स्त्री कभी रिटायर नहीं होती – कमलेश राणा 

अरे भाई सुरैया कहां हो तुम सुबह से चाय का रास्ता देख रहा हूं लेकिन अभी तक तुम्हारा कुछ अता- पता ही नहीं है।पहले तो तुम जॉब करती थी तो व्यस्त रहती थी.. मन को तसल्ली थी लेकिन अब तो रिटायर हो गई हो तो लगता है और भी ज्यादा बिजी हो गई हो। अरे … Read more

लोग क्या कहेंगे – कमलेश राणा

सुनो जी.. सुबह ऋतु का फोन आया था आज फिर उनके घर में क्लेश हुआ है। मैं तो रोज – रोज यही बातें सुनकर थक गई हूं। बेटी को समझाओ कि तुम उनके हिसाब से एडजेस्ट करो तो वह आधी बात सुनने को तैयार नहीं है.. भुनभुना कर फोन पटक देती है, कहती है कि … Read more

अपनों की पहचान – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

देखो मां.. आपके मना करने के बाद भी यह नीरज आज फिर ठाकुर साहब की हवेली में गया था। तुम भी हमेशा भाई के पीछे पड़ी रहती हो।क्यों नीरज ..अब तुम्हीं बताओ क्या राधा सच कह रही है? हां मां.. उनके बाग में बहुत सारे अमरूद के पेड़ हैं। इस समय तो जैसे उन पर … Read more

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