अपनों की पहचान – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

देखो मां.. आपके मना करने के बाद भी यह नीरज आज फिर ठाकुर साहब की हवेली में गया था। तुम भी हमेशा भाई के पीछे पड़ी रहती हो।क्यों नीरज ..अब तुम्हीं बताओ क्या राधा सच कह रही है? हां मां.. उनके बाग में बहुत सारे अमरूद के पेड़ हैं। इस समय तो जैसे उन पर … Read more

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