  आप दोनों पोतों के साथ रहना चाहती थी तो … Read more

पहल – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मम्मी! सर्दियाँ शुरू हो गई है । चलो ये पुराने कपड़े किसी को दे आएँ ताकि नए कपड़ों के लिए जगह बन जाएँ । निक्की, क्या सारे ही गर्म कपड़े निकाल दोगे ? पहनकर देख लो ,अभी तो एकदम नए हैं ।  पर इस साल इनका फ़ैशन नहीं रहेगा मम्मी!   दूसरे कमरे से आती अपनी … Read more

बहुरानी – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

बधाई हो माँ, पहले पोते की सगाई की । अब तो आप दादी सास बन गई ।  पूर्णिमा ने गाड़ी से उतरकर मिठाई का डिब्बा बरामदे में बैठी अपनी सास की गोद में रखकर चरण छूते हुए कहा ।  तुम्हें भी बधाई हो पूर्णिमा रानी ! तुम भी तो सास बन गई । सब काज … Read more

किराएदार – करुणा मलिक  : Moral Stories in Hindi

स्नेहा! आज अपने अंकल के लिए भी रोटी ऊपर से ही दे जाना, देख मेरा तो व्रत है , अब एक जने के ऊपर कहाँ तवा- परात उठाऊँगी । ठीक है आँटी जी ! जिस टाइम अंकल जी  को रोटी खानी होगी, दस मिनट पहले बता दियो, सब्ज़ी गर्म करके रोटी सेक दूँगी ।  श्यामाजी … Read more

पीढ़ियों का फ़ासला – करुणा मलिक  : Moral Stories in Hindi

अरे स्वाति! उठो , आज तो बहुत देर कर दी तुमने । मम्मी भी दरवाज़ा खटखटा कर गई है अभी ।  प्लीज़ राघव , पेट में बहुत तेज दर्द है मंथली प्रोब्लम के कारण ।आप ज़रा मम्मी जी को बता देना । एक टेबलेट खा लेती हूँ अभी , नाश्ते के टाइम तक उठ जाऊँगी … Read more

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